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बिजली कर्मचारियों ने बुधवार को सर्कल कार्यलय सेक्टर 23 में आक्रोश प्रदर्शन किया

Posted by : pramod goyal on : Wednesday, 22 December 2021 0 comments
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 फरीदाबाद,22 दिसंबर। डीसी रेट ठेका कर्मियों को नौकरी से निकालने और सरकार व निगम मेनेजमेंट की निजीकरण की नीतियों के खिलाफ और पुरानी पेंशन बहाली व कच्चे कर्मियों को पक्का करने आदि मांगों को लेकर बिजली कर्मचारियों ने बुधवार को सर्कल कार्यलय सेक्टर 23 में आक्रोश प्रदर्शन किया। आल हरियाणा पावर कारपोरेशनज वर्कर यूनियन के बैनर तले आयोजित


इस प्रदर्शन की अध्यक्षता सर्कल सचिव कृष्ण कुमार ने की और संचालन यूनिट प्रधान करतार सिंह ने किया। प्रदर्शन में ठेका कर्मचारियों को नौकरी से निकालने और निजीकरण की नीतियों को तेजी से लागू करने तथा 30 सुत्रीय मांगों की अनदेखी करने के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए आक्रोश प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में यूनियन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष शब्बीर अहमद गनी, केन्द्रीय कमेटी के सदस्य मनोज जाखड़, विनोद कुमार, किसान संधर्ष समिति नहर पार के महासचिव सतपाल नरवत, सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के जिला प्रधान अशोक कुमार व सचिव बलबीर सिंह बालगुहेर, पूर्व प्रधान लज्जा राम, पूर्व यूनिट प्रधान परमाल सिंह, रामभरोसे,फूलमन भारती,विजय देव तेवतिया आदि मौजूद थे।


एसई से हुई बातचीत, मिला आश्वासन

प्रदर्शन के दवाब में अधिक्षण अभियंता नरेश कक्कड़ ने यूनियन को बातचीत के लिए आमंत्रित किया और आश्वासन दिया कि दो दिन के अंदर नौकरी से निकाले गए डीसी रेट ठेका कर्मियों को वापस ड्यूटी पर ले लिया जाएगा। यूनियन के फैसला लिया कि अगर समय सीमा में आश्वासन पूरा नहीं किया गया तो 28 दिसंबर से सर्कल कार्यालय पर लगातार प्रदर्शन किया जाएगा। जिसकी तैयारियों को लेकर 24 से 27 दिसंबर तक सभी सब डिवीजनों में विरोध गेट मीटिंग की जाएगी।

प्रदर्शनकारी बिजली कर्मचारियों को सम्बोधित करते हुए यूनियन के राज्य वरिष्ठ उपाध्यक्ष  शब्बीर अहमद गनी ने कहा कि निगम मैनेजमेंट शोषण की नीति अपनाते हुए नाजायज तरीके से कच्चे कर्मचारियों को नौकरी से निकाल रही है और पक्के कर्मचारियों की चार्ज शीट कर रही है। उन्होंने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार कोरोना महामारी को अवसर के रूप में लेकर कर्मचारियों पर हमले तेज कर रही है। इसी अवसर का फायदा उठाकर सरकार सरकारी विभागों को अपने चहेते पूंजीपतियों के हवाले कर रही है। महामारी की आड़ में आर्थिक कटौतियां लगाई जा रही है। यूनियन नेताओं ने बताया कि बिजली निगमों में जोखिमपूर्ण कार्य के बावजूद कर्मचारियों को काम करने के लिए सुरक्षा के औजार तक नहीं दिए जा रहे है। बडी लाइनों की क्रासिंग के कारण रोजाना दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं,जबकि इन्हें हटाने के लिए यूनियन बार-2 अधिकारियों को कह चुकी है। बिजली वितरण निगम में लाईनों पर काम करने के लिए गाड़ी तक नहीं है। कर्मचारी जब अपनी मांगों को लेकर आन्दोलन करते हैं तो अधिकारी आन्दोलन को कमजोर करने का प्रयास करते हैं।उन्होंने कहा कि प्रदेश के बिजली कर्मचारी सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों को लेकर निर्णायक आन्दोलन शुरू कर दिया है।

प्रदर्शन को निम्न कर्मचारी नेताओं ने संबोधित किया

प्रदशन को यूनिट प्रधान रमेश तेवतिया, करतार सिंह,भूप सिंह, दिनेश शर्मा,  के अलावा धर्मेंद्र तेवतिया, गिरीश राजपूत, देवेंद्र त्यागी आदि  ने भी सम्बोधित किया और कर्मचारी नेता असरफ खान, मुकेश लांबा सुरेंद्र शर्मा, सुबोध कुमार, रामकेश, परवेश, नीरज कुमार, मुकेश लांबा, कुलदीप कुमार, मोहम्मद रफी, तजेंदर सिंह, राहुल गौर, संदीप तनेजा, रामहंस, राजपाल, गौरव कुमार, कुलबीर राठी, सुनील कुमार, गजेंद्र, वेद प्रकाश,मनदीप कौशिक आदि मौजूद थे।

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