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इमरजेंसी सेवा छोड़ सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों की OPD आज पूरी तरह से ठप रखी गई। कोरोना महामारी के दौरान भी जब डॉक्टरों के ऊपर हमले हुए तो उस समय केंद्रीय सरकार ने केवल कानून में थोड़ा सा बदलाव कर दिया जो सिर्फ महामारी के दौरान ही लागू रहेगा। आज इस हड़ताल के माध्यम से उन्होने यह मांग की है कि एक केंद्रीय कानून बनाया जाना चाहिए जिसमें मरीज के तीमारदारों द्वारा डॉक्टर पर हमला किए जाने पर तुरंत केस दर्ज किया जाए । सभी डॉक्टरों के प्रतिष्ठानों को सुरक्षित स्थान घोषित किया जाना चाहिए । डॉक्टरों की सुरक्षा के मानक तय किए जाएं। डॉक्टरों के ऊपर किए गए हमलों के केसों की जांच फास्ट ट्रैक कोर्ट द्वारा की जाए।
आज फरीदाबाद आईएमए के प्रधान पुनीता हसीजा और डॉ. सुरेश अरोड़ा ने हॉस्पिटल्स में जाकर प्रदर्शन पर समर्थन भी लिया और सभी डॉक्टर्स ने उनका साथ भी दिया।
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