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फरीदाबाद,28 जनवरी।
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने आंगनवाड़ी यूनियन की राज्य प्रधान व महासचिव सहित दो दर्जन से अधिक नेताओं को बर्खास्त करने की घोर निन्दा करते हुए पहली फरवरी को दमन विरोधी दिवस मनाने का ऐलान किया है। यह ऐलान शुक्रवार को जिला कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित करते हुए सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने किया। उन्होंने कहा कि दमन विरोधी दिवस पर सभी विभागों के कर्मचारी प्रदेशभर में सड़कों पर उतरेंगे और सरकार के दमन एवं उत्पीड़न के खिलाफ और हड़ताल की एकजुटता में शहरों में प्रदर्शन करेंगे। बैठक की अध्यक्षता जिला प्रधान अशोक कुमार ने की और संचालन जिला सचिव बलबीर सिंह बालगुहेर ने किया। बैठक में पीएम व सीएम की घोषणा को लागू करवाने की मांग को लेकर 8 दिसंबर से हड़ताल कर रही आंगनवाड़ी वर्कर्स एंड हैल्पर्स यूनियन की राज्य प्रधान देवेन्द्री शर्मा, महासचिव शकुंतला, जिला कमेटी की नेता गीता, सुरेन्द्री,सुमनतारा,अंजू व रामबती को बर्खास्त करने की घोर निन्दा की है। बैठक में 30 जनवरी को सेक्टर 12 स्थित ओपन थिएटर में आयोजित कन्वेंशन में भी शामिल होने का फैसला लिया। इसके अलावा बैठक में 23-24 फरवरी को राष्ट्रव्यापी हड़ताल में भी बढ़-चढ़कर शामिल होने का फैसला लिया गया। 8 फरवरी को प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रव्यापी हड़ताल का नोटिस का नोटिस सरकार को दिया जाएगा। बैठक में सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ,वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री, रोड़वेज के राष्ट्रीय नेता राम आसरे यादव व हरियाणा टूरिज्म कर्मचारी संघ के महासचिव सुभाष देशवाल विशेष तौर पर उपस्थित थे।
जिला कार्यकारिणी के संबोधित करते हुए प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा व वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री ने सवाल किया कि 'एक राष्ट्र,एक चुनाव और 'एक राष्ट्र,एक मतदाता सूची' होने की नसीहत देने वाले जबाव दे कि 'एक राष्ट्र, एक पेंशन और 'एक राष्ट्र,एक जैसी नौकरी' का सिद्धांत देश में लागू क्यों नहीं है। क्या इस पर गंभीर चर्चा की आवश्यकता नहीं है ? श्री लांबा ने कहा कि केन्द्र सरकार को बताना चाहिए कि इस देश में जनवरी,2004 से पहले और जनवरी,2004 के बाद सेवा में लगे कर्मियों पर अलग-अलग पेंशन क्यों लागू है, सभी कर्मियों पर एक समान पुरानी पेंशन स्कीम लागू क्यों नहीं की जा रही है। उन्होंने यह सवाल किया कि एक राष्ट्र में दो प्रकार की नौकरी (कच्ची व पक्की) नौकरी क्यों है, जबकि काम दोनों प्रकार कर्मचारी एक जैसा करते थे। सरकार सभी प्रकार के कच्चे कर्मचारियों को पक्का कर 'एक राष्ट्र और 'एक समान कर्मचारी' का सिद्धांत लागू क्यों नहीं कर रही है। उन्होंने कार्यकारिणी को संबोधित करते हुए कहा कि 23-24 फरवरी की राष्ट्रव्यापी हड़ताल करके उक्त सवालों का जवाब केन्द्र एवं राज्य सरकार से मांगा जाएगा। उन्होंने दावा किया कि राष्ट्रव्यापी हड़ताल ऐतिहासिक एवं अभूतपूर्व होगी। हड़ताल का संयुक्त किसान मोर्चा ने भी समर्थन का ऐलान किया है। उन्होंने पीएम व सीएम की घोषणा को लागू करने की मांग को लेकर 8 दिसंबर से हड़ताल कर रही आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की मांगों का समर्थन किया और बर्खास्तगी और नेताओं के खिलाफ झुठे मुकदमे दर्ज करने की घोर निन्दा की।
राष्ट्रव्यापी हड़ताल की प्रमुख मांगें निम्न हैं:-
राष्ट्री अध्यक्ष सुभाष लांबा ने बताया कि 23-24 फरवरी को होने वाली राष्ट्रव्यापी हड़ताल की प्रमुख मांगों में एनपीएस रद्द कर पुरानी पेंशन बहाली, ठेका प्रथा समाप्त कर कच्चे कर्मियों को पक्का करने, पक्का होने तक समान काम समान वेतन व सेवा सुरक्षा प्रदान करने, छंटनी ग्रस्त कर्मचारियों का समायोजन हो, कच्ची भर्ती बंद हो और कौशल रोजगार निगम भंग हो, नेशनल मुद्रीकरण पाइपलाइन योजना के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों एवं परिसंपत्तियों को बेचने पर रोक लगाने,खाली पड़े लाखों पदों को पक्की भर्ती से भर बेरोजगारों को रोजगार व जनता को बेहतर जन सुविधाएं प्रदान करने, लेबर कोड्स, बिजली संशोधन बिल, नेशनल एजुकेशन पालिसी को रद्द करने,18 महीने के बकाया डीए के एरियर का भुगतान करने, एचआरए के स्लैब में बदलाव करने, पेंशनर्स की 65,70,75 व 80 वर्ष आयु पर बेसिक पेंशन में पांच प्रतिशत बढ़ोतरी करने, ग्रुप डी के कर्मियों का पदोन्नति कोटा बढ़ाकर 50 प्रतिशत और समय घटाकर 2 साल करने, समयबद्ध पदोन्नति (एसीपी) लाभ बिना शैक्षणिक या अन्य शर्त 4-9-14 वर्ष की सेवा पर देने,ग्रेड पे व वेतन विसंगतियों दूर करवान आदि शामिल हैं।
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