HEADLINES


More

सीटू ने 12 जनवरी को उपायुक्त कार्यालय के घेराव और जेल भरो आंदोलन की रणनीति बनाई

Posted by : pramod goyal on : Tuesday 5 January 2021 0 comments
pramod goyal
Saved under : , ,
//# Adsense Code Here #//

 फरीदाबाद 5 जनवरी सेंटर आफ इंडियन ट्रेड यूनियन सीटू जिला कमेटी फरीदाबाद ने आगामी 12 जनवरी को उपायुक्त कार्यालय के घेराव और जेल भरो आंदोलन की तैयारी के लिए रणनीति बनाई। यह निर्णय सीटू जिला कमेटी की विस्तारि


त बैठक में लिया गया। बैठक सीटू के बसेलुआ कॉलोनी स्थित कार्यालय में हुई। इसमें सभी कारखानों के मजदूर प्रतिनिधियों के अलावा विभिन्न परियोजना कर्मियों ने भी भाग लिया।सभी ने इस आंदोलन को सफल बनाने के लिए अपने अपने कार्यकर्ताओं की विस्तारित बैठक करने की योजना बनाई। यह जानकारी सीटू के जिला उपाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने यहां से जारी एक बयान में दी। उन्होंने बताया कि 8 जनवरी को सराय फाटक से दयाल नगर तक मजदूर प्रदर्शन करके किसानों की मांगों पर जनता का ध्यान आकर्षित करने लिए  जुलूस निकालेंगे। इस के बाद 9 जनवरी को गुड ईयर चौक से पटेल नगर तक मजदूर प्रदर्शन करते हुए जाएंगे। आगामी 10 जनवरी को मूजेशर रेलवे फाटक से 24 सेक्टर की मजदूर बस्ती तक किसानों के आंदोलन के समर्थन में जुलूस निकाला जाएगा। इसके अलावा आशा वर्कर यूनियन, आंगनवाड़ी वर्कर्स एवं हेल्पर यूनियन,मिड डे मील,मदर ग्रुप सीमित, ग्रामीण सफाई कर्मचारियों के अलावा स्टार वायर, एवरी इंडिया,हरियाणा टैक्स प्रिंट, चंदा इंडस्ट्री, ओ एम पी, वन मजदूर यूनियन, ग्रामीण चौकीदार,  सभा के अलावा ऑटो रिक्शा ड्राइवर यूनियन भी अपने मजदूरों की अलग से बैठक बुलाएंगे। डंगवाल ने बताया कि देश की सरकार किसानों के खिलाफ बनाए गए तीनों कृषि कानूनों को रद्द नहीं कर रही है। इस मांग को लेकर देश के किसान दिल्ली की सीमाओं पर पिछले 40 दिनों से डटे हुए हैं। भारी बारिश और सर्दी होने के बावजूद भी उनके हौसले बुलंद हैं। लेकिन सरकार उनकी मांगों को लागू करने की बजाएं तारीख पर तारीख दे रही है। उन्होंने कहा कि इन कानूनों के जरिए देश की सरकार किसानों से उनके अधिकार छीनना चाहती है। इससे पहले भी सरकार ने कोरोना कॉल की आड़ में देश के मजदूरों के लिए बनाए गए श्रम कानूनों में भी संशोधन कर दिए दिया। नए श्रम कानूनों में कारखाने के मालिकों को अधिक अधिकार दे दिए गए हैं। श्रमिकों के अधिकारों में भारी कटौती कर दी गई हैं। अब न्यूनतम वेतन का अधिकार भी सुरक्षित नहीं रहा। यूनियन बनाने हड़ताल करने प्रदर्शन करने जलसा जलूस निकालने पर भी पाबंदी लगाने का इरादा है। इसके अलावा यह सरकार लगातार सार्वजनिक क्षेत्रों को निजी हाथों में देने की योजना बना रही है। देश के बेरोजगारों को सबसे अधिक रोजगार प्रदान करने वाला विभाग भारतीय रेल, अनाज का भंडारण करने वाली एफसीआई को भी अदानी अंबानी के हवाले किया जा रहा है। रेलवे स्टेशन हवाई अड्डों, बंदरगाह, के रखरखाव के कार्य भी निजी कंपनियों के हवाले किए जा रहे हैं। सरकारी विभागों में कर्मचारियों की भर्ती बंद की जा रही है। स्वीकृत पदों को समाप्त किया जा रहा है। रेगुलर प्रवृत्ति के कार्यों पर आउटसोर्सिंग के जरिए कार्य लिया जा रहा है।इस सरकार ने कर्मचारियों एवं पेंशन धारकों को मिलने वाला महंगाई भत्ते की किस्त पर भी जुलाई 2021 तक रोक लगा दी है। कर्मचारियों की जबरी तौर पर सेवानिवृत्त के लिए आदेश दिए जा रहे हैं। इतना ही नहीं बैंकों बीमा कंपनियों, इंडियन ऑयल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम, भारत पैट्रोलियम, कोयले और अभ्रक की खानों को भी प्राइवेट कंपनियों के हवाले किया जा रहा है। इस लिए इस सरकार की मजदूर कर्मचारी और किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ आंदोलन को और तेज किया जाएगा। इस बैठक की अध्यक्षता कामगार यूनियन के प्रधान विरेंद्र पाल ने की जबकि संचालन लालबाबू शर्मा ने किया। इस मौके पर सीटू के जिला प्रधान निरंतर पाराशर, के पी सिंह, जीनत जमाल, दीपक कुमार, सुरेंद्र मिश्रा, प्रवीण कुमार, रवि गुलिया, सुधा पाल, हेमलता, मिड डे मील की प्रधान कमलेश चौधरी,भी उपस्थित रहे।

No comments :

Leave a Reply