//# Adsense Code Here #//
फरीदाबाद 4 अक्टूबर भाजपा सरकार की मजदूर व जन विरोधी नीतियों के खिलाफ अपने हकों और अधिकारों की रक्षा के लिए सीटू एवं खेत मजदूर यूनियन के आह्वान पर 8 अक्टूबर को करनाल में होने वाली हरियाणा के मजदूरों की ललकार रैली में वाईएमसीए वर्कर्स यूनियन ने भाग लेने का निर्णय लिया। आज बुधवार को यह फैसला विश्वविद्यालय के गेट के सामने संपन्न हुई गेट मीटिंग में लिया गया। इस
की अध्यक्षता लेखराज प्रधान ने की। उन्होंने बताया की रैली की पूरी तैयारी कर ली गई है। इस अवसर पर सीटू के जिला सचिव वीरेंद्र सिंह डंगवाल उपस्थित रहे। उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए बताया कि केंद्र और राज्य की सरकारें श्रम कानूनों में संशोधन करके उनको मालिक प्रस्त बना रही है। यूनियनों की मांग है। कि चारों लेबर कोड्स रद्द किए जाएं। ठेका प्रथा समाप्त की जाए। मजदूरों का न्यूनतम वेतन 26हजार रूपए किया जाए। परियोजना कर्मियों और सभी प्रकार के कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया जाए। मनरेगा में 200 दिन का काम और ₹600 की मजदूरी दी जाए। निर्माण श्रमिकों को बोर्ड के तहत पंजीकृत करके सारी सुविधाएं प्रदान की जाए। बिजली बिल 2023 को रद्द किया जाए। सार्वजनिक क्षेत्र के निजीकरण पर रोक लगाई जाए। मजदूरों और किसानों के कर्जे माफ किए जाए। एम एस पी की गारंटी दी जाए। परिवार पहचान पत्र के नाम पर सुविधाओं को छिन्नना बंद किया जाए। सभी मजदूरों को गुजारे लायक पेंशन दी जाए । यूनियन के प्रधान लेखराज ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने श्रमिकों के मांग पत्र पर कार्रवाई नहीं की। अभी ईएसआई कार्ड और पहचान पत्र मेडी क्लेम का काम रुका पड़ा है। अभी तक 41 सफाई कर्मचारियों का दिसंबर 2019 से लेकर जुलाई 2020 तक कुल मिलाकर 8 महीने का वेतन का भुगतान नहीं हुआ है। अभी तक वर्करों को दिन का खाना खाने के लिए कमरा नहीं मिला है। इसके अलावा स्वर्गीय श्री नैकक्षी लाल के बेटे को नौकरी पर लगाने का मामला लंबित पड़ा हुआ है। इन मांगों पर प्रशासन ने कोई भी कार्रवाई नहीं की है। जिसके कारण कर्मचारियों में भारी रोष व्याप्त है। इन मांगों के लिए शीघ्र ही प्रशासन को नोटिस दिया जाएगा। आगे उन्होंने बताया की 8 अक्टूबर को करनाल में होने वाली रैली ऐतिहासिक होगी। इस गेट मीटिंग में इंदर पाल, मानपाल,राजू, विश्राम, नानक, बिजेंदर, सोनू, आदि भी मौजूद रहे।
No comments :