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हंगामे और आधी अधूरी तैयारी के साथ फरीदाबाद नगर निगम वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 2593.93 करोड़ रुपए का बजट पास

Posted by : pramod goyal on : Monday 1 March 2021 0 comments
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 हंगामे और आधी अधूरी तैयारी के साथ फरीदाबाद नगर निगम ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 2593.93 करोड़ रुपए का बजट पास कर दिया। बैठक की अध्यक्षता मेयर सुमन बाला ने की। करीब तीन घंटे तक चली इस मंथन बजट बैठक की खास बात ये रही कि शहरवासियों पर न तो कोई टैक्स का भार


पड़ा है और न ही विकास के लिए कोई पैसे की व्यवस्था की गई है। पार्षदों की मानें तो बजट की 52 फीसदी राशि सिर्फ नगर निगम को चलाने पर खर्च की जाएगी। विकास के नाम पर महज 42 फीसदी राशि ही रखी गई है।

बजट सत्र में जमकर हंगामा भी हुआ। वार्ड तीन के पार्षद जयवीर खटाना ने निगम अधिकारियों से सवाल जवाब किए तो कमिश्नर यशपाल यादव नाराज हो गए। उन्होंने पार्षद को कहा कि आप ऊंची आवाज में अधिकारियों से ऐसे बात नहीं कर सकते। इस पर पार्षद ने जवाब देते हुए कहा कि जब सदन में सदस्यों का कोई मान सम्मान नहीं है तो वह पार्षद पद से इस्तीफा दे देंगे। वहीं दूसरी ओर निगम की अफसरशाही से नाराज वार्ड 34 के पार्षद कुलवीर तेवतिया ने कोई सुनवाई न होने पर बजट की प्रति सदन में फाड़कर नाराजगी जाहिर की।

निगम के बजट में खास बात ये रही कि नगर निगम को आमदनी कम होगी, लेकिन खर्च अधिक होगा। बजट में निगम ने विभिन्न करों से कुल 2576.67 करोड़ रुपए आय होने का अनुमान लगाया है। लेकिन खर्च 2592.93 करोड़ होगा यानी आमदनी से करीब 17.25 करोड़ रुपए अधिक खर्च किया जाएगा।

इन मदों से होगी 2576.67 करोड़ की आय

जमीन बेचकर निगम 1391.25 करोड़, सरकार द्वारा अनुदान राशि 5 करोड़, करों से आय 485.08 करोड़, लाइसेंस व प्लानिंग विभाग से आय 658.245 करोड़ और अन्य मदों से 37.01 करोड़ की आमदनी करेगा।

निगम अपने 7330 कर्मचारियों के वेतन, महंगाई भत्ते, ग्रेच्यूटी, पेंशन, मेडिक्लेम आदि पर कुल 2593.93 करोड़ रुपए खर्च करेगा। अकेले वेतन पर 364.47 करोड़, प्रशासनिक खर्च पर 7.23 करोड़, ऑपरेशन एवं मेंटेनेंस पर 2015.07 करोड़ और अन्य मदों पर 207.06 करोड़ रुपए खर्च करेगा। बजट सत्र में शामिल NIT के कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा ने बजट पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि बजट में जो प्रावधान किया गया है, उसके हिसाब से बजट की 52 फीसदी राशि सिर्फ नगर निगम को चलाने पर खर्च की जाएगी। ऐसे में बाकी बची 48 फीसदी राशि से शहर का कितना विकास होगा, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।

बजट सत्र की बैठक हंगामेदार रही। खास बात ये है कि वार्ड तीन के पार्षद जयवीर खटाना ने फाइनेंस कंट्रोलर से पिछले वर्ष जमीन बेचकर निगम को हुई आमदनी का ब्यौरा मांगा। इस बात पर कमिश्नर यशपाल यादव से उनकी नोकझोंक हो गई। कमिश्नर बोले, आप ऐसे तेज आवाज में बात नहीं कर सकते।

पार्षद ने जवाब दिया कि जब सदन में सदस्यों का सम्मान नहीं हो सकता तो सदन में बने रहने का कोई मतलब नहीं है। मेयर को मैं अपना इस्तीफा भेज दूंगा। निगम कमिश्नर हमारे वार्ड को गोद ले लें। वहीं दूसरी ओर वार्ड 34 के पार्षद कुलवीर तेवतिया ने निगम की अफसरशाही पर आरोप लगाकर बजट की प्रति फाड़कर फेंक दी। उन्होंने कहा कि जब वार्ड में कोई काम नहीं हो सकता तो इस बजट को पास करने का मतलब क्या है।

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