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नौकरी से बाहर हुए कर्मचारियों ने अटल बिहारी वाजपेई मेडिकल कॉलेज में एडजस्ट करने की मांग को लेकर डीसी आफिस पर धरना दिया

Posted by : pramod goyal on : Tuesday 20 July 2021 0 comments
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 फरीदाबाद,20 जुलाई।

गोल्ड फिल्ड मेडिकल कॉलेज छायंसा बंद होने से नौकरी से बाहर हुए कर्मचारियों ने अटल बिहारी वाजपेई मेडिकल कॉलेज में एडजस्ट करने की मांग को लेकर बुधवार को डीसी आफिस पर धरना दिया। धरने की अध्यक्षता राम प्रकाश सरदाना ने की। धरने के बाद सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री, जिला प्रधान अशोक कुमार, सचिव बलबीर सिंह बालगुहेर के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल ने डीसी यशपाल यादव से मुलाकात की और समायोजन की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा और भूखमरी के कागार पर पहुंच चुके बर्खास्त कर्मियों को अटल बिहारी वाजपेई राजकीय मेडिकल कॉलेज में एडजस्ट कराने की मांग की। डीसी ने आश्वासन दिया कि  शीघ्र अतिशीघ्र आवश्यक कार्यवाही की जायेगी। डीसी ने छंटनी ग्रस्त कर्मचारियों की शीघ्र सूची देने को कहा। ताकि आवश्यक कार्यवाही शुरू की जा सके। शिष्टमंडल में बर्खास्त कर्मियों के प्रतिनिधि नरेश भारद्वाज, पप्पू पारछा, श्रीपाल बडग़ुर्जर, सुरेश चंद्र,प्रवीण, जितेंद्र व जवाहर सिंह शामिल थे। धरने पर सर्व सम्मति से 24 जुलाई को पृथला के विधायक नयनपाल रावत के चंदावली स्थित आफिस पर प्रदर्शन करने का फैसला लिया गया। धरने को किसान संधर्ष समिति नहर पार के महासचिव सतपाल नरवत, सेक्टर 3 रेजिडेंट वेलफेयर फैडरेशन के सचिव रतनलाल राणा व नगरपालिका कर्मचारी संघ हरियाणा के उप महासचिव सुनील चिंडालिया ने संबोधित किया और नौकरी से बर्खास्त कर्मियों को अटल बिहारी वाजपेई मेडिकल कॉलेज में एडजस्ट करने की मांग की।

सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा व वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि एक तरफ भाजपा तीसरी लहर में काम करने के लिए अपने कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग देने की बयानबाजी कर रही है और दुसरी तरफ 8 से 10 साल के अनुभव प्राप्त कर्मचारियों को नौकरी पर वापस नही लिया जा रहा है। राज्य प्रधान सुभाष लांबा ने कहा कि आर्थिक संकट के चलते गोल्ड फिल्ड मेडिकल कॉलेज छायंसा के प्रबंधन ने कालेज को बंद कर दिया था। सरकार ने मेडिकल कॉलेज में पढ़ रहे छात्रों को अन्य कालेज में स्थानांतरित कर दिया था। लेकिन कर्मचारियों को कही भी समायोजित नहीं किया गया। प्रबंधन ने करीब एक साल का वेतन नही दिया और ईपीएफ व ईएसआई की रकम भी नहीं जमा करवाई। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने गोल्ड फिल्ड मेडिकल कॉलेज छायंसा को सभी जिम्मेदारियों सहित टेक ओवर किया था। इसलिए छंटनी ग्रस्त कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री,उप मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री से मुलाकात कर समायोजन की मांग की। उन्होंने आश्वासन दिया कि कालेज शुरू होते ही आपको एडजस्ट कर दिया जाएगा। लेकिन स्थानीय विधायक सहित किसी भी राजनेता व अधिकारियों ने कोई मदद नहीं की। छंटनी ग्रस्त कर्मचारियों ने बताया कि ठेकेदार द्वारा मोटी रकम वसूल कर नए कर्मचारियों को भर्ती किया जा रहा है और स्थानीय विधायक व रोड़वेज मंत्री को शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिसके कारण मजबूर होकर बर्खास्त कर्मियों को आंदोलन का रास्ता अख्तियार करने पर मजबूर होना पड़ा है। 

धरने को अन्य के अलावा सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा की जिला कमेटी के कोषाध्यक्ष युद्धवीर सिंह खत्री, संगठन सचिव मुकेश बेनीवाल,खंड प्रधान करतार सिंह, बिजली कर्मचारी नेता दिनेश शर्मा, अध्यापक नेता भीम सिंह, उपकार फौगाट,दर्शन सोया आदि ने संबोधित किया।


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