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8 अक्टूबर को करनाल में होने वाली ललकार रैली में ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन के सैकड़ो सदस्य भाग लेंगे

Posted by : pramod goyal on : Thursday, 28 September 2023 0 comments
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 फरीदाबाद 28 सितंबर अपनी मांगों व अधिकारों की रक्षा और  न्यूनतम वेतन 26हजार रूपए संशोधित  करने, नियमित रोजगार, एवं मनरेगा में 200 दिन का काम व 600रूपये की दिहाड़ी, कल्याण बोर्ड में पंजीकरण एवं अन्य सुविधाओं के लिए, बढ़ती हुई महंगाई पर रोक लगाने शिक्षा, स्वास्थ्य व सरकारी क्षेत्र का निजीकरण  बंद करने के साथ-साथ चारों लेबर कोड्स को रद्द करने की मांग को लेकर आगामी 8 अक्टूबर को सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन के  आवाहन पर करनाल में होने वाली ललकार रैली में ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन के सैकड़ो सदस्य भाग लेंगे। यूनियन ने इस रैली को सफल बनाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। यूनियन के पदाधिकारी प्रत्येक गांव में जाकर जनसंपर्क अभियान में लगे हुए हैं। आम लोगों में यूनियन का पर्चा वितरित किया जा रहा है। यह जानकारी यूनि


यन के राज्य प्रधान देवी राम ने रैली की तैयारी के सिलसिले में स्थानीय नाहर सिंह पार्क में संपन्न हुई जिला कमेटी की बैठक में दी। इस बैठक की अध्यक्षता जिला प्रधान महेंद्र सिंह माडोतिया ने की। जबकि संचालन जिला सचिव दिनेश पाली ने किया। इस मौके पर सीटू के जिला सचिव वीरेंद्र सिंह डंगवाल विशेष रूप से उपस्थित रहे। कर्मचारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आज देश  प्रदेश की मेहनतकश आबादी भारी संकट में है। देश की आबादी का 54 करोड़ हिस्सा मजदूर है। हरियाणा प्रदेश में भी लाखों की तादाद में मजदूर काम करते हैं। देश को बनाने संवारने चलाने में मजदूरों की बड़ी भूमिका है। मजदूर चाहे कारखाने में काम करता हो खेत में काम करता हो निर्माण के काम में लगा हो मनरेगा में हो, भट्टे पर काम कर रहा हो, घरों में काम करने वाली महिलाएं या फिर रिक्शा ऑटो रिक्शा रेहडी चला रहे मजदूर या ढुलाई के काम में लगे वाहन चालक हो आज सबके परिवारों में भारी संकट है। लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूर हैं। जो निर्माण सहित, उद्योगों, खेती के काम मे संगठित असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे हैं। उनका जीवन नारकीय बनते जा रहा है। निर्माण श्रमिकों के लिए बने कल्याण बोर्ड तक को पंगु बनाकर मजदूरों को पैसा हड़पा जा रहा है। गांव के सफाई कर्मचारी हों चौकीदार हों वन मजदूरों हों परियोजनाओं में काम करने वाली आंगनवाड़ी वर्कर हों, हेल्पर हों आशा वर्कर्स हो मिड डे मील वर्कर, या क्रेच वर्कर, स्वास्थ्य विभाग के ठेका कर्मचारी से लेकर आरोही स्कूल के कर्मी हों सरकार किसी की भी सुनवाई नहीं कर रही  है।एक तरफ काम नहीं मिलने, मजदूरी काम मिलने मामूली से वेतन व मंडे के चलते जिन दुबर हो रहा है। वहीं दूसरी ओर बढ़ती महंगाई शिक्षा और महंगे होते इलाज ने आम आदमी की कमर तोड़ दी है। प्रदेश की सत्ता में बैठी भाजपा सरकार राहत पहुंचाने की बजाय पीड़ित जनता पर ही हमलावर है।  आशा वर्करों की हड़ताल को आज 52 दिन हो गए हैं। लेकिन सरकार बातचीत नहीं कर रही है। इसी तरह आंगनवाड़ी वर्कर और हेल्परों के आंदोलन के दौरान भी सरकार ने रवैया अपनाया था। सीटू राज्य कमेटी ने रैली में सभी यूनियनों को बड़ी तादाद में भाग लेने का आह्वान किया है। आज की सभा को मनोज हंस, सुनील परछा, राजू नरावली,नरेश पावटा, राजु तिगांव, मनोज घरोड़ा,  धर्मेंद्र, ओम प्रकाश, मनोज चंडालिया आदि ने भी संबोधित किया।

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