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2024 में आप की सरकार होने पर, चंडीगढ और एसवाइएल का विवाद समाप्त होंगे;-डा सुशील गुप्ता

Posted by : pramod goyal on : Saturday 9 April 2022 0 comments
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 चंडीगढ, 9 अप्रैल। पूर्व विधायकों की पेंशन पर पंजाब सरकार ने जो फैसला लिया है उसका हम समर्थन करते हैं निर्मल सिंह चार बार के विधायक रह चुके हैं। निर्मल सिंह जल्द ही हरियाणा मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अपनी तीन पेंशन छोड़ने के लिए कहेंगे। आम आदमी पार्टी राजनीति नहीं करने आई बल्कि राजनीति बदलने आई है। दिल्ली एवं पंजाब के बाद अब हरियाणा में इस बदलाव को देखा जा सकता है।

यह बात आज चंडीगढ प्रैस क्लब में पत्रकारों से बातचीत के दौरान हरियाणा प्रभारी तथा आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद डा सुशील कुमार गुप्ता ने कही।
उन्होंने कहा कि पंजाब और हरियाणा में जो जितनी बार विधायक उतनी बार पेंशन का प्रावधान है। जिसको पंजा

ब सरकार ने बदल एक पेंशन देने का फैसला किया है। यह एक साथ सुथरी सरकार ही कर सकती है। जिसको आम आदमी पार्टी की दिल्ली व पंजाब सरकार ने कर दिखाया है। हम चाहेंगे कि हरियाणा सरकार को एक पेंशन लागू की नीति लागू करनी चाहिए। इससे करोड़ों रुपया सरकार का बचेगा और वह प्रदेश में गरीब लोगों पर अपनी योजनाओं पर काम लगा सकती है।

डा गुप्ता ने बताया कि वर्ष 2018 से पूर्व विधायक को पेंशन के रूप में करीबन 23 करोड़ का खर्चा किया गया है,जोकि 2021 में बढकर साढे 30 करोड रूपये हो गया है। अगर इसका पैसा बचता है तो सरकार कई योजनाओं पर खर्च कर सकती है। हम चाहेंगे अन्य विधायक भी इस मुददे पर हमारे साथ आए।
पूर्व विधायक निर्मल सिंह ने कहा कि वह अपनी चार में से तीन पेंशन समाप्त करने के लिए मुख्यमंत्री और स्पीकर को जल्द ही पत्र लिखेंगे। उन्होंने बताया कि वर्तमान में उनको करीबन डेढ लाख रूपये पंेशन के मिलते है।
पत्रकारों के सवालों का जवाब देते सुशील गुप्ता ने कहा जहां तक आम आदमी पार्टी की बात है तो हर आदमी आम आदमी है। पार्टी में हर तबके के लोग लगातार जुड रहे है।
मालूम हो कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार ने विधानसभा में चंडीगढ़ पर दावे को लेकर प्रस्ताव पास किया है। जिस पर हरियाणा विधानसभा ने निंदा प्रस्ताव पास किया था।
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा चंडीगढ़ और एसवाईएल के विवाद को कांग्रेस और भाजपा की सरकार सुलझाने वाली नहीं है। क्योंकि वह इस पर राजनीति की रोटिंया सेकती है। वरना क्या बात है कि जब राज्य और केन्द्र में कांग्रेस और वर्तमान में भाजपा की सरकारें है तो वह इस विवाद को सुलझाते क्यों नहीं है।  
गुप्ता ने कहा कि विधानसभा में पास हुए प्रस्ताव से कोई रास्ता निकलने वाला नहीं है. उन्होंने कहा, विधानसभा में प्रस्ताव पास करने से क्या होगा। हरियाणा को विशेष सत्र बुलाने की क्या जरूरत थी। हरियाणा की राज्य सरकारों को केंद्र के पास जाना चाहिए। जहां वह चंडीगढ़ का आधा आधा हिस्सा मांगें और साथ में 20 हजार करोड़ रुपये की मांग होनी चाहिए ताकि दोनों अपनी-अपनी राजधानियां बना सके।
सुशील गुप्ता ने हरियाणा में भी आम आदमी पार्टी की सरकार बनने का दावा किया। गुप्ता ने कहा कि 2024 में जब दोनों ही राज्यों में आप की सरकार होगी तब एसवाईएल से जुड़े मुद्दे का हल भी कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा मौजूदा सरकार का मकसद एसवाईएल के मुद्दे को सुलझाना नहीं है। यहां मुद्दे पर राजनीति की जा रही है। अगर दोनों राज्यों की सरकार साथ आती है तो यह मुद्दा हल हो सकता है।  लेकिन सीएम खट्टर ऐसा नहीं करने वाले हैं।
बता दें कि पंजाब विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद आम आदमी पार्टी ने मिशन हरियाणा शुरू कर दिया है। हरियाणा में आम आदमी पार्टी की कोशिश खुद को बीजेपी और कांग्रेस के विकल्प के तौर पर पेश करने की है।

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