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कोरोना की मौजूदा महामारी ने पूंजीवादी व्यवस्था के मानव विरोधी चेहरे को नंगा कर दिया - सी पी आई एम

Posted by : pramod goyal on : Sunday 1 August 2021 0 comments
pramod goyal
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 फरीदाबाद: कोरोना की मौजूदा महामारी ने पूंजीवादी व्यवस्था के मानव विरोधी चेहरे को नंगा कर दिया है। जब तक देश व दुनिया में समाजवादी व्यवस्था कायम नहीं होती तब तक मानव शोषण की मुक्ति संभव नहीं ही। इसलिए समाजवादी व्यवस्था के लिए संघर्ष तेज करने की जरूरत है - सी पी आई एम।



उक्त बात भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के प्रदेश सचिव कामरेड सुरेंद्र मलिक ने कही। वे पार्टी के त्रिवार्षिक जिला सम्मेलन को संबोधित कर रहे रहे थे। सम्मेलन की अध्यक्षता विजय झा, अंजू ने की व संचालन लाल बाबू ने किया।  अपने संबोधन
 पार्टी राज्य सचिव ने कहा कि कोरोना की इस महामारी ने  देश और दुनिया के पूंजीपतियो के मुनाफो में 35 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। भाजपा के राज में  इसी डेढ़ साल में भारत में 100 बड़े पूंजीपतियो ने 13 लाख करोड़ रूपए के मुनाफे कमाए है। जबकि एक तिहाई लोगो ने अपने रोजगार खोए हैं, दिहाड़ी मजदूरी नहीं मिल रही है। भारतीय जनता पार्टी के काल में देश बेरोजगारी के मामले में आजादी के बाद पहले नंबर पर हैं। माकपा सचिव ने कहा भाजपा ने देश की बहुमत आबादी को आर्थिक रूप से बर्बाद किया है। देश के लोकतंत्र को दांव पर लगा है। पेगासस जासूसी प्रकरण ने भाजपा का फासीवादी व निरंकुश चेहरे को बेनकाब कर दिया है। जिसमे विपक्षी पार्टियों, सामाजिक कार्यकर्ताओ, सहित देश के सैन्य अधिकारियों, सुप्रीम कोर्ट के जज व केंद्र सरकार के मंत्री तक के नाम इस जासूसी प्रकरण में आए हैं। संसद में विपक्ष लगातार पूछ रहा है कि सरकार साफ करे की क्या उसने जासूसी करवाई? परंतु शर्म की बात है की भाजपा सरकार इस बारे जांच की मांग को नकार रही है। उन्होंने मांग की कि सरकार तीन काले कृषि कानूनों और मजदूर विरोधी चार लेबर कोड्स को वापस ले।

जिला सचिव शिव प्रसाद ने सम्मेलन में पिछले चार साल की रिपोर्ट रखी। जिसे व्यापक बहस के बाद पारित किया गया। सम्मेलन ने आगामी तीन साल के लिए नई कमेटी का चुनाव भी लिया।  सम्मेलन का समापन करते हुए राज्य सचिव मंडल सदस्य जय भगवान ने कहा कि फरीदाबाद में 25 लाख की आबादी है। स्मार्ट सिटी घोषित होने के बावजूद बुनियादी सुविधाओं का भारी अभाव है। बड़ी औद्योगिक नगरी होने के चलते मजदूरों के लिए आवास की भयंकर समस्या है लेकिन सरकार की कोई योजना नहीं है। बल्कि सरकार व परशाशन ने खोरी में एक लाख के करीब की आबादी के बने बनाए आशियानों को तबाह के दिया व उन्हें उजाड़ दिया। पुनर्वास तक नही किया जा रहा। उन्होंने पार्टी कतारों से आहवान किया की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ जनता को लामबंद करें। 9 अगस्त के भारत बचाओ आंदोलन में भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले।

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