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आनलाइन ट्रांसफर से गुस्साए बिजली कर्मचारियों ने दुसरे दिन भी सब डिवीजन स्तर पर विरोध प्रदर्शन किए

Posted by : pramod goyal on : Tuesday 5 January 2021 0 comments
pramod goyal
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 बिजली निगम प्रबंधकों द्वारा हजारों की संख्या में जेई, यूडीसी व एलडीसी की आनलाइन ट्रांसफर से गुस्साए बिजली कर्मचारियों ने बुधवार को दुसरे दिन भी सब डिवीजन स्तर पर विरोध प्रदर्शन किए। प्रदर्शनों में सर्व सम्मति से पारित किए गए प्रस्ताव में गैर जरूरी किए गए ट्रांसफरों को रद्द करने की मांग की। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष व एएचपीसी वर्कर यूनियन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुभाष लांबा ने बिजली कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि 4 व 5 जनवरी को प्रदेश भर में किए गए विरोध प्रदर्शनों के बावजूद निगम प्रबंधकों ने कोई कदम नहीं उठाया है। इसलिए बिजली कर्मचारी आंदोलन की अगली कड़ी में बुधवार 6 जनवरी को दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के हिसार मुख्यालय पर राज्य स्तरीय आक्रोश प्रदर्शन करेंगे। प्रदर्शनों का नेतृत्व बल्लभगढ़ में रामचरण पुष्कर, रमेश चन्द्र तेवतिया, कृष्ण कुमार व कुलबीर राठी, एनआईटी में शब्बीर अहमद,भूपसिंह, गिरीश राजपूत व डिगंबर सिंह,ओल्ड में करतार सिंह व सतीश छाबड़ी और ग्रेटर फरीदाबाद में मनोज जाखड़, दिनेश शर्मा व अशरफ गांधी ने किया। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने इंडस्ट्रीयल एरिया सब डिवीजन में कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि यूनियन के विरोध के बावजूद दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम ने पहली जनवरी को 114 जेई,112 यूडीसी व 314 एलडीसी और उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम ने 79 यूडीसी व 336 एलडीसी के आनलाइन ट्रांसफर किए हैं। उन्होंने बताया कि बिजली निगमों में स्टाफ की भारी कमी के चलते एक एक यूडीसी व एलडीसी दो से तीन कर्मचारियों का काम कर रहे हैं। यह सब उनके उस दफ्तर में उनके अनुभव के कारण ही हो पा रहा है। उन्होंने बताया कि क्लेरिकल स्टाफ कम होने के कारण तकनीकी कर्मचारी दफ्तर चला रहे हैं। जेई,यूडीसी व एलडीसी की बड़े पैमाने पर ट्रांसफर होने से निगमों का काम काज बुरी तरह प्रभावित होना लाजिमी है। 


उन्होंने बताया कि यूनियन ने वितरण निगमों के प्रबंध निदेशकों से तकनीकी विभाग होने के कारण बिजली विभाग में आनलाइन ट्रांसफर पालिसी को लागू न करने का अनुरोध किया था और निगम प्रबंधकों ने आनलाइन ट्रांसफर करने से पहले यूनियन के साथ बातचीत करने का आश्वासन दिया था। उन्होंने बताया कि जब यूनियन को आभास हुआ कि आनलाइन ट्रांसफर करने की तैयारी की जा रही है तो यूनियन ने 11 दिसंबर को विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टीसी गुप्ता को पत्र लिखकर आनलाइन ट्रांसफर प्रक्रिया पर रोक लगाने और यूनियन से बातचीत करने की मांग की गई। उन्होंने बताया कि यूनियन ने उक्त पत्र में स्पष्ट किया था कि अगर यूनियन के अनुरोध को ठुकरा कर ट्रांसफर किए गए तो कर्मचारी इसका विरोध करेंगे। लेकिन एसीएस व निगम प्रबंधकों ने कर्मचारियों के अनुरोध को दरकिनार करते हुए नववर्ष के पहले दिन ही ट्रांसफर कर दिए। उन्होंने कहा कि तकनीकी विभाग होने के कारण बिजली विभाग बाकी विभागों से भिन्न है। बिजली कर्मचारियों को चालू व लाईन बंद करवाके लाइनों पर काम करना पड़ता है। जिसमें अनुभव व लाइनों की जानकारी होना बहुत जरूरी है। इसमें कमी के चलते दुर्घटनाओं में हजारों कर्मचारी मौत के मुंह में जा चुके हैं और हजारों अपाहिज होकर नरकीय जीवन जीने पर मजदूर है। इसी प्रकार बिजली निगमों में क्लेरिकल स्टाफ भी बैंकिंग सेक्टर के कर्मचारियों की भांति काम करता है, जिसमें अनुभव बहुत मायने रखता है। लेकिन निगम प्रबंधन इनको अनदेखा कर आनलाइन ट्रांसफर करने पर आमादा है। जिसको बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।


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