फरीदाबाद 11 फरवरी सरकार की नीतियों से नाराज हुई बैठी आंगनवाड़ी वर्करों और सहायिकाओं ने आज शुक्रवार को फरीदाबाद में प्रदेश के मुख्यमंत्री का पुतला दहन किया। वर्कर यूनियन की हड़ताल आज 65 वे दिन भी बदस्तूर जारी रही।आज भी सेक्टर 12 की तरफ जाने वाला मुख्य सड़क मार्ग जीर्णोद्धार की वजह से खराब है। यहां पर कोई ऑटो रिक्शा और दूसरी गाड़ियां नहीं आ रही है। बावजूद ऐसी परिस्थितियों के काफी परेशानियों का सामना करते हुए पैदल ही सैकड़ों की संख्या में वर्कर व हेल्पर उपायुक्त कार्यालय के सम्मुख सेक्टर 12 में पहुंची। वहां पर जमकर नारेबाजी की।और सरकार की टालमटोल की नीतियों से खफा हुई बैठी वर्करों और सहायिकाओं ने लघु सचिवालय के मुख्य गेट पर मुख्यमंत्री का पुतला फूंका। आज के प्रदर्शन का नेतृत्व जिले की वरिष्ठ उपप्रधान सुरेंद्र री ने किया। जबकि संचालन जिला सचिव मालवती कर रही थी। इस मौके पर सीटू के जिला प्रधान निरंतर पाराशर,जिला उपाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह डंगवाल उपस्थित विशेष रुप से रहे। प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए सीटू के जिला उपाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने महिला बाल विकास विभाग के आला अधिकारियों पर हड़ताली आंगनवाड़ी वर्कर और हेल्पर्स पर आंगनवाड़ी केंद्रों को खो
लने का दबाव बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हड़ताली आंगनवाड़ी वर्करों और हेल्पर को कार्यालय में बुलाकर डराया धमकाया जा रहा है। उनको नौकरी से टर्मिनेट करने की धमकी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि अधिकारी हड़ताली कर्मचारियों पर नाजायज दबाव बना रही है। इसको किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि जब तक कर्मचारियों की मांगों का समाधान राज्य सरकार नहीं कर देती है। तब तक हड़ताल जारी रहेगी।राज्य सरकार इनकी समस्याओं का हल नहीं निकाल रही है। यूनियन के मांग पत्र में कोई भी मांग नई नहीं है। जिसको पहले राज्य सरकार के सामने नहीं उठाया गया हो। इन मांगों को लेकर आंगनवाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स 8 दिसंबर से हड़ताल पर हैं।अब यूनियन ने अब 14 फरवरी को को करनाल सीएम सिटी में बड़ा प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। इस प्रदर्शन में पूरे प्रदेश से हजारों की संख्या में वर्कर और हेल्पर शामिल होंगे। यूनियन की मुख्य मांग है। कि मुख्यमंत्री के द्वारा 29 दिसंबर को किए गए समझौते को ज्यों का त्यों लागू किया जाए। वर्ष 2018 में की गई घोषणा के अनुसार वर्कर के वेतन में 15सौ रुपए की बढ़ोतरी और सहायिकाओं के वेतन में 750 रुपए की बढ़ोतरी की जाए।वर्ष 2018 की घोषणा के अनुसार कुशल अकुशल का दर्जा देते हुए महंगाई भत्ते की किस्त को मानदेय में जोड़कर दिया जाए। आंगनवाड़ी वर्करों और हेल्परों को रिटायरमेंट से पूर्व साधारण दुर्घटना होने पर इलाज का पूरा खर्चा दिया जाए। मृत्यु होने पर अन्य विभागों की तर्ज पर तीन लाख का मुआवजा और मृतक के आश्रित को नौकरी दी जाए। ऑनलाइन काम का ऑप्शन दिया जाए। बिना फोन एवं संसाधन के इस बारे में उच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना नहीं की जाए। सरकारी कर्मचारी का दर्जा न देने तक आउटसोर्सिंग पॉलिसी का कर्मचारी मानते हुए मानदेय में बढ़ोतरी की जाए। प्ले वे स्कूल के नाम पर आईसीडीएस की योजना का निजीकरण नहीं किया जाए। वरिष्ठता के आधार पर वर्कर से सुपरवाइजर पदोन्नत किया जाए।हेल्परों को वर्कर पदोन्नत करना । आज के प्रदर्शन को सीमा कोषाध्यक्ष, गीता,अनीता ने भी संबोधित किया।
No comments :