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फरीदाबाद में नहर पर आधारित जलघर का निर्माण होना जरूरी - वीरेंद्र सिंह डंगवाल

Posted by : pramod goyal on : Monday 31 May 2021 0 comments
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फरीदाबाद 31 मई बढ़ती हुई जनसंख्या के मद्देनजर पेयजल की समस्या से निजात पाने के लिए फरीदाबाद में नहर पर आधारित जलघर का निर्माण होना जरूरी है। यह मांग उठाते हुए सामाजिक कार्यकर्ता    एवम् हरियाणा गवर्नमेंट पीडब्ल्यूडी मैकेनिकल वर्कर्स यूनियन के पूर्व प्रांतीय प्रधान वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने बताया कि फरीदाबाद हरियाणा प्रदेश की आबादी वाले शहरों में सबसे बड़ा शहर है। लेकिन  फरीदाबाद में नहर पर आधारित वॉटर वर्कर्स नहीं है। जबकि यहां पर छोटे बड़े कल कारखाने भी हैं। जिनमें पानी की खपत सबसे अधिक होती है।  जिसके कारण यहां पर  पीने के पानी की समस्या दिन प्रतिदिन विकराल रूप लेती जा रही है। पानी की खपत सबसे ज्यादा इसलिए भी है। कि यहां जनसंख्या का घनत्व अन्य शहरों की तुलना में सबसे अधिक है। इतनी बड़ी आबादी के लिए नलकूपों से पानी की आपूर्ति संभव नहीं है। आश्चर्य की बात है। कि फरीदाबाद शहर से दो बड़ी नहर गुजरती है। एक नहर गुडगांव कैनाल के नाम से जानी जाती है। दूसरी नहर का नाम आगरा कैनाल है। जो उत्तर प्रदेश को पानी की आपूर्ति करती है। यह अजीब विडंबना ही है। कि जिस शहर से दो  कैनाल निकल रही हैं। उसी में वाटर वर्क्स नहीं है। जबकि हरियाणा के सुदूर दक्षिणी भाग में नारनौल और रेवाड़ी गुड़गांव जिले है। यहां पर भी नहर पर आधारित जलघर है। जो यहां की जनता को शुद्ध पेय जल की आपूर्ति करते हैं। यहां पर सबसे पहले नहरी पानी को इन जल घरों में बने स्टोरेज टैंक में रखा जाता है। इसके बाद पानी को फिल्टर करके इसमें ब्लीचिंग पाउडर और ट्विन ऑक्साइड मिलाई जाती है। जब पानी कीटाणु रहित हो जाता है तो तब आम जनता के बीच पीने के लिए सप्लाई किया जाता है। इस प्रक्रिया को नलकूपों पर आधारित वाटर वर्क्स के ऊपर लागू नहीं किया जा सकता है। इसकी वजह से पानी शुद्ध नहीं हो पाता है। यही कारण है। कि फरीदाबाद में बोतल बंद पानी का कारोबार काफी तेजी से बढ़ रहा है। जमीन के अंदर के पानी का दोहन होने की वजह से जल स्तर लगातार नीचे गिर रहा है। हर साल  नल कूप  खराब हो जाते हैं। खारा पानी देने लगते हैं। यह बात डंगवाल ने आज सोमवार को आरडी 27 गुडगांव कैनाल पर श्री बाल किशन मेट की विदाई समारोह पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए दी। अपने भाषण में उन्होंने बताया कि गुडगांव कैनाल का पानी कोरना काल  में काफी स्वच्छ दिखाई दे रहा है। इसकी वजह दिल्ली के कल कारखानों का बंद होना ही है। यदि राज्य और केंद्र  सरकार आम दिनों में भी कल कारखानों से निकलने वाले गंदे पानी की निकासी की उचित व्यवस्था करें और इसको जमुना नदी और नहर में छोड़ने में रोक लगाने में सफल हो जाती है। तो फरीदाबाद में पीने के पानी के लिए जलघर का निर्माण करना आसान हो जाएगा। उन्होंने कहा कि फरीदाबाद की आबादी लगातार बढ़ रही हैं। नई कॉलोनियों का विस्तार हो रहा है। लेकिन गर्मी का सीजन आते ही पीने के पानी के लिए हाहाकार मच जाती है। सरकार के पास इस समस्या से निजात पाने के लिए कोई ठोस योजना नहीं है। ट्यूब वैल से इतनी बड़ी आबादी वाले शहर की प्रत्येक कॉलोनी में पीने का पानी पहुंचाना नामुमकिन काम है। रेनीवेल की योजना लागू होने के बावजूद आज भी एनआईटी 86 विधानसभा क्षेत्र के कई इलाकों में जैसे गोछी, सेक्टर 55  प्रतापगढ़, जीवन नगर पार्ट वन और टू पर्वती कॉलोनी, डबुआ, नगला, सहित अनेकों कच्ची कॉलोनियों में पीने के पानी की भारी कमी महसूस की जा रही है। यहां के निवासी टैंकरों से पीने के लिए पानी खरीदने पर मजबूर हो रहे हैं। नगर निगम के अधिकारी उन्हें पीने का पानी नहीं दे पा रहे हैं। पुराने नलकूपों से मीठा पानी निकलना बंद हो गया है। जल स्तर लगातार गिरता जा रहा है। नए ट्यूबवेल खोदने पर  लगभग 300फुट पर भी पानी नहीं मिलता है। उन्होंने बताया कि जब दिल्ली के लिए पानीपत से समानांतर नहर निकालकर दिल्ली में हैदरपुर और चंदावल  वाटर्स वर्क्स के लिए पानी लाया जा सकता है। तो  हरियाणा की सरकार फरीदाबाद में दो नहरो  के होने के बावजूद भी जलघर का निर्माण क्यों नहीं कर सकती है। इसलिए सरकार को चाहिए कि फरीदाबाद में यदि पीने के पानी के संकट से छुटकारा पाना है। तो यहां पर नहर पर आधारित जलघर का निर्माण कार्य शुरू किया जाना चाहिए। इस काम के बड़ी याजोना को अमल में लाया जाना  चाहिए। जिससे कि प्रतिवर्ष होने वाली समस्या से निजात मिल सके। उन्होंने बताया कि नहर पर आधारित पेयजल की योजना पर बहुत कम लागत आती है। यह योजना काफी  टिकाऊ और कम खर्चीली है। इस योजना के लागू होने से रोजमर्रा ट्यूब बलों के बोर् फेल  होने की समस्या से निजात मिल जाएगी। आज की विदाई समारोह में हरियाणा गवर्नमेंट पीडब्ल्यूडी मैकेनिकल वर्कर्स यूनियन के जिला प्रधान अतर सिंह, सिंचाई विभाग लिपिक वर्गीय एसोसिएशन  के जिला सचिव हरीश नागपाल, सिंचाई ब्रांच के प्रधान एवं सर्व कर्मचारी संघ के ब्लॉक सचिव जगदीश चंद्र, के साथ साथ चेयरमैन नेमचंद चौहान, उप प्रधान राजमल, हुकम चंद , कोषाध्यक्ष समय सिंह, ब्रांच के सचिव देवी सिंह, अरुण कुमार, मोहन गिरधारी, सोहन पाल सेवानिवृत्त कर्मचारी राजेंद्र सिह, बी एंड आर के प्रधान कप्पी, वन मजदूर यूनियन के जिला प्रधान ब्रह्म सिंह  चंदेला भी मौजूद रहे।

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