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मालामाल बनने के चक्कर में अपने ही रिश्तेदार को बनाया स्नैचिंग का शिकार, दो गिरफ्तार

Posted by : pramod goyal on : Wednesday 18 August 2021 0 comments
pramod goyal
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 फरीदाबाद:* क्राइम ब्रांच सेक्टर 56 की टीम ने मनी ट्रांसफर एजेंट के साथ लाखों रुपए की छीना–झपटी की वारदात में शामिल दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। 


गिरफ्तार किए गए आरोपियों में सुनील तथा विक्रम का नाम शामिल है। आरोपी सुनील गुरुग्राम के लोहसिंघानी गांव का रहने वाला है वहीं आरोपी विक्रम फरीदाबाद के कबूलपुर गांव का निवासी है। 

दिनांक 14 अगस्त 2021 को फरीदाबाद के थाना सेक्टर 58 में स्नैचिंग, षड्यंत्र, लड़ाई–झगड़ा तथा अवैध हथियार अधिनियम की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज हुआ जिसमें जांच के दौरान सामने आया कि आरोपी सुनील ने अपने साथी विक्रम के साथ मिलकर मनी ट्रांसफर एजेंट की रैकी की थी और इनके दो अन्य साथियों अजय तथा सचिन ने इसी रेकी के आधार पर पीड़ित के साथ लूट की वारदात को अंजाम दिया था। 

पुलिस को दी अपनी शिकायत में पीड़ित अनिल ने बताया कि वह सीकरी गांव का रहने वाला है और सीकरी गांव की मार्केट में उसकी मोबाइल व मनी ट्रांसफर की दुकान है। 

दिनांक 13 अगस्त को जब अनिल रात करीब 10:30 बजे अपनी दुकान बंद करके अपने बैग में एक लैपटॉप, 5 मोबाइल फोन तथा 3 लाख 28 हजार रुपए लेकर पैदल पैदल अपने घर की तरफ जा रहा था तो रास्ते में हरफला रोड पर पीरबाबा चौक के पास पहुंचते ही एक मोटरसाइकिल पर सवार दो लड़कों ने उसके साथ गाली गलौज की तथा उसके पैसों वाले बैग को छीनने की कोशिश की। 

जब पीड़ित ने इसका विरोध किया तो एक आरोपी ने पीड़ित के सिर पर देसी कट्टे का बट मारा और बैग छीनकर मौके से फरार हो गए। 

पीड़ित की शिकायत पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके जांच शुरू की गई। 

पुलिस आयुक्त श्री ओपी सिंह ने मामले में तुरंत संज्ञान लेते हुए जल्द से जल्द आरोपियों की धरपकड़ के निर्देश दिए जिसके तहत कार्य करते हुए क्राइम ब्रांच 56 प्रभारी सुदीप सिंह की टीम ने दिनांक 17 अगस्त को इस मामले में गुप्त सूत्रों की सूचना के आधार पर आरोपी सुनील को बटनदार चाकू सहित कैली बाईपास मोड़ से गिरफ्तार कर लिया। इसके पश्चात आरोपी सुनील की निशानदेही पर आरोपी विक्रम को कुबूलपुर से गिरफ्तार किया गया।

आरोपियों को अदालत में पेश करके 1 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया जिसमें पूछताछ के दौरान सामने आया कि आरोपी सुनील पीड़ित अनिल का रिश्तेदार है और इस वारदात का मास्टरमाइंड भी सुनील ही है। 

आरोपी नशा करने के आदी हैं और कोई रोजगार नहीं होने के कारण नशे की आपूर्ति के लिए पैसों के लालच में उन्होंने इस वारदात को अंजाम दिया था।

आरोपी सुनील अक्सर अनिल की दुकान पर आता रहता था और उसे इस बात की जानकारी थी कि अनिल रात को दुकान बंद करके पैसे और मोबाइल लेकर पैदल ही अपने घर पर जाता है।

सुनील ने सोचा कि यदि मौका देखकर अनिल से पैसे छीन लिए जाए तो वह एक झटके में ही लखपति बन जाएंगे और मोटा माल उनके हाथ आ जाएगा। इसी लक्ष्य के साथ आरोपी सुनील ने अपने साथी विक्रम, अजय तथा सचिन के साथ मिलकर इस वारदात को अंजाम देने की योजना बनाई।

इस योजना के तहत आरोपी सुनील तथा विक्रम ने मिलकर तीन-चार दिनों तक अनिल की रेकी की तथा वारदात के दिन जब पीड़ित अपने दुकान से पैसे लेकर घर की तरफ निकला था तो इन्होंने इसकी सूचना अपने दो अन्य साथियों अजय तथा सचिन को दी जिन्होंने पीड़ित के साथ स्नैचिंग की वारदात को अंजाम दिया था। 

इस वारदात के पश्चात पैसों के बटवारे में आरोपी सुनील तथा विक्रम के हिस्से में 25–25 हजार रूपए आए थे। इस हिसाब से दोनो के हिस्से में 50 हजार रूपए आए जिसमें से क्राइम ब्रांच ने 35 हजार रुपए, छीना गया लैपटॉप और वारदात में प्रयोग एक मोटरसाइकिल बरामद की है।

पूछताछ पूरी होने के पश्चात आरोपियों को दोबारा अदालत में पेश करके जेल भेज दिया गया है तथा इस मामले में फरार चल रहे दो आरोपियों अजय तरह सचिन को पुलिस द्वारा तलाश करके जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।

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