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देश में ऑनलाइन टीचिंग-लर्निंग प्रणाली को मजबूती बनाने में नेतृत्व कर रहा जे.सी बोस विश्वविद्यालय

Posted by : pramod goyal on : Friday 27 August 2021 0 comments
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 फरीदाबाद, 27 अगस्त - अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने जे.सी बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद का चयन लीडरशिप इन टीचिंग एक्सीलेंस (लाइट) प्रोग्राम के तहत ब्रांड एंबेसडर ऑफ चेंज के रूप में किया गया है। जे.सी. विश्वविद्यालय हरियाणा का एकमात्र संबद्धक विश्वविद्यालय है जिसे देश के 21 राज्य संबद्धक विश्वविद्यालयों में शामिल किया गया है।

देश में नई शिक्षा नीति में निहित ऑनलाइन टीचिंग-लर्निंग पद्वतियों को लागू करने करने की योजना के तहत विश्वविद्यालय शिक्षण में उत्कृष्टता लाने के लिए नेतृत्व करने वाले एक आदर्श संस्थान के रूप काम करेगा। एआईसीटीई का लक्ष्य ब्रांड एंबेसडर ऑफ चेंज संस्थानों के माध्यम से शैक्षणिक सत्र 2022-23 से देश में लाइट प्रोग्राम का विस्तार अपने संबद्ध कालेजों तक करना है। 
कार्यक्रम के अंतर्गत कंप्यूटर इंजीनियरिंग विभाग की दो सहायक प्रोफेसर डॉ. पायल गुलाटी और अमिता अरोड़ा का चयन कार्यक्रम के तहत नेतृत्व प्रशिक्षण के लिए किया गया है। प्रोग्राम के अगले चरण में प्रदर्शन के आधार पर दोनों में से एक शिक्षक का चयन माइनर डिग्री प्रोग्राम के कार्यान्वयन के लिए संकाय समन्वयक के रूप में चुना जाएगा।
लीडरशिप इन टीचिंग एक्सीलेंस शिक्षा मंत्रालय की पहल है जोकि एक राष्ट्री

य कार्यक्रम है। इसका उद्देश्य शैक्षणिक संस्थानों का चयन कर उन्हें सॉफ्टवेयर उद्योग मानकों के अनुरूप शिक्षण उत्कृष्टता के लिए सक्षम बनाना है ताकि ऐसे शिक्षण उत्कृष्टता के अनुरूप देश के अन्य शैक्षणिक संस्थानों को तैयार किया जा सके। 

कार्यक्रम के लिए विश्वविद्यालय के चयन पर प्रसन्नता जताते हुए प्रो. दिनेश कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय ने डिजिटल टीचिंग एवं लर्निंग को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न पहल की हैं। इस कार्यक्रम का हिस्सा बनकर विश्वविद्यालय को देशभर के अन्य संस्थानों के साथ अपनी विशेषज्ञता साझा करने और नई शिक्षा नीति 2020 के लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहयोग देने लिए एक उपयुक्त मंच प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने हमेशा शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ावा देने की पहल की है और उच्च मानदंड स्थापित किये है। उन्होंने आशा जताई कि कार्यक्रम का हिस्सा बनकर विश्वविद्यालय की शैक्षणिक क्षमताओं का विस्तार होगा।
कंप्यूटर इंजीनियरिंग के अध्यक्ष प्रो. कोमल कुमार भाटिया ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि विश्वविद्यालय ने कार्यक्रम के कार्यान्वयन के लिए प्यूपिल फस्र्ट प्राइवेट लिमिटेड जोकि एक शैक्षणिक प्रौद्योगिकी संगठन है, के साथ समझौते पर हस्ताक्षर करने होंगे। प्यूपिल फस्र्ट केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय की प्रौद्योगिकी हेतु राष्ट्रीय शैक्षिक गठबंधन योजना का संस्थापक सदस्य है, जोकि एआईसीटीई द्वारा संचालित की जा रही है। 
कार्यक्रम के बारे में विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा कि 28 राज्यों के 475 शैक्षणिक संस्थानों ने लाइट कार्यक्रम के लिए आवेदन किया था। इनमें से 16 राज्यों के 136 संस्थानों ने चयन प्रक्रिया को पूरा किया है। अब, लाइट कार्यक्रम के लिए 50 संस्थानों का पहला बैच 16 राज्यों का प्रतिनिधित्व कर रहा है और इसमें एक इंस्टीट्यूट आफ एमिनेंस, दो राज्य विश्वविद्यालय, तीन डीम्ड विश्वविद्यालय, दो निजी विश्वविद्यालय, 26 स्वायत्त कॉलेज, 15 संबद्ध कॉलेज और 1 स्टैंडअलोन संस्थान शामिल हैं।

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