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बाहरी लोगों व आवारा जानवरों का आरामगय है एनआईटी1के सरकारी हाई स्कूल का प्रांगण

Posted by : pramod goyal on : Sunday 27 February 2022 0 comments
pramod goyal
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 एनआईटी1 स्थित सरकारी हाई स्कूल 5 एकड़ में बना हुआ है। इस स्कूल के चारों तरफ की बाउंड्री है ही नहीं और जो थोड़ी बहुत है वह टूट चुकी है जिसके चलते स्कूल प्रांगण में बाहरी लोगों का जमवाड़ा और आवारा पशुओं का आना जाना हमेशा बना रहता है। स्कूल के नजदीक रहने वाले लोगों  का कहना है कि चारदीवारी ना होने के कारण असामाजिक तत्व स्कूल समय में और उसके बाद भी अंदर आकर शराब पीते हैं, जुआ खेलते हैं। इसकी शिकायत कई बार पुलिस चौकी में भी की गई है। हरियाणा अभिभावक एकता मंच के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट ओपी शर्मा व प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने कहा है कि यह स्कूल हरियाणा विधानसभा की शिक्षा व स्वास्थ्य कमेटी की चेयरमैन व इस क्षेत्र की विधायक


सीमा त्रिखा के विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा है इस स्कूल की जर्जर व कंडम हालात के बारे में उनको पूरी जानकारी है उसके बावजूद उन्होंने इस स्कूल की कायापलट करने की कोई कोशिश नहीं की है। मंच सरकारी शिक्षा बचाओ अभियान के तहत इस स्कूल की स्थिति सुधारने का प्रयास कर रहा है मंच की मार्गदर्शक संस्था सोशल जूरिस्ट ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में प्रदेश के सरकारी स्कूलों की दशा सुधारने के बारे में जो याचिका दायर की है उस पर जनवरी में हरियाणा सरकार को निर्देश दिया गया है कि याचिका में 10 जिलों के जिन 55 सरकारी स्कूलों की कंडम व जर्जर हालत का जिक्र किया गया है उनमें शीघ्र सुधार कराया जाए। इनमें एनआईटी1का यह स्कूल भी शामिल है। कैलाश शर्मा ने कहा है कि टीम मंच ने कई बार इस स्कूल में जाकर स्कूल की स्थिति की जानकारी प्राप्त की है और जिला शिक्षा अधिकारी सहित शिक्षा मंत्री, अतिरिक्त मुख्य सचिव शिक्षा को भी कंडम व जर्जर हो चुकी बिल्डिंग, कमरों की वीडियो और फोटो भी भेजी है। लेकिन छात्रों के हित में कोई भी उचित कार्रवाई नहीं की गई है। जांच के दौरान यह विशेष बात मिली की जो 7 कमरे 10 साल पहले बने हुए हैं वे घटिया निर्माण सामग्री लगने के कारण काफी जर्जर हो गए हैं, उनका लेंटर का सरिया दिखाई दे रहा है और प्लास्टर नीचे गिर रहा है बरसात का पानी कमरों में  आता है जबकि उससे पहले बने हुए कमरे फिर भी ठीक हालात में हैं। वैसे तो इस स्कूल में 10 शौचालय बने हुए हैं लेकिन सभी की हालत जर्जर है, जो दो तीन शौचालय कार्यरत हैं उनमें भी काफी गंदगी भरी हुई है। स्टाफ उनका इस्तेमाल करता नहीं है। महिला शिक्षकों के लिए कोई अलग से शौचालय नहीं है। 

ऑल इंडिया पेरेंट्स एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष एडवोकेट बी एस विरदी, मंच की महिला सेल की संयोजक पूनम भाटिया ने कहा है कि यह स्कूल बहुत पुराना है 50 साल पहले टीन की छत के बने 17 कमरे कंडम व जर्जर घोषित किए जा चुके हैं। इनके अलावा अन्य बने हुए 13 कमरे भी जर्जर हालत में हैं कमरों में काफी सीलन है। उन्हीं में बच्चों को पढ़ाया जाता है। स्कूल में 500 से ज्यादा बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं उन सबकी सुरक्षा के लिए, पढ़ाई का माहौल बनाने के लिए और बच्चों की संख्या बढ़ाने के लिए इस स्कूल की कायापलट करनी बहुत जरूरी है। जनप्रतिनिधियों को इस कार्य में मदद करनी चाहिए।

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