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नाराज़ ग्रामीण सफाई कर्मचारियों ने रविवार को डीसी आफिस पर प्रदर्शन किया

Posted by : pramod goyal on : Sunday 27 June 2021 0 comments
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 फरीदाबाद, 27 जून।


सरकारी बेगार के खिलाफ और डिप्टी चीफ मिनिस्टर के साथ 20 फरवरी को हुए समझौते में मानी हुई मांगों को लागू न करने से नाराज़ ग्रामीण सफाई कर्मचारियों ने रविवार को डीसी आफिस पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी ग्रामीण सफाई कर्मचारी टाउन पार्क में एकत्रित हुए और वहां से सीटू के जिला प्रधान निरंतर पराशर, उप प्रधान शिव प्रसाद, ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन हरियाणा के कोषाध्यक्ष दिनेश पाली, महेंद्र माढोठियां,राजू, नरेश कुमार के नेतृत्व में प्रदर्शन करते हुए डीसी आफिस पर पहुंचे। ग्रामीण सफाई कर्मचारियों ने 20 फरवरी को डिप्टी चीफ मिनिस्टर व 24 फरवरी को विकास एवं पंचायत विभाग के निदेशक से हुई बातचीत में मानी हुई मांगों को लागू न करने के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के बाद डिप्टी चीफ मिनिस्टर के नाम ज्ञापन तहसीलदार को सौंपा गया। नेताओं ने इस अवसर पर दो टूक चेतावनी दी कि अगर 16 जुलाई तक मानी हुई मांगों को लागू नहीं किया तो 17-18 जुलाई को डिप्टी चीफ मिनिस्टर के आवास पर महापड़ाव डाला जाएगा।


प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुए ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन के नेता दिनेश पाली ने कहा कि ग्रामीण सफाई कर्मियों की मांगों को लेकर 20 फरवरी को उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के साथ हुई वार्ता तथा उसके बाद 24 फरवरी को विकास एवं पंचायत विभाग के महानिदेशक रमेशचन्द्र बिढान के साथ हुई विस्तारित वार्ता में शहरी सफाई कर्मियों के बराबर वेतन देने, महंगाई भत्ता देने, झाड़ू भत्ता तय करने, वर्दी धुलाई भत्ता तय करने, झाड़ू के इलावा काम के बाकी औजार बीडीपीओ ब्लॉक से खरीद कर देने, कर्मचारी की नियुक्ति के लिए 2000 की जन संख्या के पैमाने को कम करने सहित अनेकों मसलो पर सहमति बनी थी तथा जल्द ही इन सभी मसलों  के समाधान के लिए पत्र जारी करने की सहमति बनी थी। लेकिन सरकार ने उनका आज तक कोई समाधान नही किया गया। उन्होंने कहा कि 4 अप्रैल 2021 को माननीय मुख्यमंत्री ने सफाई कर्मियों के लिए 14000 रुपये वेतन देने की जो घोषणा की है वह न्यायोचित नही है। क्योंकि 2013 में शहरी और ग्रामीण सफाई कर्मियों को बराबर वेतन मिलता था, जिसमें वर्तमान भाजपा सरकार ने गैरबराबरी पैदा कर है। इस गैरबराबरी के खिलाफ समान काम समान वेतन के लिए लड़ाई जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा की गई मामूली सी वेतन 1500 रुपये वेतन बढ़ोतरी, एक माह वेतन लेट होने पर 500 रुपये अतिरिक्त, साधारण मौत पर 2 लाख, दुर्घटना में मौत होने पर 5 लाख मुआवजा देने की घोषणा आज सिर्फ अखबारों में छपकर रह गई है। आज तक भी उसका नोटिफिकेशन नही किया गया है। जिससे साफ जाहिर होता है कि सरकार इसको लम्बा लटकाकर पैसा बचाना चाहती।

सीटू के जिला प्रधान निरंतर पराशर व उप प्रधान शिव प्रसाद ने कहा कि सरकार सफाई कर्मियों को कोरोना योद्धा बताकर वाही-वाही तो लूट रही है लेकिन कोरोना काल मे ग्रामीण सफाई कर्मियों को 50 लाख बीमा कवरेज और सुरक्षा उपकरण तक नही दिए गए। हरियाणा सरकार ने कोरोना से मौत होने पर कर्मचारियों के परिजनों को 20 लाख देने की जो अधिसूचना जारी की है। उसका लाभ ग्रामीण सफाई कर्मी को मिलेगा या नही ये अभी तक स्पष्ट नही है और विभाग को ये स्पष्ट करना चाहिये। उन्होंने कहा 12 साल में राम का वनवास भी पूरा हो गया था। लेकिन ग्रामीण सफाई कर्मचारियों का वनवास 14 साल बाद भी पूरा नही हुआ। 2007 में लगे ग्रामीण सफाई कर्मी आज भी कच्चे हैं जबकि उतर पदेश में 2008 से रेगुलर का दर्जा मिला हुआ है। बेरोजगारी की मार में कम वेतन पर काम करने वाले इन कर्मचारियों से सरकार अब सरकारी बेगार लेने की तैयारी कर रही है। 13 मई को जारी पत्र में गली, नाले, पार्क, शौचालय, सरकारी स्कूल, सभी सरकारी भवनों की साफ-सफाई का कार्य लेने के आदेश जारी कर दिए हैं। इस सरकारी बेगार का पूरे प्रदेश में डटकर विरोध होगा।

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