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फरीदाबाद,15 जून। दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम मेनेजमेंट ने फरीदाबाद सर्कल की पांच सब डिवीजन को निजी हाथों में सौंपने का फैसला लिया है। इन सब डिवीजन में एनएच 4,खेड़ी कलां,तिलपत,सब अर्बन सेक्टर,25 और सेक्टर 55 सब डिवीजन शामिल हैं। इसके लिए बकायदा सर्कल आफिस से 25 अप्रैल, 2023 को इन सब डिवीजन के आपरेशन एंड मेंटीनेंस के सभी कार्यों को निजी हाथों में सौंपने के टेंडर जारी करने की प्रशासनिक स्वीकृति के लिए मेमोरंडम चीफ
इंजीनियर दिल्ली की भेजा जा चुका है। इसकी जानकारी जैसे ही बिजली कर्मचारियों की मिली उनमें हड़कंप मचा हुआ है और निगम मेनेजमेंट के खिलाफ आक्रोश पैदा हो गया है। इस निर्णय से कर्मचारियों व मैनेजमेंट के बीच पुनः टकराव शुरू होने की संभावना पैदा हो गई है। इस निर्णय से पहले मीटर रीडिंग,कैश कलेक्शन,बिल बनाने व बांटने,सब स्टेशन बनाने, सभी प्रकार की लाइनें खिंचने, कनेक्शन देने व आडिट आदि कार्य पहले से निजी हाथों में सौंपे जा चुके हैं।
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा से संबंधित ऑल हरियाणा पावर कारपोरेशनज वर्कर यूनियन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष शब्बीर अहमद गनी, उपाध्यक्ष सुभाष लांबा व सर्कल सचिव कृष्ण कुमार ने निगम मेनेजमेंट द्वारा बड़े गोपनीय तरीके से 5 सब डिवीजन के आपरेशन एंड मेंटीनेंस के काम को निजी हाथों में सौंपने के फैसले की घोर निन्दा की है। उन्होंने यूनियन की ओर से इस पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए निगम मेनेजमेंट से फैसले को वापस लेने और खाली पड़े पदों को भरने की मांग की है। उन्होंने कहा कि भर्ती का विकल्प वर्क आउटसोर्स नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो शीध्र यूनियन की नेगोसिएशन कमेटी मेनेजमेंट के इस निर्णय के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने का फैसला लेगी। उन्होंने बताया कि आपरेशन सर्कल फरीदाबाद में साहयक लाइनमैन से जेई -1 तक तकनीकी कर्मचारियों की 1967 पोस्ट स्वीकृत है। जिसके विरुद्ध 320 रेगुलर व 564 ठेका कर्मचारी यानी कुल 884 कार्यरत हैं तथा 1083 पद रिक्त पड़े हुए हैं। उन्होंने बताया कि यूनियन ने खाली पड़े इन पदों को पक्की भर्ती से भर बेरोजगारों को रोजगार व उपभोक्ताओं को संतोषजनक सेवाएं देने आदि अन्य कई मांगों को लेकर सब डिवीजन से लेकर बिजली मंत्री के सिरसा कैंप कार्यालय तक प्रदर्शन किए। लेकिन निगम मेनेजमेंट न तो डीसी रेट ठेका कर्मियों को नियमित करने की पालिसी बना रही है और न ही खाली पदों को पक्की भर्ती से भर रही है। अन्य मांगों की भी लगातार अनदेखी कर रही है। जिसके कारण यूनियन अब भी आंदोलन कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार जानबूझकर भर्ती नहीं कर रही है। ताकि स्टाफ की कमी का बाहना बनकर उपभोक्ताओं को संतोषजनक सेवाएं प्रदान करने के नाम पर सब डिवीजन को निजी हाथों में सौंपा जा सके। उन्होंने बताया कि सन् 2016 में भी निगम प्रबंधकों ने फरीदाबाद सर्कल की पांच सब डिवीजन को निजी हाथों में सौंपने का फैसला किया था। निजी कंपनी के नाम वर्क आर्डर भी हो चुके थे। लेकिन बिजली कर्मचारी यूनियनों ने एकजुट होकर तीन दिवसीय ऐतिहासिक हड़ताल की थी। जिसके दबाव में सरकार व निगम प्रबंधकों ने फैसला वापस लेने पर मजबूर होना पड़ा था।
श्री लांबा व जनाब गनी ने बताया कि फरीदाबाद सर्कल का रेवेन्यू करीब 250 करोड़ प्रति माह है। इसलिए उपभोक्ताओं को लालच के वशीभूत प्राईवेट कंपनी के अनट्रेंड कर्मचारियों के हवाले करने का जोखिम नहीं उठाया जा सकता। उन्होंने कहा अनट्रेंड कर्मचारियों के एक्सीडेंट बढ़ेंगे, क्योंकि उन्हें लाइनों की कोई जानकारी नहीं होगी। अनट्रेंड स्टाफ होने के कारण उपभोक्ताओं की परेशानियां भी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि सरकार व निगम मेनेजमेंट का यह फैसला कर्मचारी व उपभोक्ता विरोधी है। इसलिए इसका डटकर विरोध किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर 33 व 11 केवी फीडरों का आपरेशन एंड मेंटीनेंस का काम निजी हाथों में चला जाएगा तो पहले से तैनात तकनीकी कर्मचारी वहां क्या काम करेंगे। उनको या तो दूसरी सब डिवीजन में एडजस्ट किया जाएगा या उनकी छंटनी की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्राइवेट कंपनी के आने से वहां पहले से तैनात ठेका कर्मियों पर छंटनी की तलवार लटक जाएगी।
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