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फरीदाबाद,31 दिसंबर।
आंगनबाड़ी वर्कर्स एंड हैल्पर्स यूनियन हरियाणा की प्रदेशाध्यक्ष देवेन्द्री शर्मा ने कहा कि प्रमुख मांगों के समाधान होने तक आंगनबाड़ी कर्मियों की हड़ताल जारी रहेगी। उन्होंने सरकार द्वारा हड़ताल में शामिल न होने वाली सरकारी यूनियनों को साथ लेकर हड़ताल तोड़ने के सरकारी प्रयासों और डीपीओ व सीडीपीओ द्वारा आंगनबाड़ी वर्कर्स एंड हैल्पर्स को डराने-धमकाने की घोर निन्दा की और कार्यकर्ताओं से इसका मुंहतोड़ जवाब देने का आह्वान किया। उन्होंने यह आह्वान शुक्रवार को बीके चौक पर आक्रोश प्रदर्शन से पूर्व आयोजित हड़ताली आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए किया। हड़ताली आंगनबाड़ी वर्कर्स एंड हैल्पर्स ने बीके चौक से नीलम चौक तक जुलूस निकाला और जमकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा, जिला प्रधान अशोक कुमार, जिला सचिव बलबीर सिंह बालगुहेर, खंड प्रधान करतार सिंह व सीआईटीयू के जिला प्रधान निरंतर पराशर व उपाध्यक्ष विजय झा और आंगनबाड़ी वर्कर्स एंड हैल्पर्स यूनियन की खंड प्रधान बिधू व सुषमा आदि मौजूद थे। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने संबोधित करते हुए हड़ताल तोड़ने के लिए सरकार द्वारा अपनाए जा रहे हथकंडों की घोर निन्दा करते हुए चेतावनी दी कि अगर सरकार ने बातचीत से मांगों का समाधान करने की बजाय दमनात्मक कार्रवाई कर हड़ताल को तोड़ने का प्रयास किया तो प्रदेश का कर्मचारी सड़कों पर उतरने पर मजबूर होगा। उन्होंने मुख्यमंत्री से हड़ताली आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मुख्य मांगों को स्वीकार कर हड़ताल समाप्त करवाने का आग्रह किया।
आंगनबाड़ी वर्कर्स एंड हैल्पर्स यूनियन हरियाणा की राज्य प्रधान देवेन्द्री शर्मा, जिला सचिव मालवती व जिला वित्त सचिव सीमा ने अपने संबोधन में कहा कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को यूनियनों के साथ वार्ता हुई थी थी। उस वार्ता में मुख्यमंत्री ने कई मांगों बारे फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि यह हमारे आंदोलन के दबाव में केवल आंशिक सफलता है। लेकिन मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार द्वारा सितम्बर, 2018 में की गई वर्कर के 1500 और हेल्पर की 750 रूपये देने से इंकार कर दिया। साथ ही उन्होंने कुशल व अकुशल मजदूर का दर्जा देने के बारे में भी कोई फैसला नहीं किया। बल्कि मार्च, 2018 में विधान सभा सत्र में खुद की गई घोषणा से ही पीछे हट गए। वार्ता में यह तय हुआ था कि रिटायरमेंट से पहले दुर्घटना या साधारण मृत्यु पर वर्कर व हेल्पर के आश्रित को 3 लाख मुआवजा मिलेगा। लेकिन इसे प्रधानमंत्री बीमा योजना के साथ जोड़कर केवल 2 लाख दुर्घटना मृत्यु तक सीमित कर दिया है। पोषण ट्रैकर एप बारे स्थिति भी स्पष्ट नहीं है।
इसलिए संयुक्त तालमेल कमेटी ने राज्य में 8 दिसंबर से शुरू हुई आंगनबाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर्स की हड़ताल जारी रखने का फैसला लिया है। उन्होंने बताया कि कमेटी ने 5 जनवरी को करनाल या रोहतक में राज्य स्तरीय रैली होगी।
उन्होंने कहा कि हड़ताल के दौरान विभिन्न प्रकार की रिपोर्ट देने समेत सभी अन्य कामों का भी बहिष्कार जारी रहेगा।
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