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फरीदाबाद : नवरात्रों के दूसरे दिन महारानी वैष्णो देवी मंदिर में मां ब्रह्मचारिणी की भव्य पूजा अर्चना की गई. इस मौके पर मंदिर में प्रात से ही भक्तों का तांता लगना आरंभ हो गया. मंदिर संस्थान के प्रधान जगदीश भाटिया ने सभी भक्तों को नवरात्रों की शुभकामनाएं दी. श्री भाटिया ने मां ब्रह्मचारिणी की भव्य पूजा-अर्चना का शुभारंभ करवाया.
इस अवसर पर मंदिर में मां के दरबार में
जिला पार्षद शैलेंद्र सिंह, दिनेश खत्री, नीरज अरोड़ा प्रीतम धमीजा, रमेश झाम, वेद भाटिया, एसपी भाटिया, रोहित, विवेक डांग, तथा शिवानी ने हाजिरी लगाई. श्री भाटिया ने आए हुए सभी अतिथियों का स्वागत किया.
जिला पार्षद शैलेंद्र सिंह, दिनेश खत्री, नीरज अरोड़ा प्रीतम धमीजा, रमेश झाम, वेद भाटिया, एसपी भाटिया, रोहित, विवेक डांग, तथा शिवानी ने हाजिरी लगाई. श्री भाटिया ने आए हुए सभी अतिथियों का स्वागत किया.
इस अवसर पर भक्तों को मां ब्रह्मचारिणी के संदर्भ में बताते हुए जगदीश भाटिया ने कहा कि
माता ब्रह्मचारिणी ने इस रूप में फल-फूल के आहार से 1000 साल व्यतीत किए, और धरती पर सोते समय पत्तेदार सब्जियों के आहार में अगले 100 साल और बिताए। जब माँ ने भगवान शिव की उपासना की तब उन्होने 3000 वर्षों तक केवल बिल्व के पत्तों का आहार किया। अपनी तपस्या को और कठिन करते हुए, माँ ने बिल्व पत्र खाना भी छोड़ दिया और बिना किसी भोजन और जल के अपनी तपस्या जारी रखी, माता के इस रूप को अपर्णा के नाम से जाना गया। माता ब्रह्मचारिणी को देवी अर्चना के नाम से भी जाना जाता है. मां ब्रह्मचारिणी हमेशा नंगे पांव चलती हैं तथा उनके दोनों हाथों में अस्त्र-शस्त्र रहते हैं.
माता अपने दाहिने हाथ में जप माला और बाएं हाथ में
कमंडल धारण किए रहती हैं. मां को चीनी से बने पदार्थ अति प्रिय है तथा मां की पूजा में संतरी रंग के फूल अर्पित किए जाते हैं. दूसरे नवरात्रि पर मां ब्रह्मचारिणी की सच्चे मन से पूजा करते हुए उनसे जो भी मुराद मांगी जाती है वह अवश्य पूरी होती है.
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