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शिक्षा निदेशक पंचकूला ने जिला शिक्षा अधिकारी फरीदाबाद को निर्देश दिया है कि उनके द्वारा रिकमेंड करके भेजी गई डीएवी14 स्कूल की इंक्वायरी जांच रिपोर्ट को चेयरमैन एफएफआरसी कम मंडल कमीशनर को भेजकर उचित कार्रवाई कराएं।
डीएवी 14 के अभिभावक रवि मित्तल, नरेंद्र मुंजाल, आर एस वर्मा, सुभाष चोपड़ा, मनोज अरोड़ा, कुमुद बंधु ने कहा है कि उनके बच्चे डीएवी14 में कई सालों से पढ़ाई कर रहे हैं। गत वर्ष कोरोना काल में शिक्षा निदेशक के सिर्फ बिना बढ़ाई गई ट्यूशन फीस लेने के आदेश आने के बाद भी स्कूल प्रबंधक ने बड़ी हुई ट्यूशन फीस व अन्य फंडों में फीस वसूलनी शुरू की थी जिसका विरोध पेरेंट्स ने किया था। स्कूल प्रिंसिपल ने मनमानी फीस का विरोध करने वाले अभिभावकों के बच्चों की ऑनलाइन क्लास बंद कर दी थी और उनको कई प्रकार से हरासमेंट किया था। पेरेंट्स ने इसकी शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी व चेयरमैन एफएफआरसी से की लेकिन इन अधिकारियों ने स्कूल का ही साथ दिया। तब पेरेंट्स ने स्कूल व इन अधिकारियों की कार्यशैली की शिकायत प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री से की थी। जिन पर उचित कार्रवाई करने के आदेश जिला शिक्षा अधिकारी को दिए गए थे। डीईओ ने पेरेंट्स की शिकायतों की जांच फतेहपुर चंदीला के प्रिंसिपल
से कराई गई। 29 जनवरी को जांच अधिकारी ने जिला शिक्षा अधिकारी को इंक्वायरी जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की। जिला शिक्षा अधिकारी ने जांच रिपोर्ट पर अपनी सहमति और संतुष्टि प्रकट करते हुए 3 फरवरी को उसे उचित कार्यवाही हुए शिक्षा निदेशक पंचकूला को भेज दिया। अभिभावक रवि मित्तल का आरोप है कि एक ओर जिला शिक्षा अधिकारी ने शिक्षा निदेशक पंचकूला को इंक्वायरी जांच रिपोर्ट पर अपनी सहमति देकर उस पर उचित कार्रवाई करने को कहा तो दूसरी ओर 15 अप्रैल को उन्होंने अपने स्तर पर ब्लॉक शिक्षा अधिकारी फरीदाबाद श्री मित्तल की अध्यक्षता में राजकीय ओल्ड फरीदाबाद व तिकोना पार्क के प्रिंसिपल की एक जांच कमेटी बनाकर शिकायतों की पुनः जांच करने के आदेश दिए और 30 मई को इसकी सूचना शिक्षा निदेशक पंचकूला को देकर मूल इंक्वारी रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डलवाने की कोशिश की। इसकी भनक पेरेंट्स को लग गई और उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी की इस कार्यशैली की शिकायत प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री से की जिसके फलस्वरूप ही शिक्षा निदेशक ने प्रिंसिपल फतेहपुर चंदीला द्वारा की गई जांच इंक्वायरी रिपोर्ट को ही सही मानकर उस पर ही उचित कार्रवाई करने के लिए चेयरमैन एफएफआरसी को कहा गया है। अभिभावक रवि मित्तल, नरेंद्र मुंजाल ने कहा है कि इस स्कूल की पिछले 3 साल की बैलेंस शीट से पता चला है कि इस स्कूल के पास लाखों में सरप्लस व रिजर्व फंड है। आमदनी व खर्च में काफी हेराफेरी की गई है। डीएवी14 ने फीस व सेल्स के रूप में 37 करोड़ से ज्यादा पैसे आमदनी में दिखाए