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केंद्र एवं राज्य सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया

Posted by : pramod goyal on : Thursday 23 September 2021 0 comments
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 फरीदाबाद 23 सितंबर जॉइंट ट्रेड यूनियन काउंसिल फरीदाबाद के बैनर तले विभिन्न यूनियनों के सैकड़ों  कार्यकर्ताओं ने आज वीरवार को  केंद्र एवं राज्य सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार अलग-अलग संगठनों के सक्रिय कार्यकर्ता अपने हाथों में झंडे और बैनर लेकर के एनआईटी बस स्टैंड के सामने एकत्रित होने शुरू हो गए थे। यहां से जुलूस की शक्ल में बीके नगर निगम चौक पर नारे लगाते हुए पहुंचे। गुस्साए लोगों ने केंद्र सरकार पर सार्वजनिक उपक्रमों को बेचना बंद करो नई राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन की नीतियों को वापस लो के नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व एटक के महासचिव बेचू गिरी, सीटू के जिला प्रधान निरंतर पराशर, इंटक के जिला प्रधान हुकुमचंद बेनीवाल, हिंद मजदूर सभा के जिला प्रधान आरडी यादव, आईसीटी यूके कामरेड जवाहरलाल ने संयुक्त रूप से किया। जबकि कार्यक्रम का संचालन कन्वीनर लाल बाबू शर्मा कर रहे थे। सैकड़ों मजदूरों को संबोधित करते हुए एटक के महासचिव बेचू गिरी ने केंद्र और राज्य सरकार पर मजदूरों की ईएसआई और प्रोविडेंट फंड में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि लाखों की संख्या में लाभार्थियों को इन दोनों सुविधाओं से वंचित किया जा रहा है। कंपनियों के मालिक मजदूरों का भविष्य निधि और ईएसआई का खाता ही नहीं खुलते हैं। ताकि उन्हें मजदूरों के खातों में धनराशि जमा करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सके। उन्होंने


कहा कि सरकार ने मजदूरों के लिए बनाए गए श्रम कानून में संशोधन करके उन्हें कारखाना प्रबंधकों के हक में बना दिया है। प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए सीटू के जिला उपाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने बताया भाजपा सरकार राष्ट्रीय मुद्रीकरण की नीति को पाइप लाइन में बता कर जन सेवाओं के विभागों के आकार को घटा रही है। सरकार सरकारी परिसंपत्तियों का हिस्सा निजी कंपनियों को बेचकर धन एकत्रित करना चाहती है। इस प्रकार से जहां एक तरफ विभागों के आकार छोटे हो जाएंगे। जिसकी वजह से रोजगार के अवसर समाप्त हो जाएंगे। दूसरी तरफ बेरोजगारों की संख्या बढ़ती जाएगी। क्योंकि नई नीतियों में पुराने पदों को समाप्त करके नए पद सृजित करने पर रोक लगाने की योजना भी शामिल है। उन्होंने कहा कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्रों को घाटे का सौदा बता कर उस पर  अधिक निवेश नहीं करना चाहती है। जबकि आम जनमानस को सार्वजनिक क्षेत्रों से ही आसानी से निशुल्क जन सेवाएं मिल सकती हैं। लेकिन जन सेवाओं को समेटा जा रहा है। उन्होंने इसके अलावा सरकार से कोरोना की बीमारी से मरने वाले परिवार के सदस्यों को उचित मुआवजा देने, पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस, और खाद्य तेल पदार्थों की मूल्य वृद्धि को वापस लेने, गैर आयकर दाता परिवारों को 7500 रुपए प्रति माह की आर्थिक सहायता प्रदान करने, तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने, मनरेगा का विस्तार करने की भी मांग की। मजदूरों को संबोधित करते हुए इंटक जिला प्रधान हुकम चंद बेनीवाल ने बताया कि प्रदेश में मजदूरों का भारी शोषण हो रहा है। कारखाने के प्रबंधक मजदूरों को न्यूनतम वेतन तक नहीं देते हैं। यदि कोई मजदूर वेतन देने की बात करता है। तो उसको नौकरी से निकाल दिया जाता है। आईसीटी यू के प्रधान कामरेड जवाहरलाल ने बताया कि फरीदाबाद का श्रम विभाग मजदूरों की नहीं सुनता है। यहां पर मजदूरों को न्याय नहीं मिल रहा है। कोरोना काल में सभी विभागों के कार्यालय खुल गए लेकिन मजदूरों के हितों की रक्षा के लिए बनाए गए एकमात्र विभाग श्रम कार्यालय आज भी बंद पड़ा है। प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए किसान यूनियन के प्रधान नवल सिंह ने बताया कि देश के किसान 10 महीने से संघर्ष कर रहे हैं। लेकिन उनकी समस्याओं का समाधान करना तो दूर की बात है। उनसे बातचीत करना भी सरकार नहीं चाहती है। उन्होंने आगामी 27 सितंबर को संयुक्त किसान मोर्चा के आव्हान पर होने वाले भारत बंद में भाग लेने का आह्वान किया। इस सभा को सीटू के उप प्रधान विजय झा, एटक के बैजू सिंह, हिंद मजदूर सभा के डीएन मिश्रा, ने भी संबोधित किया। सभा का समापन एटक के वित्त सचिव बिशंबर सिंह ने किया उन्होंने सभी आंदोलनकारियों से आगामी 27 तारीख को जिला मुख्यालय पर होने वाले प्रदर्शन में भाग लेने अपील की।

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