प्रॉपर्टी आईडी में 80 फीसदी लोगों के नाम और उनके मकान के साइज में गड़बड़ी मिली है. शहर के विभिन्न इलाकों में लगाए गए शिविर में इसका पता चला. 700 प्रॉपर्टी आईडी ठीक करने के लिए आवेदन किए गए, इनमें से करीब 560 में नाम और क्षेत्रफल गलत होने की शिकायत थी. अन्य में मोबाइल नंबर, मकान नंबर, पता, दिशा आदि खामियां मिलीं.
नगर निगम प्रशासन ने प्रॉपर्टी आइडी की खामियों को ठीक करने के लिए कई शिविर लगाए. शिविर में प्रॉपर्टी आईडी की खामियां दूर करने के अलावा नई प्रॉपर्टी आईडी बनवाई गई . शिविर में नेट समस्या बनी रही. यहां कुछ घंटों इंतजार के बाद वापस लौट गए. कुछ लोगों ने इंतजार किया और आवेदन कराने में सफल रहे. इन्हें प्रॉपर्टी आईडी ठीक होने का भरोसा दिया गया. एनएच-पांच निवासी ने बताया कि वह एक महीने से चक्कर लगा रहा है. प्रॉपर्टी में किसी और का नाम चढ़ाया हुआ है. रिहायशी मकान को कमर्शियल दिखा रखा है.
बल्लभगढ़ के सेक्टर-3 स्थित सामुदायिक भवन में भी प्रॉपर्टी आईडी दुरुस्त करने के आवेदन लिए. यहां प्रॉपर्टी आईडी ठीक कराने के लिए अधिक संख्या में बुजुर्ग और महिलाएं पहुंची थीं. इनमें ज्यादातर की प्रॉपर्टी का साइज और नाम गलत दिखाए गए. काफी लोगों के मोबाइल नंबर भी नहीं थे. कुछ की प्रॉपर्टी आईडी में मकान किसी के नाम है.
आईडी में खामियों से परेशान लोग नगर निगम ने बीते वर्ष एक निजी कंपनी से 5.71 लाख प्रॉपर्टी आइडी बनवाई थी. जिसे करोडो का भुगतान भी कर दिया गया। इनमें अधिकांश प्रॉपर्टी आइडी में गलतियों की भरमार है. इसके चलते लोग परेशान हैं. किसी का गलत फोटो अपलोड किया गया है तो किसी का नाम गलत है. कुछ संपत्तियों का मालिक किसी और को बना दिया गया है.
मुख्यमंत्री मनहोर लाल प्रॉपर्टी आईडी बनवाने को लेकर अपनी पीठ खुद थपथपा रहे है, लेकिन इसके कारण आम लोग निगम के धक्के खा रहे है। ऊपर से इन्हे जल्द ठीक करने के लिए निगम को 5 हजार का भुगतान करना पड़ता है। प्रॉपर्टी आईडी ठीक करने व नई बनाने के धंधे में निगम कर्मियों - अधिकारियों के साथ - साथ दलालों की भी भी पो - बारह हो रही है। गलती सरकार ने की है और खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है। क्या यही सुशासन और विकास की परिकल्पना है।
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