हैं। किन किन फंडों में फीस लेकर व किस-किस मदों में सेल्स करके आमदनी की है उसको नहीं बताया है। इसी प्रकार आमदनी और खर्चों को पूरा करने के लिए असिस्टेंस के रूप में 17-18 में एक करोड़ 90 लाख , 18-19 में तीन करोड़ से ज्यादा खर्चा दिखाया गया है। किस रूप से और किन मदों में यह खर्च हुआ यह नहीं बताया है। इसके अलावा 14 करोड़ 60 लाख की बैंक में एफडी दिखाई गई है। फिर भी यह स्कूल कहता है कि वह घाटे में है।वे डीएवी 14 स्कूल के पिछले 5 साल के खातों व आमदनी व खर्च की जांच सीएजी से कराने के लिए प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को से अपील के रहे हैं।
से कराई गई। 29 जनवरी को जांच अधिकारी ने जिला शिक्षा अधिकारी को इंक्वायरी जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की। जिला शिक्षा अधिकारी ने जांच रिपोर्ट पर अपनी सहमति और संतुष्टि प्रकट करते हुए 3 फरवरी को उसे उचित कार्यवाही हुए शिक्षा निदेशक पंचकूला को भेज दिया। अभिभावक रवि मित्तल का आरोप है कि एक ओर जिला शिक्षा अधिकारी ने शिक्षा निदेशक पंचकूला को इंक्वायरी जांच रिपोर्ट पर अपनी सहमति देकर उस पर उचित कार्रवाई करने को कहा तो दूसरी ओर 15 अप्रैल को उन्होंने अपने स्तर पर ब्लॉक शिक्षा अधिकारी फरीदाबाद श्री मित्तल की अध्यक्षता में राजकीय ओल्ड फरीदाबाद व तिकोना पार्क के प्रिंसिपल की एक जांच कमेटी बनाकर शिकायतों की पुनः जांच करने के आदेश दिए और 30 मई को इसकी सूचना शिक्षा निदेशक पंचकूला को देकर मूल इंक्वारी रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डलवाने की कोशिश की। इसकी भनक पेरेंट्स को लग गई और उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी की इस कार्यशैली की शिकायत प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री से की जिसके फलस्वरूप ही शिक्षा निदेशक ने प्रिंसिपल फतेहपुर चंदीला द्वारा की गई जांच इंक्वायरी रिपोर्ट को ही सही मानकर उस पर ही उचित कार्रवाई करने के लिए चेयरमैन एफएफआरसी को कहा गया है। अभिभावक रवि मित्तल, नरेंद्र मुंजाल ने कहा है कि इस स्कूल की पिछले 3 साल की बैलेंस शीट से पता चला है कि इस स्कूल के पास लाखों में सरप्लस व रिजर्व फंड है। आमदनी व खर्च में काफी हेराफेरी की गई है। डीएवी14 ने फीस व सेल्स के रूप में 37 करोड़ से ज्यादा पैसे आमदनी में दिखाए हैं। किन किन फंडों में फीस लेकर व किस-किस मदों में सेल्स करके आमदनी की है उसको नहीं बताया है। इसी प्रकार आमदनी और खर्चों को पूरा करने के लिए असिस्टेंस के रूप में 17-18 में एक करोड़ 90 लाख , 18-19 में तीन करोड़ से ज्यादा खर्चा दिखाया गया है। किस रूप से और किन मदों में यह खर्च हुआ यह नहीं बताया है। इसके अलावा 14 करोड़ 60 लाख की बैंक में एफडी दिखाई गई है। फिर भी यह स्कूल कहता है कि वह घाटे में है।वे डीएवी 14 स्कूल के पिछले 5 साल के खातों व आमदनी व खर्च की जांच सीएजी से कराने के लिए प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को से अपील के रहे हैं।
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