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अंगदान करके जरूरतमंद को नया जीवन देना पूण्य का कार्य -पुलिस उपायुक्त डॉ अंशु सिंह सिंगला

Posted by : pramod goyal on : Sunday 14 November 2021 0 comments
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 फरीदाबाद:* पुलिस उपायुक्त डॉ अंशु सिंगला ने एक नई पहल की शुरुआत करते हुए मेट्रो हॉस्पिटल में आयोजित हेल्थ कॉन्क्लेव में नागरिकों को अंगदान करके जरूरतमंद लोगों के जीवन में फिर से खुशियां लाने के लिए प्रेरित किया। 


पुलिस उपायुक्त अंशु सिंगला सिंगला के बारे में आपको बता दें कि वह एक पुलिस अधिकारी होने के साथ-साथ एक डॉक्टर भी हैं और एक नम्र, मधुभाषी, सरल स्वभाव व प्रभावशाली व्यक्तित्व की धनी हैं और जनकल्याण के कार्यों में हमेशा अपना अहम योगदान निभाती हैं। मनुष्यों के साथ-साथ इन्हे पशु पक्षियों से भी बहुत अधिक लगाव है। डॉ सिंगला हमेशा अपने कल्याणकारी प्रयासों के लिए जानी जाती हैं। पुलिस के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग में भी उनका अच्छा प्रभाव है। पर्यावरण प्रेमी डॉ अंशु हमेशा अपने साथी अधिकारियों व कर्मचारियों को अच्छे कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए जानी जाती हैं। मियावाकी प्रणाली के अंतर्गत जंगल का दंगल लगाने में भी उनकी सराहनीय पहल रही है।

मेट्रो हॉस्पिटल में आयोजित इस हेल्थ कॉन्क्लेव की शुरुआत सरस्वती वंदना से हुई। डॉक्टर सिंगला ने इस अवसर पर लोगों को अंगदान के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि उनका मानना है कि अंगदान करना इस संसार में सबसे पुण्य का काम है। जनकल्याण के कार्यों में अपने आप को समर्पित करते हुए हमें हर प्रकार से मनुष्यों की मदद करनी चाहिए चाहे वह जीवित रहते करें या हमारे जाने के पश्चात। इस जीवन में हम बहुत सारे अच्छे कार्य करते करते हुए पुण्य के भागीदार बनते हैं परंतु हमारे जीवन के पश्चात भी यदि हम किसी जरूरतमंद के काम आ सके तो वह सबसे अधिक पुण्य का कार्य होगा। 

इंसान के शरीर के कई ऐसे अंग हैं जिन्हें काम न करने पर बदला जा सकता है। इसके लिए किसी दूसरे स्वास्थ इंसान से अंग लेकर उसे बीमार व्यक्ति में प्रत्यारोपित किया जाता है। प्रत्यारोपण के लिए अंगों का मिलना तभी संभव है जब कोई अंगदान करता है। उन्होंने कहा कि अभी के समय में बहुत कम लोग अपने अंगों को दान करते हैं परंतु हमें अंगदान की अवधारणा को अपनाना चाहिए ताकि किसी दूसरे के जीवन के अंधियारे को भी हम खत्म कर सकें। अंगदान एक व्यक्ति के जीवन को बचा सकता है। इसके महत्व की अनदेखी नहीं होनी चाहिए। प्रत्यारोपण के लिए गुर्दे, लिवर, फेफड़े, हृदय, हड्डियों, अस्थि मज्जा, त्वचा, अग्न्याशय, कॉर्निया, आंतों और त्वचा का इस्तेमाल आमतौर पर प्राप्तकर्ता को नया जीवन प्रदान करने के लिए किया जाता है। 

हम अपनी आंखों से पूरा संसार देखते हैं इस हरी भरी दुनिया में रहकर भगवान का शुकराना करते हैं, वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनकी आंखें चली जाती हैं और उनकी उनके जीवन में अंधेरा छा जाता है तो क्यों ना हम अपनेनेत्र दान करके उनकी आंखों की रोशनी फिर से लौटा कर उनके जीवन में खुशियां भर दे। डॉक्टर सिंगला के आदर्शवादी विचारों से प्रेरित होकर वहां पर मौजूद महिलाओं में से करीब 20 ने अपने अंग दान करने का निश्चय करते हुए अंगदान करने के लिए रजिस्ट्रेशन किया।

इस अवसर पर मेट्रो हॉस्पिटल की डायरेक्टर पूनम लाल, डॉ विनीता, सीईओ मेजर जनरल वीके दत्ता, डीएवी पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल अनिता गौतम, रोटरी क्लब फरीदाबाद ट्यूलिपस की तरफ से डॉ निधि अग्रवाल, सोलफुल लिविंग से पूजा गुप्ता, बन्नूवाल वेलफेयर से आशा भाटिया, मिशन जागृति से प्रवेश मलिक एवं रानी, उड़ान एनजीओ से सारिका, रॉकिंग ग्रुप ऑफ़ फरीदाबाद से गीता, प्रोत्साहन चैरिटेबल ट्रस्ट से नम्रता, बदलाव हमारी कोशिश से सुषमा यादव, वीरांगना नारी शक्ति से सुनीता गुप्ता, वीर भारत ट्रस्ट से संगीता नेगी इत्यादि मौजूद रही।

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