नई दिल्ली:
क्या कोरोना की दूसरी लहर के दौरान बहुत सारे कोविड मरीज ऑक्सीजन की कमी की वजह से दम तोड़ गए? इसके सवाल के जवाब में स्वास्थ्य राज्यमंत्री ने राज्यसभा में बताया कि 'स्वास्थ्य राज्य का विषय है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सूचित की जाने वाली मौतों के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जारी किए गए हैं. तदनुसार सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश मामले और मौतों को नियमित आधार पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को रिपोर्ट करते हैं, तथापि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा विशेष रूप से ऑक्सीजन की कमी के कारण किसी मौत की सूचना नहीं दी गई है.
अप्रैल-मई महीने में जब कोरोना की लहर आई तब ऑक्सीजन की बहुत किल्लत रही. कई अस्पतालों से ऐसी रिपोर्ट आई थी कि वहां पर ऑक्सीजन खत्म हो गई और जिसकी वजह से कई मौत हुई यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण था. दिल्ली सरकार ने इसका निश्चित आंकड़ा पता करने के लिए और इनको मुआवजा देने के लिए एक समिति बनाई थी, जिसका काम था कि जो भी ऑक्सीजन की कमी से मौत हुई है उनका पता करें और उनको ₹5 लाख तक का मुआवजा दें. इस समिति को केंद्र सरकार ने एलजी के माध्यम से भंग करा दिया. अगर वह समिति काम करती है तो सही आंकड़ा भी सामने आ जाता. हाई कोर्ट के अंदर उस समय अलग-अलग अस्पताल खुद जा रहे थे और यह कह रहे थे कि हमारे यहां ऑक्सीजन खत्म हो गई है. हमको ऑक्सीजन दिलवाओ. सुप्रीम कोर्ट ने इसमें दखल दिया इसकी वजह से दिल्ली में खासतौर से हजारों लोगों की जान बच गई. अगर सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट दखल नहीं देते तो बहुत भयावह स्थिति हो सकती थी. केंद्र सरकार उन लोगों के जले पर नमक ना छिड़के जिनके घर मौत हुई है. कल को केंद्र सरकार यह भी कह सकती है कि कोरोना कभी आया ही नहीं
No comments :