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अंतरराष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस - बाल श्रम समाप्त कर बचपन बचाएं

Posted by : pramod goyal on : Monday, 12 June 2023 0 comments
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 राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सराय ख्वाजा फरीदाबाद में प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा की अध्यक्षता में जूनियर रेडक्रॉस, कानूनी साक्षरता प्रकोष्ठ, गाइड्स और सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड ने अंतरराष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस पर बाल श्रम समाप्त कर बचपन बचाने के लिए जागरूकता अभियान चलाया। विद्यालय की जूनियर रेड क्रॉस, गाइड्स तथा सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड प्रभारी प्राचार्य रविंद्र


कुमार मनचन्दा ने कहा कि इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर बच्चों को बाल श्रम से बचाना हैं। बाल श्रम समाप्त करने और उन को शिक्षित कर आत्मनिर्भर बनाने और ऐसे बच्चों का बचपन बचाने के लिए सार्थक प्रयास करने की जरूरत है। प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने कहा कि बच्चों की समस्याओं पर विचार करने के लिए एक महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय प्रयास उस समय हुआ जब वे बीसवीं शताब्दी के अंतिम दशक में न्यूयार्क में इस विषय पर एक विश्व शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें 151 राष्ट्रों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया तथा गरीबी, कुपोषण व भुखमरी के शिकार विश्व भर के करोड़ों बच्चों की समस्याओं पर विचार विमर्श किया गया। रविंद्र कुमार मनचन्दा ने कहा कि बाल श्रम में बच्चों की संख्या बढ़कर 16 करोड़ हो गयी है। इसमें पिछले चार वर्ष में 84 लाख की वृद्धि हुई है। कोविड 19 के प्रभाव के कारण लाखों और बच्चे बाल श्रम के कुचक्र में हैं। संपूर्ण विश्व के लिये बाल श्रम की समस्या एक चुनौती बनती जा रही है। विभिन्न देशों द्वारा बाल श्रम पर प्रतिबंध लगाने के लिये समय समय पर विभिन्न प्रकार के कदम उठाए गए हैं। इस क्रम में विश्व भर में बाल श्रम की क्रूरता को समाप्त करने के लिये हर वर्ष आज के दिवस बारह जून को विश्व बाल श्रम निषेध दिवस मनाया जाता है। बाल श्रम को समाप्त करने के लिये विभिन्न देशों द्वारा प्रयास किये जाने के बाद भी इस स्थिति में सुधार न होना चिंतनीय है। विश्व बाल श्रम निषेध दिवस की शुरुआत अंतर्राष्ट्रीय संगठन द्वारा वर्ष 2002 में की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य बाल श्रम की वैश्विक सीमा पर ध्यान केंद्रित करना और बाल श्रम को पूरी तरह से समाप्त करने के लिये आवश्यक प्रयास करना है। अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन द्वारा जारी रिपोर्ट से पता चलता है कि बाल श्रम को दूर करने में हम अभी बहुत पीछे हैं। प्राध्यापक श्री पाल, राजीव लाल, अध्यापिका माया देवी और प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने बताया कि महक, निशा, राधा, पूजा, आरती और प्रिया पेटिंग और स्लोगन लिख कर बच्चों के भविष्य को संवारने के लिए बच्चों को विद्यालय में और शिक्षा ग्रहण करने की जरूरत पर बल दिया। विद्यालय प्राचार्य मनचंदा ने शिक्षा को प्रमुख अस्त्र बताया जिस की अलख जगा कर बचपन को बाल श्रम से मुक्त कर सकते हैं। प्राचार्य मनचन्दा तथा सभी अध्यापकों एवम विद्यार्थियों ने बच्चों को शिक्षा देने के प्रयासों में तीव्रता लाने का आह्वान करते हुए बचपन को बाल श्रम मुक्त बनाने की अपील की तथा सभी को निपुण हरियाणा के अंतर्गत सक्षम बनाने के लिए गंभीर प्रयास करने की अपील की।

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