विधानसभा सत्र के तीसरे दिन परिवार पहचान पत्र विधेयक सदन में पारित हो गया। इस विधेयक के पारित हो जाने से परिवार पहचान पत्र को कानूनी मान्यता मिल गई है। विधेयक पारित होने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अब से आगे प्रदेश में लागू होने वाली योजनाओं के लिए अनुमानित डाटा प्रयोग नहीं किया जाएगा। प्रदेश सरकार अब रियल टाइम डाटा तैयार करेगी। अब से पहले तक 2011 की जनगणना या अन्य डाटा को ही आधार मानकर उसी आधार पर योजनाएं लागू होती रही हैं, लेकिन अब शादी, जन्म-मृत्यु आदि का डाटा भी परिवार पहचान पत्र से जोड़ा जाएगा। ऐसा करने से हमारे पास प्रदेश का रियल टाइम डाटा हर समय उपलब्ध रहेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अंतिम छोर के व्यक्ति तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने में परिवार पहचान पत्र कारगर साबित होगा। योजना का पूर्ण डाटा तैयार होने के साथ ही प्रदेश में बीपीएल परिवार की सालाना आय का दायरा भी बढ़ाया जाएगा। अब तक सालाना 1.20 लाख आमदनी वाले परिवार ही बीपीएल में शामिल थे, लेकिन अब इस डाटा को 1.80 लाख सालाना आय तक बढ़ाया जाएगा। इससे प्रदेश के तीन लाख और परिवारों को बीपीएल योजनाओं का लाभ मिल सकेगा।
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