गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल सराय ख्वाजा फरीदाबाद में जूनियर रेडक्रॉस और सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड के सौजन्य से प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा की अध्यक्षता में विश्व पर्यटन दिवस पर अच्छे पर्यावरण स्वास्थ्य पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। जे आर सी एवम एस जे ए बी अधिकारी प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने कहा कि पर्यटन मात्र हमारे जीवन में खुशियों के पल को वापस लाने में ही सहायता नहीं करता है बल्कि यह किसी भी देश के सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनैतिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आज के समय में जहां हर देश की पहली आवश्यकता अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करना है वहीं आज पर्यटन के कारण कई देशों की अर्थव्यवस्था पर्यटन उद्योग के इर्द गिर्द घूमती है। यूरोपीय देश, तटीय अफ्रीकी देश, पूर्वी एशियाई देश, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया आदि ऐसे देश हैं जहां पर पर्यटन उद्योग से प्राप्त आय वहां की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करता है। प्राचार्य मनचंदा ने कहा कि
स के लिए 27 सितंबर का दिन चुना गया क्योंकि इसी दिन 1970 में विश्व पर्यटन संगठन का संविधान स्वीकार किया गया था। पर्यटन दिवस की विशेषता यह है कि हर वर्ष लोगों को विभिन्न तरीकों से जागरुक करने के लिए पर्यटन दिवस पर विभिन्न तरीके की थीम रखी जाती है। इस वर्ष इस दिवस का थीम रखा गया है ‘टूरिज्म एंड वाटर- प्रोटेक्टिंग आवर कॉमन फ्यूचर'। पर्यटन विश्व के लोगों की प्रमुख रुचि रही है लेकिन पर्यटन में भी जल आधारित पर्यटन का अपना विशेष महत्व है। नदियों, झीलों,जल प्रपातों के किनारे दुनियाभर में कई पर्यटन स्थलों का विकास हुआ है और भारत भी इसका अपवाद नहीं है। विश्व पर्यटन दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य पर्यटन और उसके सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक व आर्थिक मूल्यों के प्रति विश्व समुदाय को जागरूक करना है। भारत जैसे देशों के लिए पर्यटन का विशेष महत्व होता है। भारत जैसे देश की पुरातात्विक विरासत या संस्कृति केवल दार्शनिक स्थल के लिए नहीं होती है इसे राजस्व प्राप्ति का भी स्रोत माना जाता है और साथ ही पर्यटन क्षेत्रों से कई लोगों की रोजी रोटी भी जुड़ी होती है। आज भारत जैसे देशों को देखकर ही विश्व के लगभग सभी देशों में पुरानी और ऐतिहासिक इमारतों का संरक्षण दिया जाने लगा है। भारत असंख्य अनुभवों और मोहक स्थलों का देश है। चाहे भव्य स्मारक हों,प्राचीन मंदिर या इसके चमकीले रंगों और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रौद्योगिकी से चलने वाले इसके वर्तमान से अटूट संबंध है। केरल, शिमला, गोवा, आगरा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, मथुरा, काशी जैसी जगहें तो अपने विदेशी पर्यटकों के लिए हमेशा चर्चा में रहती हैं। भारत में अपने लोगों के साथ लाखों विदेशी लोग प्रतिवर्ष भारत घूमने आते हैं। भारत में पर्यटन की उपयुक्त क्षमता है। यहां सभी प्रकार के पर्यटकों को चाहे वे साहसिक यात्रा पर हों, सांस्कृतिक यात्रा पर या वह तीर्थयात्रा करने आए हों या खूबसूरत समुद्री तटों की यात्रा पर निकले हों, सबके लिए खूबसूरत जगहें हैं। दिल्ली, मुंबई, राजस्थान, मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में तो लोगों को घूमते घूमते महीना बीत जाता है। प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने आज पर्यटन दिवस पर पर्यावरण स्वास्थ्य को और भी अच्छा करने की आवश्यकता बताते हुए कहा कि हमारा पर्यावरण जितना स्वस्थ और सुंदर होगा पर्यटन की संभावना भी उतनी ही अधिक होगी तथा देश का आर्थिक विकास भी अधिकता से होगा। उन्होंने प्राध्यापक कुलदीप सिंह, गीता, श्रीपाल तथा सुंदर पेंटिंग बनाने वाले सभी विद्यार्थियों का उत्साह वर्धन करते हुए अभिनंदन किया।
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