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झारखंड सरकार ने सबसे पहले पहल करते हुए कोरोना काल में प्राइवेट स्कूलों की सभी प्रकार की फीस पर रोक लगाई है।हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने इस पहल का स्वागत करते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर हरियाणा में भी ऐसा आदेश निकालने की अपील की है। हरियाणा के सभी अभिभावकों की ओर से मंच ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर निवेदन किया है कि जिस प्रका
र उन्होंने पहले कोरोना काल में इस बारे में आदेश निकलवा कर दुखी व परेशान अभिभावकों की मदद की थी उसी प्रकार दोबारा आई इस विपदा के समय भी अभिभावकों की मदद करें और प्राइवेट स्कूलों द्वारा पेरेंट्स से ट्यूशन फीस व अन्य फंडों में मांगी जा रही सब प्रकार की फीस पर रोक लगाएं।
मंच के जिला सचिव डॉ मनोज शर्मा ने कहा है कि मंच की ओर से प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट ओपी शर्मा व प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने 24 अप्रैल को इस बारे में मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर उसको सीएम मेल व ट्वीट पर भेजा है।मंच को उम्मीद है कि जिस तरह झारखंड सरकार ने अभिभावकों के हित में फैसला लिया है उसी प्रकार मुख्यमंत्री हरियाणा भी अभिभावकों के हित में फैसला लेंगे। मंच ने मुख्यमंत्री से कहा है कि 1अप्रैल से स्कूल बंद हैं। 31 मई तक शिक्षकों की भी ग्रीष्मकालीन छुट्टी कर दी गई हैं। कोरोना के बढ़ते प्रकोप के चलते घरेलू व दसवीं बोर्ड की परीक्षा समाप्त कर दी गई हैं। 12वीं बोर्ड परीक्षा का भी निर्णय स्थगित है। स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई नहीं हो रही है। उसके बावजूद प्राइवेट स्कूल संचालकों द्वारा पेरेंट्स को नोटिस भेजकर बढ़ाई गई ट्यूशन फीस व अन्य बढ़ाए गए गैरकानूनी फंडों जैसे दाखिला शुल्क, वार्षिक शुल्क, डेवलपमेंट फंड, ट्रांसपोर्ट चार्ज आदि कई फंडों में 25 अप्रैल तक फीस जमा कराने के लिए दबाव डाला जा रहा है। ऐसा न करने पर प्रतिदिन जुर्माना करने की, स्कूल से नाम काट देने की धमकी दी जा रही है। स्कूलों की इस मनमानी से पहले से ही आर्थिक मंदी के शिकार व दुखी,परेशान अभिभावक सहमे हुए हैं और उनमें रोष है। अतः स्कूलों की इस मनमानी पर तुरंत रोक लगाई जाए।
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