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बिजली कर्मचारियों ने "ऊर्जा क्षेत्र बचाओं - लोकतंत्र बचाओं" दिवस पर विरोध प्रदर्शन किया

Posted by : pramod goyal on : Tuesday 10 August 2021 0 comments
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 फरीदाबाद,10 अगस्त। बिजली कर्मचारियों ने मंगलवार को "ऊर्जा क्षेत्र बचाओं - लोकतंत्र बचाओं" दिवस पर सर्कल कार्यलय सेक्टर 23 में विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में सर्व सम्मति से पारित किए गए प्रस्ताव में केन्द्र सरकार को दो टूक चेतावनी दी कि अगर चालू मानसून


सत्र के बाकी बचे दिनों में निजीकरण के बिजली ( अमेंडमेंट ) बिल को पारित करने का प्रयास किया तो 27 लाख बिजली कर्मचारी राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर चले जाएंगे। उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय कैबिनेट मंत्रिमंडल द्वारा बिजली (अमेंडमेंट) बिल को स्वीकृति प्रदान न करने के कारण सदन के पटल पर बहस के लिए नहीं रखने के कारण 10 अगस्त की राष्ट्रव्यापी हड़ताल को स्थगित किया गया था। प्रदर्शन के नेतृत्व आल हरियाणा पावर कारपोरेशनज वर्कर यूनियन के वरिष्ठ शब्बीर अहमद गनी, सर्व कर्मचारी संघ के जिला प्रधान अशोक कुमार,केन्द्रीय कमेटी के सदस्य विनोद शर्मा, सर्कल सचिव कृष्ण कुमार, रामचरण पुष्कर,  करतार सिंह, गिरीश राजपूत, दिनेश शर्मा, पूर्व प्रधान परमाल सिंह, फूलमन भारती, श्याम सुन्दर, दिगम्बर सिंह, नबाब खान, संजय,  आदि कर रहे थे। 


आल हरियाणा पावर कारपोरेशनज वर्कर यूनियन (एएचपीसी) वर्कर यूनियन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष शब्बीर अहमद गनी ने प्रदर्शन को संबोधित करते हुए कर्मियों से निकट भविष्य में हड़ताल के लिए तैयार रहने का आह्वान किया। उन्होंने बिना प्रयाप्त स्टाफ, मेटिरियल व आवश्यक उपकरण के राईट टू सर्विस एक्ट थोपना बिल्कुल ग़लत है। जिसको बिल्कुल सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार के चार साल पहले लिए गए निर्णय के बावजूद बिजली निगमों में कैशलेस मेडिकल सुविधा लागू नहीं की गई है। इतना ही नहीं  आऊटसोर्सिंग पालिसी पार्ट एक में लगे ठेका कर्मचारियों को राष्ट्रीय अवकाश तक नहीं दिया जा रहा है। डाटा एंट्री ऑपरेटर का ड्यूटी पर आने का समय तो है लेकिन जाने का कोई समय नहीं है। खराब पड़े कंप्यूटर, प्रिंटर व स्केनर को ठीक करवाने की बजाय अधिकारियों द्वारा किसी भी तरह काम करने का दबाव बनाया जा रहा है। मना करने पर नौकरी से निकालने की धमकी दी जा रही है। उन्होंने ठेका प्रथा समाप्त कर कच्चे कर्मियों को पक्का करने, पक्का होने तक समान काम समान वेतन व सेवा सुरक्षा प्रदान करने, पुरानी पेंशन बहाल करने आदि मांगों को प्रमुखता से उठाया। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने बताया कि ठेकेदारी प्रथा समाप्त करने के लिए जो नयी निगम बनाने का फैसला किया है। उसमें पुराने लगे कर्मचारियों की ठेका प्रथा समाप्त नहीं होगी। उन्होंने बताया कि सरकार के फैसले से ऐसा लगता है कि जैसे भविष्य में सरकार रेगुलर भर्ती करने की बजाय ठेके पर ही भर्तियां करेंगी।

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