HEADLINES


More

सर्व कर्मचारी संघ ने एसकेएम द्वारा मजदूर व कर्मचारी संघों के आह्वान पर 23-24 फरवरी की राष्ट्रव्यापी हड़ताल का समर्थन करने के फैसले को ऐतिहासिक कदम बताया

Posted by : pramod goyal on : Monday 17 January 2022 0 comments
pramod goyal
Saved under : , ,
//# Adsense Code Here #//

 फरीदाबाद। 


सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) द्वारा  मजदूर व कर्मचारी संघों के आह्वान पर 23-24 फरवरी की राष्ट्रव्यापी हड़ताल का समर्थन करने के फैसले को ऐतिहासिक कदम बताया है। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने शनिवार को आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा लिए गए इस निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा समर्थित मजदूर व कर्मचारी संघों की यह हड़ताल अंतरराष्ट्रीय वित्तीय पूंजी द्वारा संचालित नव उदारवादी आर्थिक नीतियों का भविष्य तय करेगी। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही 23-24 फरवरी की राष्ट्रव्यापी हड़ताल देश की नव उदारवादी आर्थिक नीतियों द्वारा समर्थित राजनीति की दिशा को भी बदलने में साहयक हो सकती है। उन्होंने कहा कि उक्त राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान देश की दस केन्द्रीय ट्रेड यूनियन और केन्द्र एवं राज्य सरकार के कर्मचारियों के अखिल भारतीय स्तर के कर्मचारी संघों ने संयुक्त रूप से किया गया है। इस हड़ताल की राष्ट्रीय स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी गई है। राज्य में भी मजदूरों व कर्मचारियों की संयुक्त कन्वेंशन 9 जनवरी को कर्मचारी भवन रोहतक में संपन्न हो चुकी है। रविवार को जिला स्तर पर हड़ताल की तैयारियों को लेकर सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के बेनर तले जिला कार्यकारिणी की विस्तारित बैठक आयोजित कर हड़ताल को सफल बनाने के लिए ठोस योजना बनाई गई है। जिसको आगामी दिनों में लागू किया जाएगा।


राष्ट्रव्यापी हड़ताल की मांगें निम्न हैं:-

राष्ट्रव्यापी हड़ताल की प्रमुख मांगों में एनपीएस रद्द कर पुरानी पेंशन बहाल करने, भ्रष्टाचार एवं शोषण पर आधारित ठेका प्रथा समाप्त करने, अनुबंध टीचर व एनएचएम कर्मियों सहित सभी प्रकार के कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने, पक्का होने तक समान काम समान वेतन व सेवा सुरक्षा प्रदान करने, 24 हजार रुपए न्यूनतम वेतनमान देने, आंगनवाड़ी,मिड डे मील व आशा वर्करों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने, सभी प्रकार के छंटनी ग्रस्त और बर्खास्त कर्मचारियों की बहाली व एडजस्टमेंट करने, नेशनल मुद्रीकरण पाइपलाइन योजना के तहत जन सेवाओं का निजीकरण और सार्वजनिक परिसंपत्तियों की बिक्री पर रोक लगाने, खाली पड़े लाखों पदों को पक्की भर्ती से भर बेरोजगारों को रोजगार व जनता को बेहतर जन सुविधाएं प्रदान करने, पूंजीपतियों के हकों में श्रम कानूनों को समाप्त कर बनाए गए मजदूर विरोधी लेबर कोड्स, बिजली संशोधन बिल 2021 व नेशनल एजुकेशन पालिसी को रद्द करने, एमएसपी को कानूनी गारंटी देने, ट्रेड यूनियन, जनवादी एवं मौलिक अधिकारों पर किए जा रहे हमलों पर रोक लगाने, महंगाई पर रोक लगाने, आयकर छूट की सीमा बढ़ाकर दस लाख करना शामिल है।

No comments :

Leave a Reply