HEADLINES


More

अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस - शिक्षा रूपी दीपक से जीवन में उजियाला लाएं

Posted by : pramod goyal on : Wednesday 8 September 2021 0 comments
pramod goyal
Saved under : , ,
//# Adsense Code Here #//

 राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय एन एच तीन फरीदाबाद की सैंट जॉन एम्बुलेंस ब्रिगेड, जूनियर रेडक्रॉस तथा गाइडस ने प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा के निर्देशानुसार अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर विशेष जागरूकता अभियान के अन्तर्गत सभी को साक्षर बनने और बनाने का प्रयास कर के समाज के अज्ञान रूपी अंधकार को समाप्त करने का आह्वान किया। जूनियर रेडक्रॉस काउन्सलर, ब्रिगेड अधिकारी एवम् प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने कहा कि साक्षरता दिवस मनाने का उद्देश्य समाज में लोगों के प्रति शिक्षा को प्राथमिकता देने को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस की थीम डिजिटल डिवाइड को कम करना है अर्थात डिजिटल साक्षरता के बारे में लोगों में अधिक जागरूकता पैदा करने के लिए निर्धारित है। ह्यूमन सेंटर्ड रिकवरी के लिए साक्षरता में डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देना है। रविंद्र कुमार मनचन्दा ने कहा कि कोरोना महामारी ने बच्चों, युवाओं और वयस्कों की शिक्षा को बहुत अधिक प्रभावित किया है और विभिन्न कठिनाइयां खड़ी की है इस से नागरिकों के बीच ज्ञान का विभाजन बढ़ा है। मनचन्दा ने बताया कि यूनेस्को


ने प्रथम बार 7 नवम्बर 1965 को अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाने का निर्णय लिया था और 1966 में प्रथम साक्षरता दिवस मनाया गया था। सम्पूर्ण विश्व में 8 सितंबर को विश्व साक्षरता दिवस मनाया जाता है। रविंद्र कुमार मनचन्दा ने बताया कि मानव विकास और समाज के लिए उनके अधिकारों को जानने और साक्षरता की ओर मानव चेतना को बढ़ावा देने के लिए अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया जाता है। सफलता और जीने के लिए साक्षरता बेहद महत्वपूर्ण है। प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने कहा कि साक्षरता का अर्थ केवल पढ़ने-लिखने या शिक्षित होने से ही नहीं है बल्कि यह हमारे अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूकता लाकर सामाजिक विकास का आधार निर्धारित कर सकता है। यू एन ओ के एक आंकड़े के अनुसार सम्पूर्ण विश्व में चार अरब लोग साक्षर हैं और आज भी एक अरब लोग पढ़-लिख नहीं सकते हैं। वर्ष 2018 में जारी एम एच आर डी की शैक्षिक सांख्यिकी रिपोर्ट के अनुसार भारत की साक्षरता दर लगभग सत्तर प्रतिशत है। यह संख्या गांव और शहर दोनों को मिलाकर है। ग्रामीण भारत में साक्षरता दर पैसठ प्रतिशत है जिसमें महिलाओं की साक्षरता दर तो पुरुषों की साक्षरता दर से कम है। जूनियर रेडक्रॉस प्रभारी प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने बताया कि भारत में साक्षरता दर कम होने के पीछे विभिन्न कारण हैं जैसे विद्यालयों की कमी, स्कूल में शौचालय आदि का अच्छी अवस्था में न होना, पिछड़ापन, गरीबी, लड़कियों से छेड़छाड़ होने का डर, जागरूकता की कमी, माता पिता का कोरोना काल में आर्थिक कठिनाई तथा और भी अनेकों समस्याएं हैं। प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के लिए गणित प्राध्यापिका डॉक्टर जसनीत कौर का बहुत बहुत आभार और अभिनन्दन किया क्योंकि अध्यापकों और छात्राओं के सक्रिय सहयोग से ही इन्हें आयोजित करना सम्भव है। आज प्रधानाचार्य रविंद्र कुमार मनचन्दा और कार्यक्रम संयोजिका प्राध्यापिका डॉक्टर जसनीत कौर ने छात्रा दीपांजलि, सिया, सृष्टि, साक्षी, कविता और तनु को सभी पढ़े, सभी बढ़े एवम साक्षरता के प्रसार के लिए सुंदर स्लोगन लिखने और पेंटिंग बनाने के लिए प्रशंसा की। इस अवसर पर इतिहास प्राध्यापिका सोनिया बमल भी उपस्थित रही। रविंद्र कुमार मनचन्दा ने सभी बालिकाओं से आग्रह किया कि यदि आप के आस पास कोई ऐसा बच्चा है जो विद्यालय न जाता हो तो आप सब प्रयास करें कि वह बच्चा भी विद्यालय में प्रवेश ले कर आपने जीवन को ज्ञान रूपी दीपक से उजियाला बनाए।

No comments :

Leave a Reply