HEADLINES


More

सरकार ने मानी आइपा की मांग, शिक्षा सत्र 2022-23 में जारी रहेगा 134ए

Posted by : pramod goyal on : Wednesday 13 April 2022 0 comments
pramod goyal
//# Adsense Code Here #//

 शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कहा है कि हरियाणा सरकार ने अभिभावकों की मांग को देखते हुए 134ए को एकदम खत्म नहीं करने का फैसला लिया है। स्कूलों में 134-ए के नियम के तहत दाखिला प्रक्रिया अभी जारी रहेगी। आईपा ने इसे अभिभा


वकों की जीत बताया है।

ऑल इंडिया पैरेंट्स एसोसिएशन आईपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश शर्मा ने कहा है कि अभिभावकों की ओर से आईपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ एडवोकेट अशोक अग्रवाल ने 1 अप्रैल को मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पत्र लिखकर शिक्षा सत्र 2022- 23 में भी 134ए लागू रखने की मांग की थी। जिससे शिक्षा सत्र 2021-22 में दाखिले से वंचित रहे गरीब परिवारों के बच्चों को चालू शिक्षा सत्र में दाखिला मिल सके। चंडीगढ़ में आयोजित प्रेस वार्ता में शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने यह भी कहा है कि इस साल से शिक्षा का अधिकार कानून के तहत पहली कक्षा में बच्चों के दाखिले हो गए हैं। लेकिन इससे ऊपर की कक्षाओं में नियम 134- ए की तहत निजी स्कूलों में दाखिले भी लिए जाएंगे। इस साल दूसरी कक्षा से बारहवीं तक, अगले साल तीसरी कक्षा से ऊपर नियम 134-ए के तहत दाखिले लिए जाएंगे, इस तरह चरणबद्ध तरीके से एक एक क्लास में 134-ए के तहत दाखिले बंद होते चले जाएंगे। आखिर में 134-ए समाप्त कर दिया जाएगा। शिक्षा का अधिकार कानून हमेशा जारी रहेगा। मंत्री ने यह भी बताया कि सरकार ने गरीब बच्चों की पढ़ाई के लिए एक फीस भी निर्धारित की है, जिसके तहत नियम 134-A के तहत पढ़ने वाले दूसरी से पांचवीं कक्षा के बच्चों की 700 रुपये, छठी से 8वीं कक्षा के बच्चों की 900 रुपये और 9वीं से 12वीं तक के बच्चों की 1100 रुपये महीना फीस सरकार की तरफ से दी जाएगी उन्होंने बताया कि नियम 134- ए के तहत दाखिला केवल उन्हीं बच्चों को दिया जाएगा। जिनके अभिभावकों की सालाना इनकम 1 लाख 80 हजार से कम है। आइपा के जिला अध्यक्ष एडवोकेट बीएस विरदी ने शिक्षा मंत्री से अपील है कि प्राइवेट स्कूलों में गरीब बच्चों को दाखिला दिलाने की प्रक्रिया अप्रैल महीने में ही पूरी कर लेनी चाहिए जिससे वे ग्रीष्मकालीन छुट्टियों से पहले इस शिक्षा सत्र की प्रारंभिक पढ़ाई पूरी कर सकें। अगर ऐसा न हुआ तो स्कूल संचालकों की मनमानी के चलते इस साल भी गरीब बच्चों का दाखिला  स्कूलों में नहीं हो पाएगा। स्कूल संचालक ग्रीष्मकालीन छुट्टियां करके गत वर्ष की तरह इस बार भी अपने स्कूल के दरवाजे  गरीब बच्चों के लिए बंद कर देंगे।

No comments :

Leave a Reply