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सिद्धपीठ वैष्णोदेवी मंदिर में नवरात्रों के पहले दिन हुई मां शैलपुत्री की भव्य पूजा

Posted by : pramod goyal on : Saturday 17 October 2020 0 comments
pramod goyal
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 फरीदाबाद। नवरात्रों के पहले दिन सिद्धपीठ महारानी वैष्णोदेवी मंदिर तिकोना पार्क में माता शैलपुत्री की धूमधाम से पूजा अर्चना की गई। इस अवसर पर मंदिर में प्रातकालीन पूजा अर्चना के साथ हवन यज्ञ का आयोजन किया गया तथा मां की ज्योत प्रवज्जलित की गई। इस अवसर पर शहर के प्रमुख उद्योगपति आर.के. बत्तरा, प्रदीप झांब, जेके सचदेवा, प्रताप भाटिया एवं पूर्व एसीपी दर्शनलाल मलिक प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

मंदिर संस्थान के प्रधान जगदीश भाटिया ने आए हुए अतिथियों का स्वागत किया तथा बताया कि कोविड-19 के अंतर्गत मंदिर में सभी प्रबंध किए गए हैं। सभी श्रद्धालुओं को मास्क के बिना मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा और इसके साथ साथ सेनीटाईजर की विशेष व्यवस्था मंदिर में की गई है। मंदिर में पूजा अर्चना के दौरान सोशल डिस्टेंस का विशेष ध्यान रखा जा रहा है।
मंदिर में हवन यज्ञ व ज्योत प्रवज्जलित करने के उपरांत प्रधान जगदीश भाटिया ने कहा कि नवरात्रों के प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा करने का विधान है। उन्होंने बताया कि मां शैलपुत्री के पूर्व जन्म में उनके पिता राजा दक्ष थे। पिता राजा दक्ष के यहां पति शिव के तिरस्कार से कुपित सती यज्ञानि में कूद गई। शिव के गण वीरभद्र सती के जलते शरीर को लेकर लौट रहे थे। धरती पर सती के अंग जहां जहां गिरे, वहां वहां शक्तिपीठ स्थापित हो गए। सती का अगला जन्म शैलराज की पुत्री पार्वती के रूप में हुआ। घोर तपस्या के बाद शिव ने उनका वरण किया। पर्वतराज की पुत्री होने से माता के प्रथम स्वरूप का नाम शैलपुत्री पड़ा। श्री भाटिया ने कहा कि मां शैलपुत्री की अराधना करने से भक्तों के  मन की सभी मुरादें पूरी होती हैं। इस अवसर पर मंदिर में फकीरचंद कथूरिया, प्रीतम भाटिया, नेतराम गांधी, राहुल, धीरज, एसके भाटिया, रमेश सहगल तथा अनिल भाटिया ने पूजा अर्चना में हिस्सा लिया।


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