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संसद में उचित बहस न होना खेदजनक - चीफ जस्टिस, सुप्रीम कोर्ट

Posted by : pramod goyal on : Sunday 15 August 2021 0 comments
pramod goyal
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 नई दिल्ली: 

75वें स्वतंत्रता दिवस (75th Independence Day) पर देश के मुख्य न्यायाधीश (CJI)जस्टिस एनवी रमना (Justice N V Ramana) ने आज संसद (Parliament) के कामकाज की कड़ी आलोचना की है. उन्होंने न केवल संसदीय व्यवधानों पर ध्यान केंद्रित किया, बल्कि सदन के अंदर कानूनों पर बहस के समय में कटौती पर भी ध्यान केंद्रित किया. पहले के समय से इसकी तुलना करते हुए उन्होंने कहा कि जब संसद के दोनों सदन "वकीलों से भरे हुए थे" तब उन्होंने कानूनी बिरादरी से भी सार्वजनिक सेवा के लिए अपना समय देने के लिए कहा था. 

CJI रमना ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सुप्रीम कोर्ट में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, "अगर हम अपने स्वतंत्रता सेनानियों को देखें, तो उनमें से कई कानूनी बिरादरी से भी थे. पहली लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य वकीलों के समुदाय से भरे हुए थे."  उन्होंने कहा, "दुर्भाग्यपूर्ण है कि अब हम सदनों में क्या देख रहे हैं... तब सदनों में बहस बहुत रचनात्मक थी. मैंने कई वित्तीय विधेयकों पर भी बहस देखी हैं जहां बहुत रचनात्मक बिंदु बनाए गए थे. तब कानूनों पर चर्चा की गई और गहन विचार-विमर्श किया गया. तब बहस के बाद उस कानून पर हर किसी के पास स्पष्ट तस्वीर होती थी."

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