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26 फरवरी को जिला मुख्यालयों पर आयोजित प्रदर्शनों में जोरदार तरीके से उठाया जाएगा कर्मचारियों की लंबित मांगों को

Posted by : pramod goyal on : Wednesday 24 February 2021 0 comments
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 फरीदाबाद,24 फरवरी। 26 फरवरी को जिला मुख्यालयों पर आयोजित प्रदर्शनों में कर्मियों के बकाया वेतन और पीजीटी संस्कृत व टीजीटी अंग्रेजी की भर्ती को रद्द करने के मामले को जोरदार तरीके से उठाया जाएगा। यह जानकारी देते हुए सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री व अभारासकम के कोषाध्यक्ष श्रीपाल सिंह भाटी ने बताया कि सरकार कर्मचारियों की लंबित मांगों का बातचीत से समाधान करने की बजाय बड़े पैमाने पर कर्मियों की छंटनी कर रही है। सरकार ने वर्ष 2015 में विज्ञापित पीजीटी संस्कृत व टीजीटी अंग्रेजी के 1661 पदों की भर्ती को रद्द करके ज्वाइनिंग की प्रतीक्षा कर रहे चयनित अभ्यर्थियों के भविष्य को बर्बाद कर दिया है। उन्होंने बताया कि टूरिज्म, महिला एवं बाल विकास विभाग,जन स्वास्थ्य व मेवात माडल स्कूलों सहित दर्जनों विभागों के कर्मचारियों के कई महीनों से वेतन न मिलने पर इनके परिवार भूखमरी के कागार पर पहुंच गए हैं। उन्होंने बताया कि 26 फरवरी को जिला मुख्यालयों पर आयोजित प्रदर्शनों में ठेका प्रथा समाप्त कर सभी प्रकार के कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने, पक्का होने तक समान काम समान वेतन व सेवा सुरक्षा प्रदान करने, पुरानी पेंशन,डीए व एलटीसी बहाल करने, पूंजीपतियों के हकों में बनाए गए लेबर कोड्स व बिजली संशोधन बिल 2021 को वापस लेने,जन सेवाओं के निजीकरण पर रोक लगाने, छंटनी किए गए कर्मियों को बहाल करने आदि मांगों को प्रमुखता से उठाया जाएगा। जिला प्रधान अशोक कुमार व सचिव बलबीर सिंह बालगुहेर ने बताया कि 26 फरवरी को विभिन्न विभागों के कर्मचारी ओपन एयर थियेटर में एकत्रित होंगे और वहां से जुलूस की शक्ल में सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए डीसी आफिस पर प्रदर्शन करेंगे।


सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने बताया कि
 कोरोना योद्धाओं की सेवा में जुटे हरियाणा टूरिज्म के कर्मियों  को 4 से 6 महीने से वेतन नहीं मिल रहा है। ऐसा इसलिए हो रहा है कि सरकार कोरोना में मेडिकल व पैरामेडिकल स्टाफ टूरिज्म के होटलों में रुका हुआ है और टूरिज्म द्वारा सरकार की भेजें इनके खर्चे के बिलों का भुगतान नही हो रहा है। इसी प्रकार महिला एवं बाल विकास विभाग में आईसीडीएस सुपरवाइजर व अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों के 4 महीने से वेतन नहीं मिल रहा है। जन स्वास्थ्य विभाग में वाटर पंप आपरेटरों के 6 से 7 महीने से वेतन नहीं मिला है। इसी प्रकार मेवात माडल स्कूलों में कार्यरत टीचिंग व नान टीचिंग स्टाफ को कई महीनों से वेतन नहीं मिला है और ना ही सीएम की घोषणा के बावजूद स्टाफ को सरकारी स्कूलों में समायोजन किया गया है। उन्होंने बताया कि अन्य कई विभागों की हालत भी ऐसी ही है। उन्होंने बताया कि सरकार ने 1983 बर्खास्त पीटीआई को एडजस्ट करने की बजाय 618 ड्राइंग टीचर व हजारों 2019 में खेल कोटे में लगे ग्रुप डी के कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है। इसी प्रकार सरकार ने गुरुग्राम नगर निगम से करीब 500, केडीबी कुरुक्षेत्र में 65 सफाई कर्मचारियों, मार्किट कमेटी करनाल से 22 सफाई कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। सरकारी कालेज से भी दो दर्जन से ज्यादा और बिजली निगमों से भी सैकड़ों ठेका कर्मियों को नौकरी से निकाला जा चुका है। उन्होंने बताया कि अब सरकार एक एजेंसी को पुरे प्रदेश में ठेका देने के बहाने स्वास्थ्य विभाग सहित सभी विभागों में ठेके पर लगे कर्मचारियों को नौकरी से निकाल कर अपने चेहतों को लगाने का प्रयास कर रही है। जिसको बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसका तीखा विरोध किया जाएगा।

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