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फरीदाबाद
। हड़ताली आंगनवाड़ी कर्मियों से वार्ता न करने की हठधर्मिता और बृहस्पतिवार को आशा वर्कर के अंबाला प्रदर्शन को विफल बनाने के लिए जगह जगह गिरफ्तार करने से आक्रोशित वर्करों ने डीसी आफिस पर जोरदार आक्रोश प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के बाद स्वास्थ्य मंत्री का पुतला दहन किया गया। प्रदर्शन में आशा व आंगनवाड़ी वर्करों के अलावा सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा व सीटू से जुड़े विभिन्न विभागों के कर्मचारियों ने भी हिस्सा लिया। प्रदर्शन में आंगनबाड़ी वर्कर्स एंड हैल्पर्स यूनियन हरियाणा की जिला सचिव मालवणी, कोषाध्यक्ष सीमा यादव,सुरेन्द्री, आशा वर्कर यूनियन की जिला सचिव सुधापाल और सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री, जिला प्रधान अशोक कुमार, सचिव बलबीर सिंह, सीटू के जिला प्रधान निरंतर पराशर व उप प्रधान बीरेंद्र डंगवाल आदि मौजूद थे। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने डीसी आफिस पर आयोजित प्रदर्शन को संबोधित करते हुए कहा कि पीएम ने मन की बात है वर्कर के मानदेय में 1500 और हेल्पर के 750 रुपए बढ़ोतरी करने की धोषणा की थी।इसी प्रकार मुख्यमंत्री ने मार्च 2018 में विधानसभा के बजट सत्र में वर्कर को कुशल व हेल्पर को अकुशल श्रमिक के समान वेतन देने व इससे महंगाई भत्ते के साथ जोड़ने की धोषणा की थी।जिसको लागू नहीं किया गया। आंगनबाड़ी वर्कर्स 8 दिसंबर से हड़ताल पर हैं और 14 फरवरी से करनाल में महापड़ाव शुरू हो चुका है। लेकिन अहंकार में डूबी सरकार बातचीत तक करने को तैयार नहीं है। इसके विपरित वर्कर्स को बर्खास्त करके ओर उनके खिलाफ झुठे मुकदमे दर्ज करने दमनकारी हथकंडे अपना रही है। प्रदेशाध्यक्ष लांबा,वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री, सीटू के जिला प्रधान निरंतर पराशर व आशा वर्कर यूनियन की सचिव सुधा पाल ने कहा कि 2018 में स्वास्थ्य मंत्री व आशा वर्कर यूनियन के बीच समझौता हुआ था, जिसको अभी तक लागू नहीं किया गया। समझोते को लागू करने मंत्री आवास पर प्रदर्शन किया जाता है कि एस्मा जैसा काला कानून लगा कर गिरफ्तारी करने जैसा घोर निंदनीय कार्यवाही की जाती है। पुलिस रात को घरों पर दबिश दे रही है। जिसको बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।
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