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मांगों को लेकर बिजली कर्मचारी 29 नवंबर को प्रदेश भर में प्रदर्शन करेंगे - सुभाष लांबा

Posted by : pramod goyal on : Tuesday 23 November 2021 0 comments
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 फरीदाबाद,23 नवंबर। 


बिजली संशोधन विधेयक 2021 को रद्द करने, पुरानी पेंशन बहाली व ठेका प्रथा समाप्त कर कच्चे कर्मियों को पक्का करने, पक्का होने तक समान काम समान वेतन व सेवा सुरक्षा प्रदान करने आदि मांगों को लेकर बिजली कर्मचारी 29 नवंबर को प्रदेश भर में प्रदर्शन करेंगे। यह ऐलान मंगलवार को यूनियन कार्यलय में आयोजित यूनिटों की आयोजित संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए एसकेएस के प्रधान व एएचपीसी वर्कर यूनियन के उपाध्यक्ष सुभाष लांबा ने किया। बैठक की अध्यक्षता बल्लभगढ़ यूनिट के प्रधान रमेश चंद्र तेवतिया ने की। बैठक में यूनियन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष शब्बीर अहमद गनी, केन्द्रीय कमेटी के सदस्य डालचंद शर्मा, विनोद कुमार के अलावा एनआईटी यूनिट के प्रधान भूप सिंह, सचिव गिरीश राजपूत, ग्रेटर के प्रधान दिनेश शर्मा,ओल्ड यूनिट के सचिव देवेंद्र त्यागी, बल्लभगढ़ के सह सचिव धर्मेन्द्र तेवतिया,सुरेंद्र शर्मा, दिगम्बर सिंह, संजय कुमार, सुबोध कुमार, दीपक हुड्डा, मनदीप कौशिक, वेदप्रकाश, अशोक कुमार, प्रेम सिंह, जसराम, श्याम सुंदर, कमल शर्मा, राजेंद्र सिंह राहुल गौर

आदि मौजूद थे। बैठक में सर्व सम्मति से 26 नवंबर को संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर बिजली कर्मचारी मोटरसाइकिलों के जत्थे के साथ अटोहा मोड़ पलवल में चल रहे धरने में शामिल होंगे। इसके अलावा बिजली कर्मचारी सरकार व निगम मेनेजमेंट की कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ और कर्मचारियों की मांगों के समर्थन में 29 नवंबर को सभी सब डिवीजन में विरोध सभाएं आयोजित कर प्रदशनों का आयोजन किया जाएगा। बैठक में सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के आह्वान पर 12 दिसंबर के जिला मुख्यालय पर आयोजित हल्ला बोल प्रदर्शन में भी बढ़ चढ़कर शामिल होने का फैसला लिया गया।

राज्य वरिष्ठ उपाध्यक्ष शब्बीर अहमद गनी ने मीटिंग को सम्बोधित करते हुए कहा कि मांग पत्र में बिजली कर्मचारियों से संबंधित 30 मांगों का मांग पत्र दिया गया है। जिस में मुख्य मांग व समस्याएं इस प्रकार है। बिजली संशोधित बिल 2021 वापस लिया जाए, बिजली निगमों के निजीकरण पर रोक लगाई जाए, बिजली निगमों में ठेकेदारों के माध्यम से कार्यरत कच्चे कर्मचारियों को ठेकेदार को बीच में से निकाल कर सीधा निगमों द्वारा रोल पर रखा जाए, पूरे प्रदेश में समान काम के लिए समान वेतन लागू किया जाए, एनपीएस को समाप्त करके पुरानी पेंशन नीति लागू की जाए, केंद्र सरकार की तर्ज पर सरकार का हिस्सा 10 प्रतिशत से बढ़कर 14 प्रतिशत किया जाए,  ईएसआई की सेवा को वेतन की सीमा से ना जोड़ा जाए, नियमित कर्मचारियों की तरह कच्चे कर्मचारियों को भी एक्सग्रेशिया नौकरी,एक्सग्रेशिया राशि और लास्ट पे ड्रान का लाभ दिया जाए, सभी बिजली निगमों में कच्चे कर्मचारियों की सीनियरिटी लिस्ट बनाई जाए, डेट ऑफ रिटायरमेंट निर्धारित की जाए, बिजली कर्मचारियों को भी करोना योद्धा माना जाए, करोना में मृत्यु हो जाने पर बैंक व निगम  मुआवजा नीति लागू हो तथा कच्चे कर्मचारियों पर भी यह नीति पक्के कर्मचारियों के समान ही लागू की जाए, राइट टू सर्विस एक्ट को ठीक से लागू करने के लिए सभी स्तरों पर स्टाफ व अन्य संसाधनों का पूरा किया जाए, बिजली दुर्घटनाओं को रोकने व अन्य सभी कार्यों के लिए टेक्निकल स्टाफ को विशेष परिश्रम दिया जाए। 

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