फरीदाबाद, 20 जून। एडीसी अपराजिता ने कहा कि नशा मुक्ति के लिए स्टेट एक्शन प्लान को विभिन्न विभागों के अधिकार आपसी तालमेल के साथ लागू करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि धाकड़ कार्यक्रम के तहत स्कूली बच्चों को जागरूक करें तथा नशा बिक्री के केंद्रों की जानकारी लेकर कार्रवाई भी करें और सभी केमिस्ट शॉप पर सीसीटीवी कैमरे लगाने जरूरी,वहीं समय पर जांच भी करें।
एडीसी अपराजिता आज मंगल
वार को अपने कार्यालय में सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार नशा मुक्ति के खिलाफ अभियान के बेहतर क्रियान्वयन के लिए प्रशासनिक तथा पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक कर रही थी।
एडीसी अपराजिता ने कहा कि हमें मिलकर अभियान चलाना है। लोगों को जागरूक करने के लिए गांवों व वार्डों में जागरूकता अभियान चलाना है और नशा बेचने वालों पर सख्त से सख्त कार्रवाई करनी है। इसके लिए स्टेट एक्शन प्लान को गंभीरता से लागू करना होगा। एडीसी ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा नशा रोको अभियान चलाया गया है। जोकि आगामी 26 जून को यूएन दिवस के अवसर पर हमें इस अभियान को और अधिक तेज करना है। उन्होंने कहा कि डीसीपी, एसडीएम, एसीपी, तहसीलदा
बैठक में एसडीएम फरीदाबाद परमजीत चहल, एसडीएम बड़खल पंकज सेतिया, एसडीएम बल्लभगढ़ त्रिलोक चंद, डीडीपीओ राकेश मोर, एसीपी बल्लभगढ़ मनीष सहगल, बीडीपीओ अजीत सिंह, मेडिकल आफिसर डाक्टर प्रदीप कुमार, डाक्टर एमके गोयल, जिला ड्रग कंट्रोलर, डीसीओ सन्दीप सिंह, सहित कई विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
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नशा मुक्त भारत अभियान के प्रति आपकी सक्रिय भागीदारी और प्रतिबद्धता ने देश भर में नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ 3.1 करोड़ युवाओं और 2 करोड़ महिलाओं सहित 9.9 करोड़ लोगों की व्यापक सार्वजनिक पहुंच बनाई है। देश में यह अभियान भूमि सीमा क्षेत्रों समुद्री सीमाओं और मछुआरों और जनजातीय समुदायों के साथ केंद्रित हस्तक्षेपों के साथ नई ऊंचाइयों को छू रहा है, जिसके बारे में आपको समय आने पर सूचित किया जाएगा। इस बीच, जैसा कि आप जानते हैं, 26 जून को "नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस" के रूप में मनाया जाता है, इस दिन के महत्व को देखते हुए हर साल नशा मुक्त भारत के बैनर तले कई ऑन-ग्राउंड और ऑनलाइन गतिविधियों का आयोजन किया जाना है। नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ जागरूकता पैदा करने और इसके दुष्प्रभावों को उजागर करने के उद्देश्य से राज्यों, जिलों और शैक्षणिक संस्थानों में अभियान चलाया जाएगा। यह सुनिश्चित करने के लिए कि इसका उपयुक्त उपयोग किया जाएगा।विभिन्न कार्यक्रमों/कार्यक्रमों जैसे रैलियों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों, सेमिनार, कार्यशा
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