फरीदाबाद,10 जनवरी । सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने हड़ताली आंगनबाड़ी कर्मियों की हड़ताल के समर्थन में मंगलवार को सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। संघ ने इसके साथ ही आंगनबाड़ी वर्कर्स एंड हैल्पर्स यूनियन द्वारा 12 जनवरी के जेल भरो का भी पुरजोर समर्थन करने का ऐलान किया है। उल्लेखनीय है कि सरकार की वादाखिलाफी के खिलाफ प्रदेश की 52 हजार आंगनबाड़ी वर्कर्स एंड हैल्पर्स 8 दिसंबर से हड़ताल पर हैं। मंगलवार को सेक्टर 12 में सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा हड़ताली आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ डीसी आफिस पर प्रदर्शन करेगा और मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन डीसी को सौंपा जाएगा। उधर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की 8 दिसंबर से शुरू हुई हड़ताल 34 वे दिन भी जारी रही। यूनियन की राज्य प्रधान देवेन्द्री शर्मा ने कहा कि विभाग के तमाम प्रयासों के बावजूद आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की हड़ताल बढ़ती जा रही है। उन्होंने ऐलान किया है कि जब तक सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करेगी, हड़ताल जारी रहेगी।
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा , वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री, जिला प्रधान अशोक कुमार व सचिव बलबीर सिंह बालगुहेर ने सरकार द्वारा मांगों का समाधान कर हड़ताल समाप्त करवाने की बजाय विभाग द्वारा बर्खास्तगी के नोटिस जारी करने की घोर निन्दा की है। उन्होंने सरकार को चेताया है कि सरकार हड़ताली आंगनबाड़ी वर्कर्स एंड हैल्पर्स का जितना दमन करेंगी, आंदोलन उतना ही बढेंगा, जिससे सरकार की मुश्किलें बढ़ती जाएगी। सरकार दमन व उत्पीड़न यूनियनों में फूट डालकर हड़ताल समाप्त करवाने का लगातार प्रयास कर रही है, लेकिन इसमें उसको भारी निराशा ही हाथ लगेगी। संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने सरकार से बिना किसी देरी किए सितंबर, 2018 में प्रधानमंत्री द्वारा धोषित वर्कर के 1500 रुपए व हेल्पर्ज को 750 रुपए की मानदेय में बढ़ोतरी की घोषणा को एरियर सहित तुरन्त लागू करने की मांग। इसके साथ ही संघ ने वर्कर को 24000 व हैल्पर को 1600 हजार रुपए न्यूनतम मासिक वेतन देने, वर्कर को कुशल और हैल्पर को अर्ध कुशल धोषित कर वेतन देने और इसको महंगाई भत्ते के साथ जोड़ने की मानी हुई मांग को लागू करने, रिटायरमेंट पर वर्कर को पांच व हैल्पर को तीन लाख रुपए रिटायरमेंट लाभ देने, वर्कर से सुपरवाइजर की बिना शर्त प्रमोशन करने की मांग की है। उन्होंने बताया कि विभाग का आलम यह है कि विभाग में आधे से ज्यादा पद डीपीओ व सीडीपीओ व सुपरवाइजर के खाली पड़े हुए हैं। डीपीसी द्वारा पदोन्नति करने की स्वीकृति के बाद भी प्रमोशन नहीं की जा रही है। दूसरा आलम यह भी है कि प्रमोशन के बाद भी ज्वाइन नहीं करवाया जाता है। उन्होंने मुख्यमंत्री से इस मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
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