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नहरपार ग्रेटर फरीदाबाद के किसानों ने आज पत्र पर अपने हस्ताक्षर करके प्रधान मन्त्री नरेन्द्र मोदी से मिलने का समय मांगा है और पत्र में आग्रह किया गया है कि उन्हें मिलने का समय दिया जाये नहरपार ग्रेटर फरीदाबाद के 5 गांवों की 600-700 एकड जमीन पर रिहायषी सैक्टर 75 व 80 बनाए गये है निवर्तमान कांग्रेस सरकार ने नहर पार के किसानों की जबरन 16 लाख रूप
ये प्रति एकड के हिसाब से अधिग्रहण किया था जिसका नोटिफिकेषन दिनांक 01/05/2006 को किया गया था नहरपार के किसानों ने अपनी जमीन का जबरन अधिग्रहण जमीन का विरोध किया था और कई महीनों तक लघु सचिवालय सैक्टर-12, फरीदाबाद में धरना दिया था हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने किसानों की रिव्यू याचिका खारिज कर दी अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने 5 गावों का मुआवजा 1229/- रूपये से घटाकर 645/- रूपये कर दिया इस फैसले से किसानों के उपर आर्थिक संकट आ गया और कई बार नहरपार के किसानों ने हरियाणा सरकार से भी इस अधिग्रहण के खिलाफ कर बार मिल चुके है लेकिन कोई भी हल नहीं निकला है और अब इस फैसले के बाद किसानों को कोई आस नजर नहीं आ रही इसलिए किसान प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी से मिलकर नहरपार के जबरन अधिग्रहण का मामला उनके समक्ष रखना चाहते है, नहरपार ग्रेटर फरीदाबाद किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष षिवदत्त वषिष्ठ ने कहा कि नहरपार के किसानों की जमीन मात्र 16 लाख रूप्ये प्रति एकड के हिसाब से अधिग्रहण किया गया था जबकि उस समय प्राईवेट बिल्डर 2-3 करोड रूपये प्रति एकड के हिसाब से खरीद रहे थे अगर उन्हें मिलने का समय मिला तो उनकी मांग होगी या तो उनकी जमीन का मुआवजा मु0 5 करोड के हिसाब से दिया जाये या हरियाणा सरकार की लैण्ड पुलिंग स्कीम में ष्षामिल किया जाये। इस मौके पर राम दयाल, राम स्वरूप, प्रवीन कुमार, महेष चन्द शर्मा, शहजाद खान, अष्वनी, सुरेन्द्र, बहादुर सिंह आदि किसान मौजूद थे ।
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