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चंडीगड़, 23 अगस्त ।
कल 24 अगस्त से दो दिवसीय क्रमिक भूख हड़ताल शुरू करेंगे 25 अगस्त तक रहेगी जारी नगरपालिका कर्मचारी संघ हरियाणा के राज्य प्रधान नरेश कुमार शास्त्री ने हरियाणा सरकार पर कर्मचारी विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार कर्मचारियों की न्याय उचित मांगों को अनदेखा अनसुना कर रही है वहीं 25 अप्रैल व 17 अगस्त 2020 को समझौतों में मानी गई मांगों को भी पूरा नहीं कर रही है सरकार के इस नकारात्मक रवैया से रुष्ट कर्मचारी राज्यव्यापी आंदोलन करने के लिए मजबूर है। श्री शास्त्री ने कहा कि क्रमिक भूख हड़ताल की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। अब कर्मचारी आगामी 27 अगस्त को 1 दिन का सामूहिक अवकाश लेकर राज्यव्यापी हड़ताल करेंगे यदि सरकार ने इससे सबक लेकर बातचीत कर मांगों का समाधान नहीं किया तो नगरपालिका कर्मचारी संघ हरियाणा अनिश्चितकालीन हड़ताल करने का फैसला लेने पर मजबूर हो गया।
नगरपालिका कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री वरिष्ठ उपप्रधान रमेश तुषामड, महासचिव मांगे राम तिगरा, अग्निशमन विभाग के प्रधान राजेन्द्र सिन्द,उपमहासचिव सुनील चिंडालिया ने बताया कि शहरी स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज ने 25 अप्रैल तथा 17 अगस्त 2020 को दो दौर की वार्ताओं में कोरोना से मौत होने पर मृतक कर्मचारी के आश्रितों को 50 लाख रुपए आर्थिक सहायता राशि व नियमित नौकरी देने, 4 हजार रुपये जोखिम भत्ता देने, सफाई कर्मचारी, सीवर मैनो, फायर ड्राइवरों एवं फायरमैन सहित सभी तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों का ठेका प्रथा समाप्त कर विभाग के रोल पर करने, समान काम-समान वेतन देने, अनुबंधित, दैनिक वेतन भोगी, पार्ट टाईम व अन्य प्रकार के कच्चे कर्मचारियों को नियमित करने, 1366 फायरमैन ओवर ड्राइवरों को 2268 फायर ऑपरेटर के पदों पर समायोजित करने, सफाई दरोगा को तृतीय श्रेणी का स्केल देने सहित अन्य दर्जनों मांगों पर सहमति प्रकट करते हुए मुख्यमंत्री के समक्ष कर्मचारियों का वकील बनकर पैरवी करने का विश्वास दिलाया था। लेकिन एक वर्ष बीतने के बाद भी मानी गई मांगों का एक भी पत्र जारी नहीं किया सरकार की इस बेरुखी वायदा खिलाफी से नाराज प्रदेश के शहरी स्थानीय निकायों के कर्मचारियों ने प्रदेश भर में काले झंडे लेकर रोष प्रदर्शन करते हुए आंदोलन का आगाज कर दिया है। श्री शास्त्री ने कहा कि संघ ने सरकार को 29 जुलाई को मांग पत्र प्रेषित कर मांगों का समाधान करने का भी अनुरोध किया है। लेकिन सरकार बातचीत ना करके हठधर्मिता पर अड़ी है। इसलिए निकाय कर्मचारियों को कोविड महामारी के चलते आन्दोलन करने के लिये मजबूर होना पड़ रहा है।
यह है मांगे:-
छंटनी किए गए सभी कर्मचारियों को ड्यूटी पर वापिस लो, बंद किए गए फायर स्टेशनों को पुन: बहाल करो, अनुबंधित आधार के कर्मचारियों को समान काम समान वेतन दो तथा 10 मेडिकल व 10 कैजुअल छुट्टी लागू करो, ठेका प्रथा डोर टू डोर व ग्रामीण सफाई कर्मचारियों का वेतन एक समान 24 हजार रुपये करो, क्षेत्रफल आबादी के अनुपात में सफाई कर्मचारियों, सीवर मैनो, फायर कर्मचारियों तथा तृतीय व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती करो, नई एक्सग्रेसिया नीति रदद् करो, 1996 की एक्सगे्रसिया नीति बहाल करो, ठेका प्रथा, आउटसोर्सिंग अन्य कच्चे कर्मचारियो की मृत्यु होने पर नौकरी दो, सीवर मैनो को टेक्निकल ग्रेड दो, जीआईएस लागू करो, सीवर मैन व सफाई के कार्य को राष्ट्रीय श्रम घोषित करो, तृतीय श्रेणी के समान वेतनमान एवं पदोन्नति दो, ईएसआई-ईपीएफ घोटाले की जांच स्टेट विजिलेंस से करवाई जाए, पुरानी पेंशन बहाल करो, डीए का 18 महीने का एरियर दो, सफाई मजदूर सेवा नियम के आधार पर सफाई कर्मचारी व सीवरमैन के काम के घंटे तय करो, तथा महिला सफाई कर्मचारियों को सुबह 1 घंटे की छूट दो, तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को 100-100 वर्ग गज के प्लाट दो या आवासीय कॉलोनियों का निर्माण करो, पालिकाओं, परिषदों और नगर निगमों में आए ग्रामीण सफाई कर्मचारियों, ट्यूबल चालको व चौकीदारों को कर्मचारी का दर्जा देकर विभाग के रोल पर किया जाए तथा अन्य सुविधा दी जाएए बेगार प्रथा समाप्त हो।
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