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नाराज आंगनबाड़ी वर्करों और हेल्परो ने उपायुक्त कार्यालय के सम्मुख जोरदार प्रदर्शन किया

Posted by : pramod goyal on : Thursday 17 March 2022 0 comments
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 फरीदाबाद 17मार्च हरियाणा सरकार की नीतियों से नाराज आंगनबाड़ी वर्करों और हेल्परो ने आज बृहस्पतिवार को उपायुक्त कार्यालय के सम्मुख जोरदार प्रदर्शन किया। गुसाई कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की और मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री का पुतला फूका। यूनियन की उप प्रधान गीता एवम्  जिला सचिव माल वति ने कहा कि यदि  सरकार ने नौकरी से बर्खास्त आंगनवाड़ी वर्करों और सहायिकाओं की सेवाएं बहाल नहीं की तो यूनियन की सभी ढाई हजार सदस्य कल काली दिवाली मनाएंगे।इसके साथ साथ आगामी 19 मार्च को तालमेल कमेटी के आवाहन पर कलायत में होने वाली महापंचायत में भी भाग लेंगे। हड़ताली आंगनवाड़ी वर्केरो और सहायिकाओं को संबोधित करते हुए सीटू के जिला उपाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने राज्य सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आज हड़ताल को 101 दिन हो गए हैं। सर


कार ने पहले सभी मांगों को लागू करने का आश्वासन दिया था। जिसमें आंदोलन के दौरान बर्खास्त आगनबाड़ी वर्कर हेल्पर की सेवाओं को बहाल करना भी शामिल था। लेकिन सरकार ने अभी तक बर्खास्तगी बहाल नहीं की है। जिसकी वजह से कर्मचारियों में भारी नाराजगी व्याप्त है।यूनियन ने आंदोलन में कोई नई मांग नहीं रखी। बल्कि देश के प्रधानमंत्री के द्वारा सितंबर 2018 में आंगनबाड़ी वर्कर्स के वेतन में पंद्रह सौ रुपए की बढ़ोतरी और हेल्पर के वेतन में 750 रुपए की बढ़ोतरी को लागू करने एवम् प्रदेश के मुख्यमंत्री के द्वारा मार्च 2018 में विधानसभा की कार्रवाई के दौरान 10 वर्ष की सेवा पूरी कर चुके आंगनवाड़ी वर्करों और हेलपरो को कुशल और अकुशल का दर्जा देने की घोषणा की थी।लेकिन 4 वर्ष का समय पूरा होने के बावजूद भी इन दोनों मांगों को अमलीजामा नहीं पहनाया गया है। सरकार लगातार इन मुद्दों पर टालमटोल की नीति अपनाती रही है। कई दौर की वार्ता होने के बावजूद भी मांगों को लागू करने में टालमटोल की जा रही है। पहले अधिकारियों को हड़ताल कमजोर करने के लिए वर्करों और हेल्परों को टर्मिनेट करने के लिए कह दिया गया। जबकि इन्हीं वर्करों और हेल्परो ने कोराना काल में फ्रंटलाइन वर्कर के रूप में बेहतरीन काम किया था। आज यही सरकार उनकी आवाज को दबाने में लगी हुई है। उन्होंने बताया कि आंगनवाड़ी वर्कर और हेल्पर अपने विभाग की सेवाओं के अलावा दूसरे महकमों का कार्य भी करती हैं। इसके बावजूद भी इनको ईएसआई पीएफ का लाभ नहीं दिया जाता है। इनके लिए कोई पेंशन की योजना नहीं है। दुर्घटना होने पर इलाज की सुविधा प्रदान नहीं की जाती है। यदि किसी वर्कर हेल्पर की मृत्यु हो जाती है। तो उसके बच्चे को नौकरी नहीं दी जाती है। और उन्हें किसी प्रकार की अनुग्रह पूर्वक मिलने वाली  अनुदान राशि भी प्रदान नहीं की जाती है। सरकार इस विभाग में पोषण ट्रैकर एप डाउनलोड करने की योजना बना रही है। इस योजना के लागू होने से हाथ से काम करना बंद हो जाएगा। सभी प्रकार के कार्य ऑनलाइन ही होंगे। इसलिए यूनियन ऑफलाइन काम की परंपरा को जारी रखना चाहती है। क्योंकि काफी वर्करों और हेल्पर  को स्मार्टफोन ऑपरेट करने नहीं आते हैं। इस कार्य को करने के लिए उनमें कोई दक्षता भी नहीं है। फिर भी सरकार ऑनलाइन काम का दबाव बनाते रहती है। आज के प्रदर्शन को सीटू के जिला प्रधान निरंतर पाराशर, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण जन स्वास्थ्य कर्मचारी यूनियन के सर्कल  सचिव धर्मवीर वैष्णव,कमलेश,गीता,अनीता ने भी संबोधित किया

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