फरीदाबाद। एडवोकेट तेजिन्द्र खरबंदा ने कहा कि भारत सरकार ने 1 मई 2014 में स्ट्रीट वैंडरस के अधिकारों की रक्षा के लिये एक कानून स्ट्रीट वैंडरस एक्ट बनाया था लेकिन इस कानून की जानकारी किसी को भी नही है शायद इस कानून की जानकारी नगर निगम को भी नही है इसलिये उन्होने इस कानून को जाने बिना रेहड़ी पटरी वालों को शहर की मार्किट से ऊखाड़ फैंका है और एक अभिवक्ता होने के नाते मैं इस कार्यवाही का विरोध करता हूॅ ।
इस कानून के तहत सैक्शन 22 में लिखा हुआ है कि टाऊन वैंडिगं कमेटी
बनानी चाहिये थी और उस कमेटी का काम था कि हर 5 साल बाद वह कमेटी सर्वे करेगी कि जो लोग रेहड़ी पटरी लगाते हैं उन्हे चिन्हित करेगी और उन्हे सर्टिफिकेट आफ बेंडिग देगी जिससे कानून उन रेहड़ी पटरी वालों के अधिकारों की रक्षा करेगी तथा इसके लिये बैङ्क्षडगं जोन बनाने होगें लेकिन सरकार ने एैसा कुछ नही किया जिसका खामियाज़ा रेहड़ी पटरी वाले भुगत रहे हैं । उन्होने कहा कि इस तरह की कमेटी में निगम कमीशनर , व्यापार मंडल के पदअधिकारी , वैलफेयर के लोग आदि होगें लेकिन एैसी कोई कमेटी नही बनाई गई । उन्होने कहा कि जिस रेहड़ी पटरी वाले के पास सर्टिफिकेट आफ बेंडिग होगा उन्हे नगर निगम नही हटा सकता लेकिन विकास की वजह से हटाना भी पड़ता है तो पहले उनको दूसरी जगह देनी होगी ।
हरियाणा पंजाबी संस्कृति संघ के प्रदेश अध्यक्ष हरीश चन्द्र आज़ाद ने कहा कि जिस तरह से एैसे कानून की जानकारी एडवोकेट तेजिन्द्र खरबंदा ने हमें दी है तब से हमारी संस्था ने यह निर्णय लिया है कि हम रेहड़ी पटरी वालों के अधिकारों की रक्षा के लिये बनाये कानून को लागू करने के लिये सरकार पर दबाव बनायेगें और नगर निगम के जिन अधिकारीयों ने इस एक्ट को नज़र अंदाज करते हुए कानून का धजियाँ ऊड़ाई हैं उन पर कानून के तहत कार्यवाही की जाये ।
No comments :