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फरीदाबाद 5दिसंबर एड्स की बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए जनता कॉलोनी स्थित कुमाऊं सांस्कृतिक मंडल के परिसर में एक सेमिनार का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता सांस्कृतिक मंडल के अध्यक्ष श्री नंदन सिंह कड़ाकोट्टी ने कि जब की संचालन वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने किया। इस कार्यक्रम का आयोजन सामाजिक कार्यकर्ता श्री चंदन
सिंह अधिकारी, अर्था एनजीओ के हिमांशु चंद्रा और पुष्पेंद्र एडवोकेट के द्वारा मिलजुल कर करवाया गया। कार्यक्रम के आरंभ में श्री चंदन सिंह अधिकारी ने बताया कि एचआईवी ही एड्स का कारण बनता है। यह शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता कम कर देता है। हर साल भारत में 10 लाख से ज्यादा मामले एड्स के मिलते हैं। एड्स खून से जुड़े उत्पाद गंदी, सुई, या बिना जांच वाले खून से फैलता है। इसके अलावा योनि, गुद्दा, या मुंह से किए गए असुरक्षित सेक्स से भी एड्स की बीमारी होती है। इसके अलावा गर्भावस्था, प्रसव या देखभाल के दौरान मां से बच्चे को एचआईवी का कारण बनता है। एड्स शरीर की रोग से लड़ने की क्षमता कम करता है। एचआईवी संक्रमित व्यक्ति को कुछ हफ्तों के अंदर बुखार, गले में खराश और थकान जैसे फ्लू के लक्षण देख सकते हैं।एड्स के लक्षणों में वजन घटना बुखार आना रात को पसीना आना थकान बार-बार बीमारी होना मुख्य है।एड्स का इलाज नहीं है। लेकिन एंटी रेट्रोवायरल रिजिम का सख्ती से पालन करने से काफी हद तक रोक का बढ़ना कम हो जाता है। आमतौर पर एचआईवी संक्रमित होने से 10 से 90 दिन के बाद संक्रमण का पता लगता है। पूरी दुनिया में एक दिसंबर को विश्व एड्स दिवस बनाया जाता है। इसका आरंभ 1 दिसंबर 1988 से हुआ है। सेमिनार में उपस्थित आम लोगों ने इस आयोजन की सराहना करते हुए भविष्य में इसको बड़े पैमाने पर आयोजित करने का संकल्प लिया। इस सेमिनार को उमा दत्त भट्ट, डॉक्टर वालिया, धर्मवीर वैष्णव, दिल्ली सामाजिक कार्यकर्ता मुक्ता गुप्ता ने भी संबोधित किया।
We are committed to aware the public about other related issues and welfare at our level .
ReplyDeleteHope will get support from all societies and agencies to deliver things in a better way