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फीस व फंड्स ना देने पर छात्रों को एग्जाम में बैठने से ना रोका जाए - हाई कोर्ट

Posted by : pramod goyal on : Monday 29 November 2021 0 comments
pramod goyal
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 हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने स्कूल प्रबंधकों पर ट्यूशन फीस के साथ साथ अगला पिछला एनुअल चार्ज व अन्य फंडस वसूलने का आरोप लगाया है। मंच का कहना है कि जो अभिभावक इसका विरोध कर रहे हैं उनके बच्चों को हरासमेंट किया जा रहा है, उन्हें अर्धवार्षिक परीक्षा में बैठने से रोका जा रहा है। मंच ने इसका विरोध किया है और इसकी शिकायत मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री,शिक्षा निदेशक व चेयरमैन सीबीएसई


, एफएफआरसी से की है। मंच ने अभिभावकों से कहा है कि वे जागरुक व एकजुट होकर स्कूलों की इस मनमानी का पुरजोर विरोध करें और मासिक आधार पर बिना बढ़ाई गई सिर्फ ट्यूशन फीस ही जमा कराएं इसके अलावा अन्य किसी भी फंडस में एक पैसा भी ना दें। मंच के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट ओपी शर्मा व प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने कहा है कि        एमवीएन, एपीजे, महादेव देसाई, मानव रचना, डीएवी, रयान आदि अन्य कई स्कूलों के अभिभावकों ने मंच को बताया है कि वे मासिक आधार पर लगातार ट्यूशन फीस दे रहे हैं अब दिसंबर में दसवीं बारहवीं की फर्स्ट सेमेस्टर व अन्य कक्षाओं की घरेलू परीक्षाएं होने जा रही हैं स्कूल प्रबंधक छात्रों को इनमें शामिल करने के लिए अभिभावकों से अगला पिछला एनुअल चार्ज मांग रहे हैं ना देने पर परीक्षा में ना बैठने देने की धमकी दे रहे हैं। जो पूरी तरह से गैरकानूनी है। मंच के प्रदेश संरक्षक सुभाष लांबा व मंच के जिला सचिव डॉ मनोज शर्मा ने कहा है कि स्कूल प्रबंधक उच्चतम न्यायालय द्वारा राजस्थान के मामले में दिए गए एक फैसले को आधार मानकर बढ़ाई गई ट्यूशन फीस व अन्य गैर कानूनी फंडों में फीस मांग रहे हैं जबकि यह स्पष्ट हो गया है कि उच्चतम न्यायालय का फैसला सिर्फ राजस्थान के लिए है ना कि अन्य राज्यों के लिए। मंच ने इसकी लीगल जानकारी अतिरिक्त मुख्य सचिव शिक्षा डॉ महावीर सिंह, शिक्षा निदेशक जे गणेशन, चेयरमैन एफएफआरसी कम मंडल कमिश्नर फरीदाबाद संजय जून के  साथ-साथ स्कूल प्रबंधकों को प्रदान कर दी है। मंच ने चेयरमैन एफएफआरसी फरीदाबाद को पत्र लिखकर स्कूलों की इस मनमानी पर रोक लगाने की मांग की है और कहा है कि जिस तरह गुरुग्राम मंडल के मंडल कमिश्नर कम चेयरमैन एफएफआरसी ने गुरुग्राम के मनमानी कर रहे स्कूलों के पिछले 5 साल के खातों की जांच व आय व्यय का ऑडिट करने का आदेश दिया है उसी प्रकार वह भी अपने अधिकार का प्रयोग करते हुए फरीदाबाद के मनमानी कर रहे प्राइवेट स्कूलों के पिछले 5 साल के  खातों की जांच व ऑडिट  कराएं। जिससे पता चल सके कि स्कूल प्रबंधक घाटे में हैं या फायदे में और उनके पास कितना रिजर्व व सरप्लस फंड है। 

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