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आगनबाडी वर्करों की हड़ताल आज 11 वे दिन भी बदस्तूर जारी रही

Posted by : pramod goyal on : Saturday 18 December 2021 0 comments
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 फरीदाबाद18 दिसंबर सेवानिवृत्ति के बाद सामाजिक सुरक्षा की गारंटी और बुढ़ापे का सहारा पेंशन लागू करने,आगनबाडी वर्करों का न्यूनतम वेतन 24हजार रुपए और  हेल्परों को सोलह हजार रुपए का न्यूनतम वेतन देने तथा महंगाई भत्ता लागू करने सहित 19 सूत्री मांगों को प्राप्त करने के लिए के लिए   आगनवाड़ी वर्करों और हेल्परों ने कमर कस ली है। 8 दिसंबर से जारी हड़ताल आज 11 वे दिन भी बदस्तूर जारी रही। प्रदर्शनकारी आगनबाड़ी वर्करों और हेल्परों ने आज शनिवार को लघु सचिवालय के पार्क से उपायुक्त कार्यालय तक प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व राज्य की प्रधान देवेंद्र री शर्मा ने किया।जबकि संचालन जिला सचिव मालवती कर रही थी। इस अवसर पर सीटू के जिला उपाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह डंगवाल विशेष रूप से उपस्थित रहे। प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने बताया कि आज हड़ताल को 11 दिन हो गए हैं। लेकिन सरकार बातचीत करने के लिए भी तैयार नहीं है। यूनियन ने अपनी लंबित मांगों को लेकर प्रदेश की कैबिनेट मंत्री श्री मूल चंद शर्मा के आवास पर भी 16 दिसंबर को प्रदर्शन कर चुकी है। उसके बाद 17 दिसंबर को केंद्रीय मंत्री श्री कृष्ण पाल गुर्जर के सेक्टर 28 निवास पर  प्रदर्शन करके उनके निजी सहायक को मांग पत्र सौंपा था। उन्होंने 18 दिसंबर को दिन में 12:00 बजे यूनियन प्रतिनिधि मंडल को मंत्री जी के साथ वार्तालाप करने के लिए बुलाया था। लेकिन यह अजीब विडंबना ही है। कि समय देने के बाद भी मंत्री जी अपने निवास पर नहीं मिले। सरकार की इस बेरुखी से नाराज होकर यूनियन ने आंदोल


न को और तेज करने का निर्णय लिया है। यूनियन के राज्य प्रधान देवेंद्ररी शर्मा ने बताया कि 20 दिसंबर को यूनियन आंदोलन की रूपरेखा में बदलाव की घोषणा करेगी। क्योंकि कड़ाके की सर्दी के बावजूद सरकार आंगनबाड़ी वर्करों और हेल्पर की परेशानियों को नजरअंदाज कर रही है। जबकि यूनियन ने सरकार को हड़ताल का नोटिस काफी समय पहले दे दिया था। डंगवाल ने बताया कि राज्य सरकार ने वर्ष 2018 में आंगनवाड़ी वर्करों और हेल्परों की मांगो को लागू करने का आश्वासन दिया था। लेकिन अब सरकार वादाखिलाफी कर रही है। आंगनवाड़ी वर्कर व हेल्पर उनके विभाग के काम के अलावा दूसरे विभागों का भी काम करती हैं। जैसे बोट बनाना, बीएलओ की ड्यूटी देना, पेंशन के पेपर बनाना, कोराना काल में बीमार लोगों को दवाइयां और अन्य प्रकार की सहायता करना  करना शामिल हैं। लेकिन इस काम के बदले किसी भी प्रकार का प्रोत्साहन राशि का भुगतान  नहीं किया। किसी भी प्रकार की सुविधा इनको नहीं मिलती है। वर्षों तक काम करने वाली आंगनवाड़ी वर्करों और हेल्परों को सेवानिवृत्ति के बाद किसी भी प्रकार का  लाभ नहीं दिया जाता है। कई आंगनबाड़ी केंद्रों का किराया भी बकाया है। इसकी वजह से आंगनवाड़ी वर्करों और हेल्पर को अपमानित होना पड़ता है। विभाग के अधिकारी और प्रशासनिक अधिकारी आंगनवाड़ी वर्करों  पर ऑनलाइन काम के लिए  लिए दबाव बनाते हैं। लेकिन वर्करों और हेल्परों की मांगो के लिए सरकार से बातचीत करने के लिए दबाव नहीं बनाते। उन्होंने कहा कि सरकार महिला एवं बाल विकास की योजना को एनजीओ के हवाले करना चाहती है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने मांगों को लागू नहीं किया तो यह हड़ताल  अनिश्चितकाल के लिए  हो जाएगी।  उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार सार्वजनिक क्षेत्र और जन कल्याण की सेवाएं खत्म कर रही है।  इसके साथ साथ केंद्र सरकार द्वारा घोषित 1500 व 750 रूपये की बढ़ोतरी, एरियर सहित इसको लागू करे, वर्दी भत्ता कम से कम दो हजार रूपये देने सेवानिवृति लाभ दिए जाएं। आज के प्रदर्शन को जिला सचिव मालवती, गीता, ने भी संबोधित किया।

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