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मलेरिया डेंगू चिकनगुनिया की रोकथाम के लिए अतिरिक्त सावधानियां बरतें नागरिक: डॉ रणदीप सिंह पुनिया

Posted by : pramod goyal on : Sunday 13 June 2021 0 comments
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 फरीदाबाद, 13 जून।

मलेरिया व डेंगू के खात्मे को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूर्ण रूप से ही गंभीर एवं प्रयासरत है।  कोविड-19 जैसी जानलेवा बीमारी के साथ-साथ मलेरिया डेंगू चिकनगुनिया की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग पैनी नजर बनाए हुए हैं।
  सिविल सर्जन डॉ रणदीप सिंह पुनिया ने नागरिकों से आग्रह करते हुए कहा कि स्वच्छता पर विशेष ध्यान दें, एक जगह पर पानी को इक_ा न होने दें। उन्होंने बताया कि मच्छर ठहरे एकत्रित हुए पानी में अंडे देते हैं जिससे मलेरिया व डेंगू की बीमारी फैलाने वाले मच्छरो की बढ़ोतरी तेजी से होती है। इसलिए तुरंत प्रभाव से मलेरिया उन्मूलन की सभी टीम ठहरे हुए पानी में काला तेल व् टैमिफोस की दवाई का छिडक़ाव कर रहे हैं, ताकि मच्छर का लारवा खत्म हो सके और जानलेवा बीमारी फैलने वाले मच्छरों की उत्पत्ति पर पूर्ण रूप से रोक लग सके। इस संबंध में जिला  स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।
 डॉ पुनिया ने बताया कि जिले में ब्रीडिंग चेकर फील्ड वर्कर द्वारा घर-घर जा कर मलेरिया उन्मूलन संबंधी मच्छर के लारवा की ब्रीडिंग चेकिंग की जा रही है और ब्रीडिंग पाए जाने पर तुरंत प्रभाव से टीमों द्वारा टेमिफोस की दवाई डालकर लारवा को नष्ट किया जा रहा है। उन्होंने नागरिकों से अपील की हैं कि भी हर रविवार को सभी लोग ड्राई डे (शुष्क दिवस) के रूप में मनाए।  इस दौरान घर के सभी कूलर टंकियों को अच्छी तरह से  कपड़े से रगड़ कर साफ़ करें। फ्रिज की ट्रे अगर साफ करना संभव न हो तो उसमें पांच से 10 एमएम पेट्रोल डीजल का तेल डाल सकते हैं, क्योंकि फ्रिज की ट्रे के साफ पानी में डेंगू फ़ैलाने वाले मच्छर मच्छर की उत्पत्ति होती है।
उन्होंने कहा कि घर में प्रयोग किए जा रहे ए.सी. के पानी को एकत्रित न होने दें  क्योंकि ऐसी के साफ एकत्रित पानी में भी डेंगू फ़ैलाने वाले मच्छर पैदा होते हैं, जिस पानी को निकालना संभव नही हो उसमें काला तेल या पर डीजल डाल सकते हैं, जिससे मच्छरों की उत्पत्ति न हो पाए।  जिले में घरों की जांच स्वास्थ्य विभाग की टीमों द्वारा की जा रही है और जिन घरों में मच्छर का लारवा मिल रहा है, उन सभी घरों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा चेतावनी संबंधित नोटिस दिए जा रहे हैं और साथ में हिदायत भी दी है कि आगे से पानी के सभी स्रोतों की सप्ताह में एक बार पानी को सुखाकर अच्छी प्रकार से कपड़े से रगड़ साफ करें, जिससे मच्छरों की बढ़ोतरी पर रोक लग सके।
 डॉ रणदीप सिंह पुनिया ने आमजन से अपील की है कि सभी को रात को सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करना चाहिए वह दिन के समय पूरी बाजू के कपड़े पहनने चाहिए ताकि मच्छरों के काटने से बचा जा सके। उन्होंने बताया कि मलेरिया के शुरुआती लक्षणों में तेज ठंड के साथ बुखार आना, सर दर्द, होना व् उल्टियो का  आना है। इसलिए कोई भी बुखार आने पर अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर मलेरिया की जांच करवाएं अगर मलेरिया जांच में पाया जाता है तो उसका 14 दिन का इलाज स्वास्थ्यकर्मी की देखरेख में करें।
डेंगू व चिकनगुनिया का उपचार व बचाव
डेंगू चिकनगुनिया फैलाने वाला मच्छर एडीज  दिन में काटता है व रुके हुए साफ  पानी में पनपता है। डेंगू के लक्षणों में अकस्मात तेज बुखार का होना अचानक तेज सिर दर्द का होना, मांसपेशियों तथा जोड़ों में दर्द होना, आंखों के पीछे दर्द होना, जोगी आंखों को घुमाने से बढ़ता है चिकनगुनिया के लक्षण में बुखार के,जोड़ों में दर्द और सूजन होना, कपकपी व ठंड के साथ बुखार का अचानक बढऩा, सिर दर्द होना।
क्या करें
 घरों के आसपास गड्ढों को मिट्टी से भरवा दें। अपने कूलर, होदी या पानी से भरे हुए बर्तन सप्ताह में एक बार अवश्य खाली करें।  शरीर को ढक कर रखें और मच्छर रोधी दवा या क्रीम का कीटनाशक दवाई से उपचारित मच्छरदानी का प्रयोग करें व पूरी बाजू के वस्त्र पहने, छत पर रखी पानी की टंकियों को ढक्कन लगा कर बंद रखें। बुखार आने पर डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
क्या ना करें
स्वयं दवा न खाएं एस्प्रिन, ब्रुफेन, दवाइयों का सेवन ना करें, घरों के आसपास गड्ढो में 7 दिन से ज्यादा पानी एकत्रित ना होने दें। पुराना सामान जैसे टायर, ट्यूब, ख़ाली डिब्बे, पॉलिथीन के लिफ़ाफे खोले मैंने फेकें ताकि बरसात का पानी उसमें न भरें। यदि कूलर प्रयोग में नहीं लाया जाता तो उसमें पानी इकट्टा ना होने दें। हेड पंप या नल के आस पास पानी जमा ना होने दें। टायर ट्यूब, ख़ाली  डिब्बे खुले में ना छोड़े।


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