HEADLINES


More

जे.सी. बोस वाईएमसीए यूनीवर्सिटी ने विद्यार्थियों की फीस माफी के लिए जारी की नीति

Posted by : pramod goyal on : Tuesday 11 August 2020 0 comments
pramod goyal
//# Adsense Code Here #//
फरीदाबाद। फीस माफ करने वाला फरीदाबाद का जे.सी. बोस वाईएमसीए विश्वविद्यालय देश का पहला शिक्षण संस्थान बना है, कोरोना महामारी के दृष्टिगत वित्तीय कठिनाइयों के कारण फीस देने में असमर्थ विद्यार्थियों को राहत देने में एक और कदम उठाते हुए जे.सी. बोस वाईएमसीए यूनीवर्सिटी ने आर्थिक रूप से कमजोर और जरूरतमंद विद्यार्थियों की शत प्र
तिशत तक ट्यूशन फीस माफ करने की नीति जारी की है और ऐसे विद्यार्थियों से आवेदन मांगे हैं जो परिवार में वित्तीय कठिनाईयों के कारण अपनी फीस या बकाया का भुगतान करने में असमर्थ हैं। परिवार में कमाने वाले एकमात्र सदस्य का रोजगार या कमाई का जरिया खत्म हो गया हो या उसे काफी वित्तीय हानि हुई हो, अथवा कमाने वाले एकमात्र सदस्य की मृत्यु हो गई हो अथवा विद्यार्थी या परिवार में किसी सदस्य को किसी ऐसी गंभीर बीमारी हो ग्रस्त हो, जिस पर अत्याधिक खर्च होता है। इस तरह के किसी भी मामले में विश्वविद्यालय विद्यार्थी को फीस माफी की राहत देगा।
वीओ - इस संबंध में जानकारी देते हुए कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय कोरोना महामारी के बीच विद्यार्थियों और उनके परिजनों को हो रही कठिनाइयों को समझता है और उन्हें राहत देने के लिए हरसंभव उपाय करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस मुद्दे को प्राथमिकता पर लेते हुए विश्वविद्यालय ने आर्थिक रूप से कमजोर और जरूरतमंद विद्यार्थियों के लिए एक नीति तैयार की है।
कुलपति ने कहा कि यह नीति ऐसे आर्थिक रूप से कमजोर और जरूरतमंद विद्यार्थियों को सहयोग देगी, जो परिवार में वित्तीय समस्याओं के कारण फीस या बकाया का भुगतान करने में असमर्थ है। नीति के अंतर्गत ऐसे मामलों पर विचार किया जायेगा, जिसमें परिवार में कमाने वाले एकमात्र सदस्य का रोजगार या कमाई का जरिया खत्म हो गया हो या उसे काफी वित्तीय हानि हुई हो, अथवा कमाने वाले एकमात्र सदस्य की मृत्यु हो गई हो अथवा विद्यार्थी या परिवार में किसी सदस्य को किसी ऐसी गंभीर बीमारी हो ग्रस्त हो, जिस पर अत्याधिक खर्च होता है। इस तरह के किसी भी मामले में विश्वविद्यालय विद्यार्थी को फीस माफी की राहत देगा। नीति के तहत प्रत्येक मामलों को अलग से देखते हुए ट्यूशन फीस में 50 प्रतिशत तक की प्रतिपूर्ति की जायेगी और ऐसे मामले जहां पर विद्यार्थी के परिवार की वित्तीय स्थिति अत्यंत गंभीर पाई जायेगी, उसे 100 प्रतिशत फीस माफी अथवा प्रतिपूर्ति का लाभ दिया जायेगा।
नीति के अंतर्गत फीस माफी का लाभ उठाने के लिए जरूरतमंद विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर उपलब्ध निर्धारित प्रपत्र पर संबंधित विभागाध्यक्ष के माध्यम आवेदन करना होगा। ऐसे सभी आवेदन विभागाध्यक्ष अपनी सिफारिश के साथ डीन स्टूडेंट वेलफेयर कार्यालय को भेजेंगे। आवेदन प्राप्त होने के बाद, डीन स्टूडेंट वेलफेयर, डीन एकेडमिक अफेयर्स, संबंधित विभाग के चेयरपर्सन और कुलपति द्वारा मनोनीत सदस्य की एक समिति विद्यार्थियों के दावों की जांच करेगी और अनुमोदन के लिए अपनी सिफारिश कुलपति को सौंपेगी।

No comments :

Leave a Reply