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फरीदाबाद : नवरात्रों के तीसरे दिन महारानी वैष्णो देवी मंदिर में मां चंद्रघंटा की भव्य पूजा अर्चना की गई. इस मौके पर मंदिर में प्रात से ही भक्तों का तांता लगना आरंभ हो गया. मंदिर संस्थान के प्रधान जगदीश भाटिया ने सभी भक्तों को नवरात्रों की शुभकामनाएं देते हुए उनका भव्य स्वागत किया. श्री भाटिया ने मां चंद्रघंटा की भव्य पूजा-अर्चना का शुभारंभ करवाया.
इस अवसर पर मंदिर में मां के दरबा
र में शहर के जाने-माने उद्योगपति एवं लखानी अरमान ग्रुप के चेयरमैन केसी लखानी, पार्षद मनोज नसवा , संजय वाधवा, उद्योगपति आरके बत्रा, समाजसेवी कमल खत्री, फकीरचंद कथूरिया, विनोद पांडे, नीरज अरोड़ा, सुभाष चंद्रा, नेतराम तथा प्रदीप ने पूजा अर्चना में शामिल होकर मां चंद्रघंटा का आशीर्वाद ग्रहण किया. मंदिर संस्थान के प्रधान जगदीश भाटिया ने आए हुए अतिथियों को माता की चुनरी भेंट की.
र में शहर के जाने-माने उद्योगपति एवं लखानी अरमान ग्रुप के चेयरमैन केसी लखानी, पार्षद मनोज नसवा , संजय वाधवा, उद्योगपति आरके बत्रा, समाजसेवी कमल खत्री, फकीरचंद कथूरिया, विनोद पांडे, नीरज अरोड़ा, सुभाष चंद्रा, नेतराम तथा प्रदीप ने पूजा अर्चना में शामिल होकर मां चंद्रघंटा का आशीर्वाद ग्रहण किया. मंदिर संस्थान के प्रधान जगदीश भाटिया ने आए हुए अतिथियों को माता की चुनरी भेंट की.
इस अवसर पर भक्तों को मां चंद्रघंटा के बारे में बताते हुए श्री भाटिया ने कहा कि यह देवी पार्वती का विवाहित रूप है। भगवान शिव से शादी करने के बाद देवी महागौरी ने अर्ध चंद्र से अपने माथे को सजाना प्रारंभ कर दिया और जिसके कारण देवी पार्वती को देवी चंद्रघंटा के रूप में जाना जाता है। वह अपने माथे पर अर्ध-गोलाकार चंद्रमा धारण किए हुए हैं। उनके माथे पर यह अर्ध चाँद घंटा के समान प्रतीत होता है, अतः माता के इस रूप को माता चंद्रघंटा के नाम से जाना जाता है. श्री भाटिया ने बताया कि मां को दूध और खीर अति प्रिय हैं इसलिए उन्हें भक्तगण खीर का भोग लगा सकते हैं, चंद्रघंटा को सफेद रंग अति प्रिय है, इसलिए जो भी भक्तों मां चंद्रघंटा की सच्चे मन से पूजा करते हुए जो भी अरदास मांगते हैं वह अवश्य पूर्ण होती है.
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